भारत में कब हुई थी पहली सर्जिकल स्ट्राइक? शरद पवार ने पीएम मोदी पर सामने से कसा तंज
Sharad Pawar on Surgical Stike: लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शरद पवार एक साथ मंच पर नजर आए। इस दौरान पवार ने मोदी पर तीखा तंज कसा। उन्होंने इशारों-इशारों में निशाना साधते हुए कहा कि भारत में पहली सर्जिकल स्ट्राइक छत्रपति शिवाजी के कार्यकाल में हुई थी।
पीएम मोदी के साथ मंच पर दिखे शरद पवार।
Sharad Pawar With PM Modi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार के साथ मंच साझा किया। प्रधानमंत्री मोदी को लोकमान्य तिलक पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में पवार शामिल हुए। प्रधानमंत्री को उनके 'सर्वोच्च नेतृत्व' और 'नागरिकों में देशभक्ति की भावना जगाने' के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पवार ने मोदी के साथ मंच साझा न करने के विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया था।
पीएम मोदी ने लोकमान्य तिलक पर कही ये बड़ी बातें
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार ग्रहण करते हुए कहा कि एक-दूसरे पर भरोसा ही देश को मजबूत बनाएगा। मोदी ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि अगर अविश्वास का माहौल है तो विकास असंभव है। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकमान्य तिलक स्वतंत्र प्रेस के महत्व का समझते थे। मोदी ने कहा, 'उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम की दिशा बदल दी। अंग्रेजों ने उन्हें भारतीय अशांति का जनक कहा था।' उन्होंने कहा कि वह लोकमान्य तिलक के नाम पर पुरस्कार पाकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अग्रिम कतार में थे।
वीर सावरकर पर भी बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
मोदी ने कहा, 'अगर विदेशी आक्रमणकारियों के नाम पर रखी गई चीजों का नाम बदल दिया जाता है तो आज कुछ लोग असहज हो जाते हैं।' उन्होंने कहा, 'लोकमान्य तिलक में युवा प्रतिभाओं की पहचान करने की अनूठी क्षमता थी। वीर सावरकर इसका एक उदाहरण थे।' मोदी ने कहा कि तिलक को वीर सावरकर की क्षमता का एहसास हुआ और उन्होंने विदेश में उनकी शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, 'जब किसी पुरस्कार का नाम लोकमान्य तिलक के नाम पर रखा जाता है तो जिम्मेदारी बढ़ जाती है।' प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में पुणे के योगदान की भी सराहना की।
शरद पवार ने सर्जिकल स्ट्राइक का मुद्दा उठाया
इस मौके पर शरद पवार ने कहा कि भारत में पहली सर्जिकल स्ट्राइक छत्रपति शिवाजी के कार्यकाल में हुई थी। राकांपा नेता ने कहा कि देश ने दो युग देखे हैं- एक तिलक का और दूसरा महात्मा गांधी का। शरद पवार ने बिना बोले मोदी पर तंज कसा और सर्जिकल स्ट्राइक का मुद्दा उनके सामने मंच पर उठा दिया। उन्होंने इशारों-इशारों में पीएम पर तंज कसा। मोदी सरकार में हुए सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर उनकी खूब सराहना हुई थी, जिसके बाद विपक्ष ने सेना के मुद्दे पर सियासत करने का आरोप लगाया था।
विपक्षी पार्टियों की बात नहीं माने शरद पवार
‘इंडिया’ के सदस्यों का मानना है कि ऐसे वक्त में जब भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर एक मोर्चा बनाया जा रहा है तो पवार का इस कार्यक्रम में शामिल होना विपक्ष के लिए अच्छा नहीं होगा। पवार ने उन सांसदों से मुलाकात नहीं की थी जो उन्हें इस समारोह में शामिल न होने के लिए मनाना चाहते थे। लोकमान्य तिलक की विरासत का सम्मान करने के लिए 1983 में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा इस पुरस्कार की शुरुआत की गई थी। यह पुरस्कार हर साल एक अगस्त को लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि पर दिया जाता है।
कुछ सामाजिक संगठनों और विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों ने मोदी के दौरे के खिलाफ प्रदर्शन किया। सामाजिक कार्यकर्ता बाबा अदहव ने प्रदर्शन की अगुवाई की तथा प्रदर्शनकारियों ने काले झंडे दिखाए। विपक्षी गठबंधन के सदस्यों ने दगडूशेठ हलवाई गणेश मंदिर से करीब 300 मीटर दूर मंडई में प्रदर्शन किया। मोदी ने पुणे पहुंचने के बाद इस मंदिर में पूजा-अर्चना की। कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राकांपा (शरद पवार गुट) और विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने प्रदर्शन में भाग लिया।
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