आज मनाया जा रहा है मकर संक्रांति का त्योहार, यहां जानिए किन चीजों के दान से मिलेगा लाभ
मकर संक्रांति हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है जो सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश करने के दौरान मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव, चंद्र देव और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है। यहां हम आपको बताएंगे मकर संक्रांति पर्व से जुड़ी हर एक बात।

आज मनाया जा रहा है मकर संक्रांति का त्योहार, यहां जानिए किन चीजों के दान से मिलेगा लाभ
मकर संक्रांति हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है जो सामान्यत: 14 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है। इसलिए इसे उत्तरायण संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। मकर संक्रांति और उत्तरायण के दिन स्नान-दान करना और पतंग उड़ाना सर्वाधिक महत्वपूर्ण आयोजनों में से एक है। इस दिन से खरमास खत्म हो जाता है। जिससे शुभ व मांगलिक कार्यों की फिर से शुरुआत हो जाती है। चलिए जानते हैं मकर संक्रांति पर्व के बारे में खास बातें।
Makar Sankranti Par Kya Daan Kare
मकर संक्रांति कब है 2025 (Makar Sankranti Kab Hai 2025)
मकर संक्रांति इस साल 14 जनवरी को मनाई जा रही है। इस दिन सूर्य देव सुबह 9 बजकर 3 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
मकर संक्रान्ति पुण्य काल मुहूर्त (Makar Sankranti Punya Kaal Muhurat 2025)
मकर संक्रान्ति पुण्य काल मुहूर्त 14 जनवरी की सुबह 09:03 से शाम 05:46 बजे तक रहेगा। महा पुण्य काल समय सुबह 09:03 से सुबह 10:48 बजे तक रहेगा।
Makar Sankranti Wishes In Sanskrit
मकर संक्रांति के अलग-अलग नाम
मकर संक्रांति को विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों और भिन्न-भिन्न तरीकों से मनाया जाता है। इस समय नई फसल और बंसत ऋतु का आगमन होता है। पंजाब और जम्मू में इस पर्व को लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है, तो वहीं यूपी और बिहार में कई जगहों पर इसे खिचड़ी के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। जबकि दक्षिण भारत में इस त्योहार को पोंगल की तरह मनाया जाता है। इस दिन कहीं दही-चूड़ा तो कहीं खिचड़ी और तिल के लड्डू बनाए जाते हैं। मध्य भारत में इसे माघी/ भोगली बिहू आदि के नाम से मनाते हैं।
मकर संक्रांति की पूजा विधि (Makar Sankranti Puja Vidhi)
-इस दिन सुबह उठकर सबसे पहले घर की सफाई करें।
-इसके बाद आसपास किसी पवित्र नदी में स्नान करें। यदि पास में नदी नहीं है तो घर में ही गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
-यदि व्रत रखना चाहते हैं तो इस दिन सुबह व्रत का संकल्प लें।
-इस दिन पीले वस्त्र पहनें और फिर सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
-इस दिन सूर्य चालीसा पढ़ना शुभ होता है और साथ ही आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ भी जरूर करें।
-अंत में सूर्य भगवान की आरती करें और गरीबों को दान जरूर दें।
मकर संक्रांति पर करें इन चीजों का दान (Makar Sankranti Daan)
मकर संक्रांति के दिन तिल, खिचड़ी, काली उड़द की दाल, चावल, गुड़, गर्म कपड़े व कंबल, घी इत्यादि चीजों का दान शुभ माना जाता है।
NOTE- मकर संक्रांति की शुभकामनाएं 2025: मकर संक्रांति इमेज, फोटो, कोट्स और हिंदी मैसेज के लिए हमारे Happy Makar Sankranti 2025 Wishes, Images, Quotes Live के ब्लॉग को फॉलो करें
