Varanasi Dairy Plant: काशी से बहेगी दूध की गंगा, पीएम मोदी करेंगे बनास डेयरी का उद्घाटन, रोजगार में होगा इजाफा

Varanasi Dairy Plant: वाराणसी में बनास काशी संकुल प्लांट बनकर तैयार हो गया है, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी 23 फरवरी को करने वाले हैं। इस परियोजना से 1346 गांवों में रोजगार आएगा।

Banas Kashi Sankul Dairy Plant

वाराणसी में बनास काशी संकुल प्लांट

Varanasi Dairy Plant: वाराणसी में अमूल का सबसे बड़ा डेयरी प्लांट बनास काशी संकुल दूध की गंगा बहाने के लिए तैयार हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 फरवरी को इसका उद्घाटन करने वाले हैं। इस परियोजना से करीब 1 लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। साथ ही पूर्वांचल के किसानों और गाय पालने वालों को भी फायदा होगा। इससे उनकी आय में दोगुना इजाफा होगा। इस प्लांट की क्षमता 10 लाख लीटर प्रतिदिन है यानी 10 लाख लीटर दूध की रोजाना जरूरत पड़ेगी। यह क्षमता भविष्य में 15 लाख लीटर भी की जा सकती है। इस प्लांट के शुरू होने के बाद यूपी के 30 से ज्यादा जिलों को फायदा होगा। पशुपालकों को भी दूध बेचने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा और उन्हें दूध की कीमत भी सही मिल जाएगी। प्लांट के लिए दूध उपलब्ध कराने के लिए हर गांव में दूध कलेक्शन सेंटर खोला जाएगा। फिलहाल 5 से 50 किमी की परिधि में 5 चिलिंग सेंटर खुल चुके हैं। ऐसे 13 चिलिंग पूर्वांचल में खोले जाएंगे।

दूध कलेक्शन के लिए आएगी गाड़ी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर 23 फरवरी को वाराणसी आ रहे हैं। इसी दौरान वे इस डेयरी प्लांट का उद्घाटन करेंगे। इस प्लांट का शिलान्यास 23 दिसंबर 2021 को पीएम मोदी ने किया था। दो साल में यह बनकर तैयार हो गया है। यह प्लांट करखियांव, एग्रो पार्क में 30 एकड़ के एरिया में बना है। जिसकी लागत 622 करोड़ रुपये है। अमूल बनास काशी संकुल परियोजना के चेयरमैन शंकर भाई चौधरी के अनुसार यह प्लांट अत्याधुनिक तकनीकी उपकरणों से लैस है और पूरी तरह से ऑटोमैटिक है। दूध कलेक्शन के लिए हर गांव में दुग्ध क्रय समिति बनाई जा रही है। यह समिति स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेस के तहत दूध को खरीदेगी। दूध कलेक्शन के लिए तय समय पर कंपनी की गाड़ी आएगी और दूध कलेक्ट करेगी। कंपनी साल के अंत में अपने लाभांश का कुछ प्रतिशत दुग्ध उत्पादकों को भी भुगतान करेगी।

इन किसानों को हो रहा लाभ

इस परियोजना से पूर्वांचल में करीब 1346 गांवों में रोजगार के रास्ते खुलेंगे। इससे फैक्टरी में करीब 750 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा और लगभग 2,350 लोगों को फील्ड में रोजगार मिलेगा। एमडी संग्राम चौधरी के अनुसार फिलहाल 5 जिले के किसान इस परियोजना से लाभान्वित हो रहे हैं। इन जिलों में गाज़ीपुर, मीरजापुर, चंदौली, वाराणसी और संतरविदास नगर शामिल हैं। आने वाले समय में जौनपुर, आजमगढ़, कौशांबी, प्रयागराज, अंबेडकर नगर, बलिया, मऊ, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थ नगर, बस्ती, संतकबीर नगर और गोरखपुर के किसानों को भी इसका फायदा मिलेगा। इसके साथ ही भविष्य में कंपनी में पशुओं के लिए कृत्रिम गर्माधान की भी व्यवस्था है। जिससे अधिक दुग्ध उत्पादन किया जा सके। इससे पूर्वांचल में दूध और दूध के उत्पादों में कमी नहीं होगी और मिलावटखोरों पर भी रोक लगेगी।

बनास डेयरी अमूल प्लांट की क्षमता

  • लिक्विड दूध प्रसंस्करण: 8 एलएलपीडी ( लाख लीटर पर डे)
  • पाउच दूध पैकिंग क्षमता: 5 एलएलपीडी (लाख लीटर पर डे)
  • बटर मिल्क निर्माण क्षमता: 75 केएलपीडी ( किलो लीटर पर डे)
  • दही निर्माण क्षमता: 50 एमटीपीडी (मीट्रिक टन पर डे )
  • लस्सी निर्माण क्षमता: 15 केएलपीडी ( किलो लीटर पर डे)
  • आइसक्रीम निर्माण क्षमता: 70 केएलपीडी( किलो लीटर पर डे)
  • पनीर निर्माण क्षमता: 20 एमटीपीडी (मीट्रिक टन पर डे )
  • मिठाई निर्माण संयंत्र: 10 एमटीपीडी (मीट्रिक टन पर डे )

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Pooja Kumari author

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