सिंहस्थ 2028 की भव्य तैयारियां; श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आधुनिक तकनीक और समग्र विकास की ओर कदम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन सिंहस्थ 2028 की तैयारियों की समीक्षा बैठक की, जिसमें जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की गई। उन्होंने श्रद्धालुओं की सुविधाओं को प्राथमिकता देते हुए आधुनिक तकनीक के उपयोग पर जोर दिया। इसके साथ ही, उन्होंने आवश्यक मार्गों के चौड़ीकरण और एलिवेटेड ब्रिज निर्माण पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।

Simhastha 2028 का हुआ आगाज
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कलेक्ट्रेट सम्राट विक्रमादित्य संकुल भवन में उज्जैन सिंहस्थ 2028 के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की। इस बैठक में उन्होंने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से सिंहस्थ की तैयारियों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने निर्देश दिए कि साधु, संत और श्रद्धालुओं की आस्था को प्राथमिकता देते हुए सभी कार्य किए जाएं और मॉनिटरिंग के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाए। बैठक में कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि श्रद्धालुओं की सुविधाजनक आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए पूरे मेला क्षेत्र को 4 और 6 लेन मार्गों से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।
इस पर मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि आवश्यक मार्गों के चौड़ीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए और महत्वपूर्ण स्थानों पर एलिवेटेड ब्रिज बनाए जाएं ताकि व्यापार प्रभावित न हो और यातायात सुचारू रूप से संचालित हो सके। इसके साथ ही, उन्होंने रेलवे के साथ समन्वय स्थापित कर शासन के सभी आवश्यक विभागों की इंटीग्रेटेड कार्य योजना तैयार करने का सुझाव दिया, जिससे सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं के आवागमन को व्यवस्थित और सुविधाजनक बनाया जा सके।
सिंहस्थ के 153 में से 27 काम शुरू
सिंहस्थ कार्य योजना की समीक्षा बैठक में संभागायुक्त संजय गुप्ता, सिंहस्थ मेला अधिकारी आशीष सिंह और कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने बताया कि अब तक 153 कार्यों को स्वीकृति मिल चुकी है और वे प्रगति पर हैं। इन परियोजनाओं की कुल लागत 23,332 करोड़ रुपये है, जिसमें सिंहस्थ मद से 3,728 करोड़ के 78 कार्य और विभागीय मद से 19,604 करोड़ के कार्य शामिल हैं। अब तक 27 कार्य प्रारंभ हो चुके हैं, जबकि 94 कार्य निविदा प्रक्रिया में हैं और 32 कार्य प्रशासकीय स्वीकृति की प्रक्रिया में हैं। प्रमुख विकास कार्यों में भवन विकास निगम द्वारा मेडिसिटी मेडिकल कॉलेज का निर्माण, घाटों के निर्माण, कान्ह डायवर्सन क्लोज डक्ट परियोजना और सेवरखेडी-सिलारखेड़ी परियोजना का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मेडिकल टूरिज्म का केंद्र
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मेले में सेना की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रमुख देवस्थानों को शीघ्र ही देवलोक के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना बनाई जाए। साथ ही, उज्जैन में न्यायपालिका द्वारा एक न्यायिक संस्था की स्थापना की जाएगी, जिसकी योजना भी प्रक्रियाधीन रहेगी। मेडिसिटी मेडिकल कॉलेज निर्माण की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए जिले को मेडिकल टूरिज्म का हब बनाने की तैयारियां तेज की जाएं।
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