sabarimala makara jyothi 2025
मकर संक्रांति का क्या अर्थ है: What is the meaning of Makar Sankranti
मकर संक्रांति का मतलब है, सूर्य का दक्षिणी गोलार्द्ध से उत्तरी गोलार्द्ध में प्रवेश करना. इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. ज्योतिष के मुताबिक, सूर्य का राशि बदलना बहुत खास माना जाता है. मकर संक्रांति को एक शुभ दिन माना जाता है।Makar Sankranti Ke Din Kya Karen: मकर संक्रांति के दिन क्या करें
मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान करें। ऐसा संभव नहीं है तो घर पर पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें।मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव को जल, तिल अर्पित करें। साथ ही खिचड़ी और गुड़-तिल का प्रसाद चढ़ाएं।
मकर संक्रांति के दिन 'ॐ सूर्याय नमः' या ॐ नमो भगवते सूर्याय मंत्र का जाप करें
मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ का सेवन जरूर करें।
मकर संक्रांति के दिन गरीब जरूरतमंदों को तिल, चावल, कपड़ा, धन आदि चीजों का दान करें।
मकर संक्रांति के दिन न करें ये काम: Do not do these things on the day of Makar Sankranti
मकर संक्रांति के दिन बिना स्नान किए भोजन नहीं खाना चाहिए।मकर संक्रांति के दिन ब्राह्मण और जरूरतमंद को बिना कुछ दान किए वापस न लौटाएं
मकर संक्रांति के दिन तेल, चाकू, कैंची जैसी नुकली चीजों का दान न करें।
मकर संक्रांति के दिन तामसिक चीजें- मांस-मदिरा और शराब आदि का सेवन न करें।
मकर संक्रांति पर क्या दान करें : Makar Sankranti Par Kya Daan Karna Chahiye
अनाज का दान: चावल, दाल, गेहूं और बाजरा जैसे अनाज का भी दान करते हैं।तिल और गुड़ का दान: मकर संक्रांति परतिल-गुड़ का दान बेहद शुभ होता है। कहते हैं इससे सूर्य और शनि ग्रह के दोषों का निवारण होता है।
कपड़े और कंबल का दान: मकर संक्रांति पर कंबल और ऊनी कपड़ों का दान भी शुभ होता है।
धातु के बर्तन: इसके अलावा इस दिन तांबे, पीतल, चांदी या सोने के बर्तन भी दान स्वरूप दे सकते हैं।
गौदान (गाय का दान): हिंदू धर्म में गाय का दान सर्वोच्च पुण्य कर्म माना गया है। ऐसे में मकर संक्रांति पर गाय का दान भी कर सकते हैं।
Makar Sankranti Par Khichdi Kyun Khate Hain: मकर संक्रांति पर खिचड़ी क्यों खाते हैं
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, खिचड़ी भगवान सूर्य और शनि देव से जुड़ी है. मान्यता है कि मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाने और खाने से घर में सुख-समृद्धि आती है। दाल, चावल और हरी सब्जियों को मिलाकर खिचड़ी बनाई जाती है, इसलिए खिचड़ी को पौष्टिक आहार माना जाता है।Makar Sankranti Katha: मकर संक्रांति कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार शनि देव सूर्य देव के पुत्र माने जाते हैं। लेकिन शुरुआत में इन दोनों के संबंध ठीक नहीं थे। जिसका कारण था सूर्य देव का शनि की माता छाया के प्रति खराब व्यवहार। दरअसल, शनि देव का रंग गहरा था। जिस कारण सूर्य देव ने उनके जन्म के दौरान उनका त्याग ये कहकर कर दिया कि ऐसा पुत्र मेरा नहीं हो सकता। इसके बाद सूर्य देव ने शनि देव और उनकी माता छाया को अलग कर दिया था और शनि कुंभ नाम के एक घर में रहने लगे। सूर्यदेव के इस व्यवहार से क्रोधित होकर उनकी पत्नी छाया ने उन्हें कुष्ठ रोग का श्राप दिया था। जिससे क्रोधित होकर सूर्यदेव ने शनिदेव का घर जलाकर राख कर दिया था। कहते हैं फिर सूर्यदेव के पुत्र यम ने सूर्य देव को उस भयंकर श्राप से मुक्त कराया था। