दिल्ली में सीट जीतने में भले ही फिसड्डी रही कांग्रेस, इन 10 सीटों पर मिले सबसे ज्यादा वोट

Delhi Assembly Election : साल 2013 तक कांग्रेस जब सत्ता में थी तो उसका वोट शेयर उस समय 40 फीसदी से ज्यादा था। कांग्रेस के हाथ से जब सत्ता फिसली तो उस समय शीला दीक्षित मुख्यमंत्री थीं लेकिन इसके बाद से हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत लगातार गिरता रहा। 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 24.7 फीसद वोट मिले।

congress

दिल्ली में कांग्रेस का प्रदर्शन इस बार सुधरा।

Delhi Assembly Election : दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भले ही एक भी सीट नहीं जीत पाई हो लेकिन इस बार उसके वोट शेयर में वृद्धि हुई है। राजधानी दिल्ली में लगातार सिकुड़ रही कांग्रेस के लिए यह अच्छी खबर है। खास बात यह है कि विधानसभा की 10 सीटें ऐसी रही हैं जहां उसका वोट प्रतिशत दो डिजिट में गया है। यानी कि इन सीटों पर उसका वोट प्रतिशत 10 फीसद से ज्यादा है। यही नहीं, पिछले चुनाव की तुलना में उसके वोट प्रतिशत में करीब दो फीसदी का इजाफा भी हुआ है।

साल 2013 तक कांग्रेस जब सत्ता में थी तो उसका वोट शेयर उस समय 40 फीसदी से ज्यादा था। कांग्रेस के हाथ से जब सत्ता फिसली तो उस समय शीला दीक्षित मुख्यमंत्री थीं लेकिन इसके बाद से हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत लगातार गिरता रहा। 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 24.7 फीसद वोट मिले। आम आदमी पार्टी (AAP) ने उसके वोट बैंक में सेंध लगा ली और इसके बाद से वह लगातार कमजोर होती चली गई। 2015 के चुनाव में कांग्रेस को 9.7 फीसद और 2025 में 4.26 प्रतिशत वोट मिले। इस बार कांग्रेस को 6.34 फीसदी वोट हासिल हुए हैं।

विधानसभाप्रत्याशी का नाममत प्रतिशत
कस्तूरबा नगर अभिषेक दत्त32.1
बादली देवेंद्र यादव27.29
नांगलोई जाट रोहित चौधरी20.18
मादीपुर जेपी पंवार15.96
बल्लीमारान हारुन यूसुफ13.30
चांदनी चौक मुदित अग्रवाल12.76
संगम विहार हर्ष चौधरी12.63
सीलमपुर अब्दुल रहमान12.43
मटियामहल आसिम अहमद खान12.20
पटपड़गंज अनिल चौधरी11.96
पिछली बार से कांग्रेस को दो फीसदी ज्यादा वोट मिले

दिल्ली में कांग्रस ने इस बार चुनाव मजबूती से लड़ा। उसने संदीप दीक्षित, अलका लांबा, रागिनी नायक, हारुन यूसुफ और देवेंद्र यादव जैसे अपने दिग्गज चेहरों को चुनाव लड़ाया। यह अलग बात है कि उसके ये नेता जीत हासिल नहीं कर पाए लेकिन अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन वापस पाने में पार्टी को थोड़ी सफलता जरूर मिली। इस चुनाव में भाजपा को 45.56 फीसदी और AAP को 43.57 फीसदी वोट मिले हैं। यानी भाजपा का वोट शेयर AAP से दो फीसद ज्यादा है। कांग्रेस को इस बार दो प्रतिशत ज्यादा वोट मिले हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस को मिले यही दो प्रतिशत वोट AAP की हार की वजह बने।

यह भी पढ़ें- केजरीवाल की कौन सी चूक पड़ गई भारी, चुनाव में AAP की हार के बाद बोले प्रशांत किशोर

कांग्रेस ने चुनाव हराया-खान

दिल्ली की ओखला सीट से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्लाह खान ने रविवार को विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। आप ने 2020 में 62 और 2015 में 67 विधानसभा सीटें जीती थीं, लेकिन इस चुनाव में उसकी संख्या घटकर 22 रह गई, क्योंकि भाजपा ने 70 सदस्यीय सदन में 48 सीटों के साथ शानदार जीत दर्ज की। कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी। खान ने कांग्रेस पर अपनी चुनावी सफलता के बजाय आप की हार को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया। खान ने कहा, ‘कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए नहीं, बल्कि हमारी हार सुनिश्चित करने के लिए लड़ा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहली बार मेरे निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार करने आए थे। उन्हें पता था कि उनके पास जीतने का कोई मौका नहीं है, लेकिन वे हमें हराने के लिए दृढ़ थे।’

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited