'...तो संसद भवन बंद कर देना चाहिए'; उपराष्ट्रपति के बाद अब BJP सांसद ने भी सुप्रीम कोर्ट पर उठाए सवाल, भाजपा ने 'बयान' से किया किनारा
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधते हुए कहा कि कानून यदि शीर्ष अदालत ही बनाएगी तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस कानून के कुछ विवादास्पद प्रावधानों पर सवाल उठाए जाने के बाद केंद्र सरकार ने अगली सुनवाई तक उन्हें लागू न करने पर सहमति व्यक्त की है।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे (फोटो साभार: @nishikant_dubey)
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधते हुए कहा कि कानून यदि शीर्ष अदालत ही बनाएगी तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए। दुबे ने 'एक्स' पर यह पोस्ट बिना किसी व्याख्या के लिखा है। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब वक्फ (संशोधन) अधिनियम की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर शीर्ष अदालत में सुनवाई चल रही है। अधिनियम को इस महीने की शुरूआत में संसद ने पारित किया था।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस कानून के कुछ विवादास्पद प्रावधानों पर सवाल उठाए जाने के बाद केंद्र सरकार ने अगली सुनवाई तक उन्हें लागू न करने पर सहमति व्यक्त की है। राष्ट्रपति को भेजे गए विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल में समयसीमा निर्धारित किये जाने पर भी बहस शुरू हो गई है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शीर्ष अदालत के इस निर्णय से असहमति जताई है।
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वहीं दूसरी ओर, विपक्षी दलों ने शीर्ष अदालत के उक्त निर्देश के साथ-साथ वक्फ (संशोधन) अधिनियम मामले में उच्चतम न्यायालय की कार्यवाही की सराहना की है। भाजपा के लोकसभा सदस्य दुबे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘कानून यदि उच्चतम न्यायालय ही बनाएगा तो संसद भवन बंद कर देना चाहिए।’’
वहीं सांसद निशिकांत दुबे के इस बयान से भाजपा ने किनारा किया है, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट कर लिखा- भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा का न्यायपालिका एवं देश के चीफ जस्टिस पर दिए गए बयान से भारतीय जनता पार्टी का कोई लेना–देना नहीं है। यह इनका व्यक्तिगत बयान है, लेकिन भाजपा ऐसे बयानों से न तो कोई इत्तेफाक रखती है और न ही कभी भी ऐसे बयानों का समर्थन करती है। भाजपा इन बयान को सिरे से खारिज करती है। भारतीय जनता पार्टी ने सदैव ही न्यायपालिका का सम्मान किया है, उनके आदेशों और सुझावों को सहर्ष स्वीकार किया है क्योंकि एक पार्टी के नाते हमारा मानना है कि सर्वोच्च न्यायालय सहित देश की सभी अदालतें हमारे लोकतंत्र का अभिन्न अंग हैं तथा संविधान के संरक्षण का मजबूत आधारस्तंभ हैं। मैंने इन दोनों को और सभी को ऐसे बयान ना देने के लिए निर्देशित किया है।
गौर हो कि झारखंड के गोड्डा से सांसद दुबे अक्सर लोकसभा में अपने प्रतिद्वंद्वियों पर भाजपा के राजनीतिक हमलों में अग्रणी भूमिका में रहते हैं और विभिन्न मुद्दों पर सत्तारूढ़ पार्टी का रुख स्पष्टता से सदन में रखते हैं।
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