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वह उनकी माता छाया के साथ बुरा व्यवहार न करें। कहते हैं इसके बाद सूर्यदेव अपनी पत्नि छाया और शनिदेव से मिलने उनके घर पहुंचे थे। जब सूर्यदेव वहा पहुंचे तो उन्होंने देखा की वहां सब कुछ जलकर बर्बाद हो चुका है। इसके बाद शनिदेव ने काले तिल से अपने पिता का स्वागत किया था।शनिदेव के इस व्यवहार से प्रसन्न होकर सूर्यदेव ने उन्हें नया घर दिया जिसका नाम मकर था। कहते हैं इसके बाद से ही शनिदेव कुंभ और मकर राशियों के स्वामी हो गए। घर देते समय सूर्यदेव ने शनि देव से यह भी कहा कि जब भी वह मकर संक्रांति पर उनके घर आएंगे तो उनका घर धन धान्य से भर जाएगा। इसके साथ ही जो लोग इस दिन मुझे काले तिल आर्पित करेंगे उनके जीवन में सुख समृद्धि की कभी कमी नहीं होगी। यही वजह है कि मकर संक्रांति के मौके पर सूर्य देव की पूजा में काले तिल का इस्तेमाल जरूर किया जाता है।
मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है वैज्ञानिक कारण: Scientific reasons why Makar Sankranti is celebrated
मकर संक्राति पर सूर्यदेव दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं जिस कारण से इसे उत्तरायण पर्व भी कहते हैं।Makar Sankranti Par Kya Khana Chahiye: मकर संक्रांति पर क्या खाना चाहिए
मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ से बने लड्डू, खिचड़ी और अन्य व्यंजन बनाकर खाएं और दूसरों को भी बांटें। इनका सेवन शुभ माना जाता है, और यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।Makar Sankranti Significance: मकर संक्रांति का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं. चूंकि शनि मकर व कुंभ राशि का स्वामी है। यह पर्व पिता-पुत्र के अनोखे मिलन से भी जुड़ा है। एक अन्य कथा के अनुसार असुरों पर भगवान विष्णु की विजय के तौर पर भी मकर संक्रांति मनाई जाती है।मकर संक्रांति का इतिहास: Makar Sankranti History
मकर संक्रांति के दिन ही गंगा जी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर में जा मिली थी। इसकी कारण मकर संक्रांति के पवित्र दिन पर गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। इसके अलावा ये पर्व मौसम में बदलाव का भी प्रतीक भी माना जाता है। इसके बाद से ही ठंड कम होने लगती है। इसके अलावा ऐसा भी कहा जाता है कि महाभारत काल में भीष्म पितामह ने अपने शरीर का त्याग करने के लिए मकर संक्रांति का दिन ही चुना था।मकर संक्रांति पूजा विधि : Makar Sankranti Puja Vidhi In Hindi
मकर संक्रांति की पूजा से पहले घर की अच्छे से सफाई कर लें।इसके बाद स्नान कर साफ कपड़े पहन लें।
इसके बाद अपने माथे पर रोली और चावल के आटे का तिलक लगाएं।
इसके बाद शनि देव की अराधना करें और उन्हें एक थाली में घेवर और साथ में तिल से बने लड्डू प्रसाद रूप में चढ़ाएं।
फिर भगवान सूर्य देव की पूजा करें और उनके नाम से मंदिर में एक दीपक जलाएं।
इस दिन स्नान के बाग सूर्य को अर्घ्य जरूर दें। अर्घ्य देते हुए ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः और ॐ घृणि सूर्याय नमः मंत्रों का जाप जरूर करें।
पूजा के बाद ज़रूरतमंदों को दान करें।
Makar Sankranti Kaise Manaya Jata Hai: मकर संक्रांति कैसे मनाया जाता है
