Narmada Jayanti 2025 Date: नर्मदा जयंती 2025 में कब है, नोट करें इसकी डेट, टाइम और महत्व

Narmada Jayanti 2025 Date (नर्मदा जयंती 2025 डेट): भारत नदियों का देश है जहां इन्हें माता कहकर संबोधित किया जाता है। गंगा, यमुना के बाद भारत की सबसे प्राचीन नदी नर्मदा है। नर्मदा जयंती की उत्पत्ति को लेकर भक्त नर्मदा जयंती का पर्व मनाते हैं। आज हम आपको नर्मदा जयंती 2025 डेट और महत्व के बारे में बताएंगे जिसे आप यहां देख सकते हैं।

Narmada Jayanti 2025 Date, नर्मदा जयंती 2025 डेट

Narmada Jayanti 2025 Date

Narmada Jayanti 2025 Date (नर्मदा जयंती 2025 डेट): भारत संस्कृति और सभ्यता का देश है जहां पर विविध धर्मों और परंपराओं के त्योहार मनाए जाते हैं जिनकी अलग-अलग मान्यताएं होती हैं। आस्था और भक्ति की इस भूमि पर नदियों को मां कहा जाता है क्योंकि नदियां भूमि को पोषण देती हैं और मनुष्यों के लिए जल का आधार बनती हैं। वैसे तो भारत देश में गंगा नदी की विशेष मान्यता है लेकिन मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से होकर बहने वाली नर्मदा नदी का भी धार्मिक और पौराणिक महत्व है। मान्यताओं के अनुसार नर्मदा नदी को मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी नदी भी कहा जाता है। हर साल माघ महीने में इस पावन नदी की जयंती मनाई जाती है जिसमें नदी के तट पर आरती होती है और मेले लगते हैं। इस नदी का महत्व भगवान शिव से जुड़ा हुआ। ऐसे में चलिए जानते हैं कि वर्ष 2025 में नर्मदा जयंती का उत्सव कब मनाया जाएगा।

Narmada Jayanti 2025 Date (नर्मदा जयंती 2025 डेट)

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रतिवर्ष माघ महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को नर्मदा जयंती मनाई जाती है। वर्ष 2025 में ये तिथि मंगलवार, फरवरी 4, 2025 को पड़ेगी। इस पावन दिवस पर भक्त गण नर्मदा नदी की पूजा करते हैं। ये माना जाता है कि मां नर्मदा के पूजन से भक्तों के जीवन में शांति तथा समृद्धि का आगमन होता है।

Narmada Jayanti 2025 Date and Time (नर्मदा जयंती 2025 डेट और टाइम)

  • सप्तमी तिथि प्रारम्भ - फरवरी 04, 2025 को 04:37 am से
  • सप्तमी तिथि समाप्त - फरवरी 05, 2025 को 02:30 am पर

Narmada Jayanti Importance (नर्मदा जयंती का महत्व)

इस दिन को नर्मदा नदी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। मध्य प्रदेश के अमरकण्टक नामक स्थान से नर्मदा नदी का उद्गम हुआ माना जाता है जो क‍ि पूजन के लिये लोकप्रिय स्थान है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव के पसीने से मां नर्मदा का जन्म हुआ था। ऐसा कहा जाता है क‍ि इसके तट पर देवी-देवताओं का निवास होता है और नर्मदा जयंती की तिथि पर स्नान और ध्यान करने से मनुष्य अपने पापों से मुक्त हो जाता है।

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मेधा चावला author

हरियाणा की राजनीतिक राजधानी रोहतक की रहने वाली हूं। कई फील्ड्स में करियर की प्लानिंग करते-करते शब्दों की लय इतनी पसंद आई कि फिर पत्रकारिता से जुड़ गई।...और देखें

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