Naga Chaturthi 2023 Pooja Vidhi: नागा चतुर्थी की पूजा विधि, महत्व और मुहुर्त यहां देखें
Naga Chaturthi 2023 Date, Puja Vidhi, Significance: नाग पंचमी (Nag Panchami 2023) से एक दिन पहले मनाई जाती है नाग चतुर्थी (Nag Chaturthi 2023) जिसे नागा चतुर्थी और नागुला चविथि (Nagula Chavithi 2023) भी कहा जाता है। जानिए नागा चतुर्थी की डेट, पूजा विधि और महत्व।
Naga Chaturthi 2023 Date, Nagula Chavithi 2023 Date In Tamil
Naga Chaturthi 2023 Date, Puja Vidhi, Significance: सावन या श्रावण के महीने में शुक्ल पक्ष के चौथे दिन को नागा चतुर्थी या नागुला चविथी (Nagula Chavithi 2023) के रूप में मनाया जाता है। ये त्योहार नागा पंचमी (Nag Panchami 2023) से एक दिन पहले आता है। नागा का अर्थ है सांप और चतुर्थी का अर्थ है चंद्र मास का चौथा दिन। हालांकि कुछ में ये चतुर्थी कार्तिगाई महीने में मनाई जाती है। जानिए सावन में कब है नागा (Nag Chaturthi 2023) चतुर्थी और क्या है इसका महत्व।
नागा चतुर्थी का महत्व (Naga Chaturthi Ka Matava)
नागा चतुर्थी के दिन महिलाएं अपने जीवनसाथी और बच्चों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नाग देवताओं की पूजा करने से कालसर्प दोष, राहु-केतु दोष इत्यादि से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन लोग अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए नाग देवताओं से प्रार्थना करते हैं।
नागा चतुर्थी की पूजा विधि (Naga Chaturthi Puja Vidhi)
- नागा चतुर्थी के दिन लोग सांपों और नाग देवताओं की पूजा करते हैं उन्हें दूध चढ़ाते हैं।
- महिलाएं अपने परिवार की खुशहाली के लिए इस दिन व्रत रखती हैं।
- इस दिन नाग की प्रतिमा को दूध से स्नान कराया जाता है।
- नाग देवता के समक्ष दीपक जलाकर उन्हें कुमकुम की बिंदियां और हल्दी लगायी जाती है।
- इसके बाद नाग देवता को विशेष मिठाई अर्पित की जाती है।
- साथ ही नगुला चविथि पूजा मंत्र का पाठ किया जाता है।
- कुछ लोग इस दिन पुट्टा नामक नागपिट में जाते हैं जहां नाग देवता की पूजा करके उन्हें प्रसाद अर्पित करते हैं।
कई लोग इस दिन मंत्रों और सर्प सूक्तम (नाग देवताओं की स्तुति में भजन) का भी जाप करते हैं। ये भजन नौ महत्वपूर्ण नाग देवताओं, अनंत, वासुकी, शेष, पद्मनाभ, कंबला, धृतराष्ट्र, शंखपाल, तक्षक और कालिया का आशीर्वाद पाने के लिए गाया जाता है।
नाग चतुर्थी मनाने के लाभ (Naga Chaturthi Benefits)
नाग चतुर्थी पर राहु और केतु की पूजा करने इनके नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन सर्प देवताओं की पूजा करने से पूर्वजों से विरासत में मिले सर्प श्राप से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग नाग चतुर्थी पर नाग देवताओं की पूजा करते हैं उनकी जन्म कुंडली में सर्प दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
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