हिंदू धर्म शास्त्र में संक्रांति तिथि को बहुत ही विशेष माना गया है। ये इसी तिथि पर सूर्य देवता अपनी राशि परिवर्तित करते हैं। जिस दिन सूर्य देवता धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। उस समय में सूर्य ग्रह को दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाते हैं। मकर संक्रांति के दिन दक्षिण भारतीय लोग बैलों की पूजा और उपासना की जाती है। इसके साथ ही उत्तर भारत में इस दिन पतंग उड़ाने की भी परंपरा है। संक्रांति के दिन गंगा स्नान और दान करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। गुजरात में मकर संक्रांति के दिन को उत्तरायण के रूप में मनाया जाता है। इस दिन वहां के लोग काइट फेस्टिवल मनाते हैं।मकर संक्रांति क्यों मनाते हैं, इसका महत्व क्या है
सूर्य देव जब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो उस दिन मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। इस साल मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जा रही है। हिंदू धर्म ग्रंथों अनुसार इस त्योहार को मनाने के पीछे कई कारण है। मकर संक्रांति त्यौहार से जुड़ी एक कथा बताती है कि जब पृथ्वी पर असुरों का आतंक काफी बढ़ गया था तब मकर संक्रांति के दिन ही भगवान विष्णु ने असुरों का संहार किया और सभी को उनके आतंक से मुक्ति दिलाई थी। कहते हैं भगवान विष्णु ने असुरों के सिरों को काटकर मंदरा पर्वत पर गाड़ दिया था। मान्यता है कि, तभी से इस पर्व को नकारात्मकता को समाप्त करने वाले दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।मकर संक्रांति पर दान का महत्व
मकर संक्रांति पर दान का विशेष महत्व माना जाता है। कहते हैं इस दिन काली उड़द दाल और चावल का दान करने से ईश्वर की असीम कृपा प्राप्त होती है।Makar Sankranti Ki Khichdi Kaise Banaye: मकर संक्रांति की खिचड़ी कैसे बनाएं
मकर संक्रांति के दिन उड़द की काली दान की खिचड़ी बनाने का रिवाज है। जिसमें तरह-तरह की सब्जियों को भी डाला जाता है।मकर संक्रांति का महत्व
सनातन धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व माना जाता है। कहते हैं इस दिन गंगा स्नान करने से मनुष्य के समस्त पापों का नाश हो जाता है।मकर संक्रांति का अर्थ क्या है (Makar Sankranti Meaning)
मकर का अर्थ है 'मकर' और संक्रांति का अर्थ है 'संक्रमण'। जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति मनाई जाती है।Makar Sankranti Mantra: मकर संक्रांति मंत्र
1.ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:2. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति पर क्या करना चाहिए
मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का दान करना चाहिए। इस दिन पवित्र स्नान कर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। कई जगह इस दिन घर में खिचड़ी बनाई जाती है।Makar Sankranti 2025: मंगलवार को पड़ी है मकर संक्रांति, तो ऐसे में क्या इस दिन खिचड़ी बना सकते हैं?
जब भी मकर संक्रांति का त्योहार मंगलवार या फिर गुरुवार में पड़ता है तो लोग इस चीज को लेकर दुविधा में पड़ जाते हैं कि क्या इस दिन खिचड़ी बना सकते हैं या नहीं। इस बारे में पंडित सुजीत जी महाराज का कहना है कि मकर संक्रांति का त्योहार जिस दिन भी पड़े खिचड़ी उसी दिन बनानी चाहिए। क्योंकि हमारे धर्म ग्रंथों में कहीं ये नहीं लिखा कि हम इन दिनों में खिचड़ी नहीं बना सकते हैं। ऐसे में 14 जनवरी को आप बिना किसी टेंशन के मकर संक्रांति का त्योहार मना सकते हैं।Makar Sankranti Bhajan: मकर संक्रांति भजन
