Income Tax: इनकम टैक्स विभाग ने टैक्सपेर्स को दी 10 लाख रुपये जुर्माने की चेतावनी, ये है वजह
Income Tax: इनकम टैक्स विभाग ने एक नया अभियान शुरू किया है जिसके तहत टैक्सपेयर्स को विदेश में रखी गई प्रॉपर्टी या विदेश में अर्जित आय का खुलासा नहीं किया तो 10 लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है।
टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स विभाग की चेतावनी (तस्वीर-Canva)
Income Tax: इनकम टैक्स विभाग ने टैक्सपेर्स को अपने इनकम रिटर्न (ITR) में विदेश में रखी गई प्रॉपर्टी या विदेश में अर्जित आय का खुलासा करने के महत्व के बारे में याद दिलाने के लिए एक नया अभियान शुरू किया है। 17 नवंबर को शुरू किए गए इस अभियान का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और काला धन विरोधी कानून के तहत अनुपालन सुनिश्चित करना है। इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक जो टैक्सपेयर ऐसी प्रॉपर्टी या इनकम की रिपोर्ट करने में विफल रहते हैं, उन्हें 10 लाख रुपये का भारी जुर्माना लग सकता है। यह अभियान एसेसमेंट ईयर (एवाई) 2024-25 पर केंद्रित है, और सभी पात्र टैक्सपेयर्स को अपने ITR में विदेशी संपत्ति या विदेशी स्रोत आय (FSI) अनुसूची भरना जरूरी है। यह नियम तब भी लागू होता है जब इनकम टैक्स योग्य सीमा से कम हो या विदेशी संपत्ति प्रकट किए गए धन का उपयोग करके अर्जित की गई हो।
विदेशी संपत्ति क्या है? आयकर विभाग की सलाह के मुताबिक विदेशी प्रॉपर्टी में ये शामिल हैं:-
- विदेश में रखे गए बैंक खाते या कस्टोडियल अकाउंट्स
- भारत के बाहर संस्थाओं या बिजनेस में फाइनेंशियल इंटरेस्ट
- विदेश में स्थित अचल संपत्तियां, ट्रस्ट या कोई कैपिटल एसेट्स
- इक्विटी और डेब्ट इंवेस्टमेंट
- ऐसे खाते जहां टैक्सपेयर्स के पास हस्ताक्षर करने का अधिकार है
- नकद मूल्य बीमा या एन्युटी कॉन्ट्रैक्ट
इनकम टैक्स विभाग ने क्या कहा?
इनकम टैक्स विभाग ने स्पष्ट किया है कि आईटीआर में विदेशी संपत्ति या आय का खुलासा न करने पर काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और टैक्स अधिरोपण एक्ट 2015 के तहत जुर्माना लगाया जा सकता है। जुर्माना 10 लाख रुपये तक हो सकता है।
क्या कहता है CBDT ?
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) इनकम टैक्स विभाग को देखता है। उसने कहा कि टैक्सपेयर्स को इंफॉर्मेशनल मैसेज और ईमेल भेजे जाएंगे, जिन्होंने पहले ही AY 2024-25 के लिए अपना ITR दाखिल कर दिया है। ये कॉम्युनिकेशन द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौतों के जरिये पहचाने गए व्यक्तियों को टारगेट करते हैं, जो सुझाव देते हैं कि उनके पास विदेशी संपत्ति हो सकती है या उन्हें विदेश से आय प्राप्त हुई है। CBDT ने एक बयान में बताया कि यह अभियान उन टैक्सपेयर्स के लिए एक अनुस्मारक और मार्गदर्शन के रूप में काम करता है, जिन्होंने अपने ITR में विदेशी प्रॉपर्टी शेड्यूल को पूरा नहीं किया है, खासकर उन मामलों में जिनमें महत्वपूर्ण विदेशी होल्डिंग्स शामिल हैं।
त्रुटियों को सुधारने की समय सीमा
टैक्सपेयर्स के पास 31 दिसंबर 2024 तक संशोधित या विलंबित ITR दाखिल करने के लिए समय है। अगर उन्हें किसी विसंगति को ठीक करने की जरुरत है। अभियान का उद्देश्य अनुपालन सुनिश्चित करना और विदेशी संपत्ति या आय की रिपोर्टिंग में अनजाने में होने वाली चूक को रोकना है।
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