Shab E Barat 2025 Date In India: शब-ए-बारात कब है, जानिए मुस्लिम लोग क्यों मनाते है ये त्योहार

Shab E Barat 2025 Date In India In Hindi: शब-ए-बारात, मुस्लिमों के लिए बेहद अहम रात मानी जाती है। इस रात को गुनाहों से तौबा करने और तकदीर बदलने वाली रात भी कहा जाता है। जानिए इस साल शब-ए-बारात कब है।

Shab E Barat 2025 date

Shab E Barat 2025 Date In India

Shab E Barat 2025 Date In India In Hindi (शब-ए-बारात कब है 2025): शब-ए-बारात इस्लामिक कैलेंडर के आठवें महीने शाबान की 15वीं रात होती है। इस्लाम में इस रात की काफी अहमियत होती है। इस रात मुसलमान नमाज पढ़ते हैं और अपने पुरखों की कब्र पर जाकर उनके लिए दुआ पढ़ते हैं। ये रात इबादत, रहमत, फजीलत और मगफिरत की रात मानी जाती है। इस दिन मुस्लिम लोग अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। कहते हैं इस एक रात की इबादत का सवाब 83 साल 4 महीने की इबादत के बराबर मिलता है। जानिए इस 2025 में शब-ए-बारात कब है।

शब-ए-बारात कब है 2025 (Shab E Barat Kab Hai 2025)

इस साल शब-ए-बारात का त्योहार 13 फरवरी को मनाया जाएगा। इस रात में मुस्लिम लोग जागकर अल्लाह की इबादत करेंगे। तो वहीं शब-ए-बारात का रोजा 14 फरवरी को रखा जाएगा। हालांकि रोजा रखना सभी के लिए अनिवार्य नहीं है।

शब ए बारात क्यों मनाते हैं (Shab E Barat Kyu Manate Hai)

इस्लामिक धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस दिन शिया मुसलमानों के 12वें इमाम मुहम्मद अल महदी का जन्म हुआ था। तो वहीं कई मुसलमान ये मानते हैं कि 15वीं शाबान को अल्लाह ने नूह के मेहराब को जानलेवा बाढ़ से बचाया था। माना ये भी जाता है कि इस रात को पैगंबर मुहम्मद ने कब्रिस्तान में जाकर अपने परिवार के सदस्यों के लिए अल्लाह से प्रार्थना की थी। सुन्नी इस्लामिक मान्यताओं अनुसार अल्लाह इस रात में नर्क में यातना झेल रहे पूर्वजों को मुक्त करते हैं। इसलिए इस रात में कब्रिस्तान जाकर मृत पूर्वजों के लिए विशेष प्रार्थनाएं की जाती हैं।

शब-ए-बारात के दिन क्या करते हैं? (How To Celebrate Shab E Barat)

  • शब-ए-बारात की रात को विशेष नफ्ल नमाजें अदा की जाती है।
  • ये रात अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगने के लिए सबसे खास मानी जाती है।
  • इस दिन मुस्लिम लोग दुआ में अपने और अपने परिवार के लिए अल्लाह से रहमत और बरकत की प्रार्थना करते हैं।
  • बहुत से लोग इस रात में अपनों की कब्र पर जाकर मगफिरत की दुआ करते हैं।
  • कई लोग इस दिन रोजा भी रखते हैं।
  • इस दिन जरूरतमंदों को खाना खिलाना, गरीबों की मदद करना और जकात देने का विशेष महत्व माना जाता है।

शब-ए-बारात की फजीलत (Shab E Barat Ki Fazilat In Hindi)

इस्लाम धर्म के लिए ये मुबारक रात होती है। कहते हैं इस रात में की गई दुआएं अल्लाह जल्दी सुन लेते हैं। इसलिए मुस्लिम समुदाय के लोग इस पूरी रात जागकर नमाज और कुरान पढ़ते हैं और जरूरतमंदों की सहायता भी करते हैं। कहा जाता है कि शब-ए-बारात की ये रात पिछले साल में किए गए कर्मों का लेखा-जोखा तैयार करने के साथ ही आने वाले साल की तकदीर तय करने वाली रात होती है। इसलिए ही इस रात में मुस्लिम लोग न सिर्फ अपने गुनाहों की मांफी मांगते हैं बल्कि अपने पूर्वजों की मगफिरत के लिए भी दुआ मांगते हैं। इस दिन कब्रिस्तान में जाकर कब्र के आगे फातिहा पढ़ने की भी परंपरा निभाई जाती है।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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