मकर सक्रांति की महिमा भारी जाने दुनिया सारीश्रद्धा भक्ति से इस दिन को पूजे सब नर और नारी
आज के दिन से तिल तिल कर के सूरज देव है बढ़ते रहते
इस प्रगति में नव संचार का प्रचार है करते रहते
सर्दी से सिकुड़ी सृष्टि को मिली है ऊर्जा प्यारी
मकर सक्रांति की महिमा भारी
आज के दिन ही मधु केटव को मधुसूदन ने मारा
मंदराचल में दीया समाधि देवताओं को उबारा
इस अवसर पर मंदराचल में लगता मेला भारी
मकर सक्रांति की महिमा भारी
सगर के साथ हजार पुत्रों को कपिल मुनि ने जलाया
सक्रांति को भागीरथ ने गंगा को मुक्त कराया
गंगासागर का उत्सव सब पवो से न्यारी
मकर सक्रांति की महिमा भारी
बाणों की शैया पर पितामह ने भारी दुख झेला
उत्तरायण के आस में उसने छोड़ ना था चोला
इस महान योद्धा की माताजी है गंगा प्यारी
मकर सक्रांति की महिमा भारी
इस त्यौहार को भारतवासी श्रद्धा से है मनाते
बीहू लोहरी पोंगल मकरानती सक्रांति कहाते
देवनदी स्नान दान करे श्रद्धालु नर नारी
मकर सक्रांति की महिमा भारी
कोई नई फसल पाए तो कोई गिद्दा गाए
14 15 जनवरी को ही मकर सक्रांति आएं
हर से हार गई यह सर्दी आई सूरज की बारी
मकर सक्रांति की महिमा भारी
Makar Sankranti: Mahakumbh Mela Prayagraj Shahi Snan
मकर संक्रांति पर गंगा स्नान का मुहूर्त
सुबह 09 बजकर 03 मिनट से सुबह 10 बजकर 48 मिनट तकमकर संक्रांति पर क्या खाना चाहिए (Makar Sankranti Par Kya Khana Chahiye)
मकर संक्रांति पर मुख्य रूप से काले तिल और खिचड़ी का सेवन जरूर किया जाता है। लेकिन देश भर में ये पर्व अलग-अलग तरीके से मनाए जाने के कारण इस पर्व से जुड़े व्यंजनों में भी भिन्नता देखने को मिलती है। चलिए आपको बताते हैं मकर संक्रांति पर कहां क्या खाया जाता है।मकर संक्रांति पर तिल स्नान
मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर स्नान के पानी में काला तिल जरूर डालें। इस दिन तिल का उबटन या जल में तिल डालकर स्नान करने से सारे प्रकार के रोग दोष से मुक्ति मिल जाती है।Makar Sankranti Puja Vidhi: मकर संक्रांति पूजा विधि
1. मकर संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में जाकर स्नान करें।2. फिर इसके बाद साफ वस्त्र पहनकर तांबे के लोटे में पानी भर लें और उसमें काला तिल, गुड़ का छोटा सा टुकड़ा और गंगाजल लेकर सूर्यदेव के मंत्रों का जाप करते हुए अर्घ्य दें।
3. ऊँ सूर्याय नमः या ऊँ घृणि सूर्याय नमः या कोई और सूर्य मंत्र जपते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य देने की विधि पूरी करें, इसके अलावा शनिदेव को भी जल अर्पित करें।
4. इसके बाद गरीबों को तिल और खिचड़ी का दान करें।
मकर संक्रांति के दिन क्या करना चाहिए: What should be done on the day of Makar Sankranti
इस दिन सूर्य चालीसा पढ़ना शुभ होता है और साथ ही आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ भी जरूर करें। -अंत में सूर्य भगवान की आरती करें और गरीबों को दान जरूर दें। मकर संक्रांति के दिन तिल, खिचड़ी, काली उड़द की दाल, चावल, गुड़, गर्म कपड़े व कंबल, घी इत्यादि चीजों का दान शुभ माना जाता है।14 January 2025 Panchang: 14 जनवरी 2025 पंचांग
मकर संक्रान्ति पुण्य काल - 09:03 से 17:46मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल - 09:03 से 10:48
