Shiva Temple in Delhi: दिल्ली का यह शिव मंदिर हैं बहुत ही प्राचीन और प्रसिद्ध, पौराणिक कथाओं से है इसका नाता

Shiva Temple in Delhi: पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित श्री गौरी-शंकर मंदिर का इतिहास स्वर्णिम पन्नों में दर्ज है। यहां पर भगवान शिव का अर्द्घनारीश्वर रूप मिलता है। मंदिर में रोजाना भक्‍तों की भीड़ की भारी उमड़ती है, लेकिन महाशिवरात्रि पर मंदिर की भव्‍यता देखते ही बनती है। भोलेनाथ यहां आने वाले अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं।

Shiva Temple in Delhi

श्री गौरी-शंकर मंदिर

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • श्री गौरी-शंकर मंदिर का इतिहास 800 साल पुराना
  • यहां पांच पीपल के पेड़ के मध्य विराजमान भोलेनाथ
  • मराठा सैनिक आपा गंगाधर ने वर्ष 1761 में कराया था भवन निर्माण

Shiva Temple in Delhi: पुरानी दिल्ली व्‍यापार का केंद्र होने के साथ आस्‍था का भी केंद्र है। यहां पर कई ऐसे मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे हैं, जो प्राचीन होने के साथ ऐतिहासिक भी हैं। इनमें से ही एक है चांदनी चौक स्थित श्री गौरी-शंकर मंदिर। इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में इस मंदिर का अनूठा रहस्य मिलता है। यह मंदिर लाखों श्रद्घालुओं की आस्था का केंद्र है। यहां पर भगवान शिव का अर्द्घनारीश्वर रूप मिलता है। यहां पर रोजाना भक्‍तों की भीड़ उमड़ती है और यह भीड़ महाशिवरात्रि पर हजारों-लाखों की तदात में पहुंच जाती है। मान्यता है कि इस मंदिर में स्थित पांच पीपल के पेड़ के मध्य विराजमान भोलेनाथ अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं।

ऐतिहासिक तथ्‍यों के अनुसार यह मंदिर करीब 800 साल पुराना है। मंदिर के तत्‍कालीन भवन का निर्माण मराठा सैनिक आपा गंगाधर ने वर्ष 1761 में कराया था। इस निर्माण की पूरी कहानी मंदिर की छत पर मौजूद पिरामिड के निचले हिस्से में अंकित किया गया है। इस कहानी के अनुसार, मुगलों के साथ युद्ध में घायल होने के बाद मराठा सैनिक इस मंदिर में पहुंचे थे। यहां उन्होंने भगवान भोलेनाथ की प्रार्थना कर स्‍वास्‍थ्‍य लाभ और जीवन मिला। वर्ष 1909 से इस मंदिर की देखरेख कर रही प्रबंध समिति के अनुसार, करीब दो सदी बाद जब मंदिर का भवन जर्जर होने लगा तो इसका पुनर्निर्माण सेठ जयपुरा ने 1959 में कराया था। इस मंदिर में भगवान शिव के अलावा मां पार्वती, गणेश और कार्तिकेय भगवान की प्रतिमाएं विराजमान हैं। जिसकी वजह से इसका नाम श्री गौरी-शंकर मंदिर पड़ा। भगवान भोलनाथ का आर्शिवाद पाने के लिए यहां पर दिल्‍ली के अलावा दूसरे राज्यों से भी हजारों श्रद्धालु आते हैं।

महाशिवरात्री पर दिखती है मंदिर की भव्‍यता मंदिर प्रबंधन समिति के अनुसार, इस मंदिर का इतिहास शैव संप्रदाय के साथ जुड़ी हुई है। ये मंदिर उसी संप्रदाय का प्रतीक है। यहां पर पांच पीपल के पेड़ों के बीच शिवलिंग सैकड़ों सालों से मौजूद है। यहां पर शिवलिंग चांदी से बने सांपों से घिरा है। जिसके ऊपर रखे चांदी के मटके से जल की बूंद हर समय शिव का अभिषेक करती रहती हैं। इसलिए इसे ब्रह्मांड का केंद्र माना जाता है। श्री गौरी शंकर मंदिर में वैसे तो रोजाना हजारों भक्‍तों का आना जाना लगा रहता है, लेकिन महाशिवरात्रि के अवसर पर इस मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है। पूरे मंदिर को फूलों और लाइटों से सजाया जाता है। मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर मंदिर के अंदर तक पूरे रास्‍ते को कई तरह के फूलों से सजाया जाता है। महाशिवरात्रि पर यहां भक्‍तों की भारी भीड़ उमड़ती है। अगर आप गौरी शंकर मंदिर आना चाहते हैं तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप चांदनी चौक पहुंचकर पैदल ही यहां तक आ सकते हैं।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | दिल्ली (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited