बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर आई UN की रिपोर्ट, सवालों को घेरे में मोहम्मद यूनुस
UN report on Bangladesh Violence: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद हिंदू सहित अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट आई है। इस रिपोर्ट में हिंसा पर बांग्लादेश देश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के दावों को खारिज करते हुए उनकी सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं।

बांग्लादेश में बीते पांच अगस्त को हुआ तख्ता पलट।
UN report on Bangladesh Violence: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद हिंदू सहित अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट आई है। इस रिपोर्ट में हिंसा पर बांग्लादेश देश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के दावों को खारिज करते हुए उनकी सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। दरअसल, बीते पांच अगस्त को बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया। उन्मादित भीड़ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के आवास पर धावा बोल दिया और जमकर उत्पात मचाया। इससे पहले हसीना वहां से निकलकर भारत आ गईं। इसके बाद बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का दौर शुरू हो गया। इस हिंसा में उपद्रवियों के निशाने पर सबसे ज्यादा हिंदू समुदाय और उनकी संपत्तियां रहीं।
हिंसा पर यूनुस ने किए बड़े-बड़े दावे
देश में जारी इस हिंसा और बवाल को रोकने के लिए मोहम्मद यूनुस ने बड़े-बड़े दावे किए थे। उनके इस दावे को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने खारिज किया है। रिपोर्ट में भीड़ द्वारा की गई हिंसा का सबूत पेश किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्मादित भीड़ ने हिंदुओं के मंदिरों एवं प्रतिष्ठानों को जानबूझकर निशाना बनाया। दरअसल, अंतरिम यूनुस सरकार ने यूएन से एक तथ्यान्वेषी दल भेजने का अनुरोध किया था। अगस्त के महीने में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के ऊपर और उनके कारोबारी ठिकानों पर हो रहे हमलों का यूनुस ने यह कहते हुए बचाव किया था कि 'ये हिंसा राजनीतिक रूप से प्रेरित है और इसे बढ़ाचढ़ाकर पेश किया जा रहा है।'
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'हिंदू समुदाय पर करीब 2000 हमले हुए'
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत भागने से पहले ही शुरू हो गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक ये हमले केवल हिंदुओं के खिलाफ नहीं बल्कि अहमदिया मुसलमान और चिटगांव हिल के जातीय समूहों पर भी हुए। इनके पूजास्थलों पर हमले हुए और इनके घरों को जला दिया गया। गत नवंबर की समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि हसीना के देश छोड़कर जाने के बाद हिंदू समुदाय पर करीब 2000 हमले हुए। एपी ने इस आंकड़े के लिए बांग्लादेश के हिंदू बौद्ध ईसाई यूनिटी काउंसिल का हवाला दिया। बांग्लादेश की खास जगहों जहां हिंदुओं के खिलाफ हिंसा हुई, यूएन की रिपोर्ट में इस बात का खास तौर पर जिक्र किया गया है।
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