मकर संक्रान्ति का क्षण - 09:03
14 जनवरी 2025 शुभ मुहूर्त (14 January 2025 Shubh Muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त 05:27 AM से 06:21 AM तक
अभिजित मुहूर्त 12:09 PM से 12:51 PM
विजय मुहूर्त 02:15 PM से 02:57 PM
गोधूलि मुहूर्त 05:43 PM से 06:10 PM
सायाह्न सन्ध्या 05:46 PM से 07:07 PM
अमृत काल 07:55 AM से 09:29 AM
मकर संक्रांति की कथा (Makar Sankranti Ki Katha In Hindi)
पौराणिक कथाओं के अनुसार शनि देव सूर्य देव के पुत्र माने जाते हैं। लेकिन शुरुआत में इन दोनों के संबंध ठीक नहीं थे। जिसका कारण था सूर्य देव का शनि की माता छाया के प्रति खराब व्यवहार। दरअसल, शनि देव का रंग गहरा था। जिस कारण सूर्य देव ने उनके जन्म के दौरान उनका त्याग ये कहकर कर दिया कि ऐसा पुत्र मेरा नहीं हो सकता। इसके बाद सूर्य देव ने शनि देव और उनकी माता छाया को अलग कर दिया था और शनि कुंभ नाम के एक घर में रहने लगे। सूर्यदेव के इस व्यवहार से क्रोधित होकर उनकी पत्नी छाया ने उन्हें कुष्ठ रोग का श्राप दिया था। जिससे क्रोधित होकर सूर्यदेव ने शनिदेव का घर जलाकर राख कर दिया था। कहते हैं फिर सूर्यदेव के पुत्र यम ने सूर्य देव को उस भयंकर श्राप से मुक्त कराया था। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वह उनकी माता छाया के साथ बुरा व्यवहार न करें। कहते हैं इसके बाद सूर्यदेव अपनी पत्नि छाया और शनिदेव से मिलने उनके घर पहुंचे थे। जब सूर्यदेव वहा पहुंचे तो उन्होंने देखा की वहां सब कुछ जलकर बर्बाद हो चुका है। इसके बाद शनिदेव ने काले तिल से अपने पिता का स्वागत किया था।शनिदेव के इस व्यवहार से प्रसन्न होकर सूर्यदेव ने उन्हें नया घर दिया जिसका नाम मकर था। कहते हैं इसके बाद से ही शनिदेव कुंभ और मकर राशियों के स्वामी हो गए। घर देते समय सूर्यदेव ने शनि देव से यह भी कहा कि जब भी वह मकर संक्रांति पर उनके घर आएंगे तो उनका घर धन धान्य से भर जाएगा। इसके साथ ही जो लोग इस दिन मुझे काले तिल आर्पित करेंगे उनके जीवन में सुख समृद्धि की कभी कमी नहीं होगी। यही वजह है कि मकर संक्रांति के मौके पर सूर्य देव की पूजा में काले तिल का इस्तेमाल जरूर किया जाता है।
Which colour to wear on makar Sankranti: मकर संक्रांति के दिन कौन सा रंग पहनना चाहिए
पीला रंग सूर्य का रंग है और मकर संक्रांति का त्योहार सूर्य देव को समर्पित होता है। इसलिए, पीला रंग इस त्योहार के लिए सबसे उपयुक्त रंगों में से एक है। आप पीले रंग की साड़ी, सूट या कुर्ती पहन सकती हैं। पीले रंग के साथ आप सोने या हल्के हरे रंग के गहने पहन सकती हैं।Makar Sankranti 2027: मकर संक्रांति 2027 डेट
मकर संक्रांति 2027 में 15 जनवरी 2027 को मनाया जाएगा।मकर संक्रांति का इतिहास: Makar Sankranti History
इस दिन भगवान भास्कर अपने पुत्र शनि से मिलने स्वयं उसके घर जाते हैं। चूँकि शनिदेव मकर राशि के स्वामी हैं, अत: इस दिन को मकर संक्रान्ति के नाम से जाना जाता है। । मकर संक्रान्ति के दिन ही गंगाजी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर में जाकर मिली थीं।Makar Sankranti Kites Importance : मकर संक्रांति पर पतंगों का महत्व
