फोन पर प्रधानमंत्री मोदी-नेतन्याहू के बीच हुई बात, इजरायली PM से कहा-इलाके में जल्द हो शांति की बहाली

X पर अपने एक ट्वटी में पीएम मोदी ने कहा, 'इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मुझे आज फोन किया। उन्होंने क्षेत्र में बन रहे हालात के बारे में मुझे अवगत कराया। मैंने उनसे भारत की चिंताएं जाहिर कीं और इलाके में जितना जल्दी हो सके शांति एवं स्थिरता की बहाली की जरूरत पर जोर दिया।'

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ईरान के परमाणु संयंत्रों पर इजरायल ने किये हैं हमले।

Netanyahu CallsPM Modi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि फोन पर उनकी इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात हुई। इस बातचीत में उन्होंने मध्य पूर्व के बन रहे हालात पर उनसे चिंता जताई। X पर अपने एक ट्वटी में पीएम मोदी ने कहा, 'इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मुझे आज फोन किया। उन्होंने क्षेत्र में बन रहे हालात के बारे में मुझे अवगत कराया। मैंने उनसे भारत की चिंताएं जाहिर कीं और इलाके में जितना जल्दी हो सके शांति एवं स्थिरता की बहाली की जरूरत पर जोर दिया।'

पाकिस्तान ने ईरान सीमा पर सतर्कता बढ़ाई

पाकिस्तान ने ईरान सीमा पर अपनी वायु सेना को अलर्ट कर दिया है। किसी भी मिसाइल या हमले के असर को रोकने के लिए फाइटर जेट तैनात किए गए हैं। इजरायल-ईरान टकराव अब पाकिस्तान के दरवाजे तक पहुंचता दिख रहा है। पूरे इलाके में तनाव चरम पर है। पेंटागन ने यूएसएस थॉमस हंडर सहित कई अमेरिकी विध्वंसक जहाजों को ईस्टर्न मेडिटेरेनियन की ओर रवाना कर दिया है।

ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारी मारे गए

बता दें कि इजरायल ने शुक्रवार तड़के ईरान पर हमला किया, जिसमें उसके शीर्ष सैन्य अधिकारी मारे गए तथा परमाणु और मिसाइल स्थलों को निशाना बनाया गया। इन हमलों से पश्चिम एशिया के दो धुर विरोधी देशों के बीच व्यापक युद्ध की आशंका बढ़ गई है। इसे 1980 के दशक में इराक के साथ युद्ध के बाद ईरान पर सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। यह हमला ईरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर पैदा तनाव के बीच हुआ है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने हमले के बाद कहा कि इजराइल को 'कड़ी सजा' दी जाएगी।

हमले में लगभग 200 विमान शामिल थे

क्षेत्र के देशों ने इजरायल के हमले की निंदा की, जबकि विश्व भर के नेताओं ने दोनों पक्षों से तत्काल तनाव कम करने का आह्वान किया। इजरायली सेना ने कहा कि ईरान के लगभग 100 ठिकानों पर शुरुआती हमले में लगभग 200 विमान शामिल थे। दो सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि देश (इजरायल) की जासूसी एजेंसी मोसाद समय से पहले ईरान के अंदर विस्फोटक ड्रोन तैनात करने और फिर उन्हें तेहरान के पास ईरानी बेस पर मिसाइल लॉंचर को निशाना बनाने के लिए सक्रिय करने में भी सक्षम थी।

ईरान में चला इजरायल का गोपनीय अभियान!

उन्होंने कहा कि इजरायल ने मध्य ईरान में हथियारों के साथ-साथ वाहनों पर हमला करने वाली प्रणालियों की भी तस्करी की थी, जिन्हें ईरानी हवाई सुरक्षा पर हमला शुरू होते ही सक्रिय कर दिया गया था। अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर इस बेहद गोपनीय मिशन के बारे में बात की हालांकि उनके दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि करना संभव नहीं हो सका। कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।

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आलोक कुमार राव author

आलोक कुमार राव न्यूज डेस्क में कार्यरत हैं। यूपी के कुशीनगर से आने वाले आलोक का पत्रकारिता में करीब 19 साल का अनुभव है। समाचार पत्र, न्यूज एजेंसी, टेल...और देखें

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