मकर संक्रांति पर पतंग उड़ने का असल महत्व ये है कि ठंड के कड़कते मौसम में जब शरीर को धूप लगती है तो शरीर ऊर्जावान होता है और शरीर बिमारियों से दूर रहता है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं और सर्दी के मौसम में सूर्य की किरणें सीधे धरती पर आती हैं। ऐसे में जोश और उत्साह के साथ पतंग उड़ाने से शरीर को धूप लगने से विटामिन डी भरपूर मिलती है। पतंगों से जुड़ी हुई एक और मान्यता है कि पतंगें देवताओं के लिए धन्यवाद के प्रतीक के रूप में काम करती हैं क्योंकि वे ऊपर स्वर्ग में प्रवेश कर सकती हैं।मकर संक्रांति स्नान-दान समय : Makar Sankranti 2025 Snan Muhurat
वैदिक पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति पर महा पुण्यकाल प्रात: 09 बजकर 03 मिनट से 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही पुण्य काल प्रात: 09 बजकर 03 मिनट से शाम 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा ब्रह्म मुहूर्त भोर 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।Makar Sankranti Par Kya Daan Karna Chahiye: मकर संक्रांति पर क्या दान करना चाहिए
अनाज का दान: चावल, दाल, गेहूं और बाजरा जैसे अनाज का भी दान करते हैं।तिल और गुड़ का दान: मकर संक्रांति परतिल-गुड़ का दान बेहद शुभ होता है। कहते हैं इससे सूर्य और शनि ग्रह के दोषों का निवारण होता है।
कपड़े और कंबल का दान: मकर संक्रांति पर कंबल और ऊनी कपड़ों का दान भी शुभ होता है।
धातु के बर्तन: इसके अलावा इस दिन तांबे, पीतल, चांदी या सोने के बर्तन भी दान स्वरूप दे सकते हैं।
खिचड़ी का दान- मकर संक्रांति पर खिचड़ी का दान जरूर किया जाता है। कई लोग इस दिन चावल और काली उड़द की दाल को दान स्वरूप में सभी में बांटते हैं तो वहीं कई लोग बनी बनाई खिचड़ी का दान करते हैं।
Makar Sankranti Par kya Khana Chahiye: मकर संक्रांति पर क्या खाना चाहिए
खिचड़ीतिल और गुड़ के लड्डू
रेबड़ी, गजक और चक्की
दही चूड़ा
लाई के लड्डू
मूंग के मंगौड़े
Makar Sankranti Par Kya Karna Chahiye: मकर संक्रांति पर क्या करना चाहिए
इस खास असवर पर सूर्य देव को अर्घ्य और पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है। साथ ही शुभ मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। इसके अलावा श्रद्धा अनुसार मंदिर या गरीब लोगो में दान करना चाहिए।Makar Sankranti 2025 Upay : मकर संक्रांति उपाय
काले तिल का भोगमकर संक्रांति के दिन आप स्नान के बाद भगवान सूर्य देवता और अन्य सारी देवी- देवताओं को काले तिल के लड्डू का भोग जरूर लगाएं। इसके साथ ही इस दिन इसका सेवन प्रसाद के रूप में करें। काले तिल का भोग लगाने से बुरी नजर से बचा सकता है।
तिल डालकर स्नान
मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर स्नान के पानी में काला तिल जरूर डालें। इस दिन तिल का उबटन या जल में तिल डालकर स्नान करने से सारे प्रकार के रोग दोष से मुक्ति मिल जाती है।
तिल के लड्डू : Sesame Ladoos Importance
मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू बनाने और खाने का विशेष महत्व है। कहते हैं कि इस दिन का तिल से गहरा संबंध है और इसी कारण से इस त्योहार को तिल संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि तिल के बीज पर भगवान यम का आशीर्वाद होता है और यही कारण है कि उन्हें 'अमरत्व के बीज' के रूप में जाना जाता है। मकर संक्रांति के अवसर पर सलाह दी जाती है कि शनि या राहु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए मंदिरों में काले तिल चढ़ाने चाहिए। साथ ही गुड़ और सफेद तिल से बने तिल के लड्डू का सेवन भी करना चाहिए
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