ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाले राज्य के खिलाड़ियों के लिए बड़ा ऐलान
राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाले राज्य के खिलाड़ियों के लिए बड़ा ऐलान किया। साय ने ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेताओं को 3 करोड़ रुपए, रजत पदक विजेताओं को 2 करोड़ रुपए, और कांस्य पदक विजेताओं को 1 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि दिए जाने की घोषणा की।
यह घोषणा पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित राज्य खेल अलंकरण समारोह के दौरान की गई, जहां विभिन्न खेल विधाओं के 502 प्रतिभावान खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया और 1 करोड़ 36 लाख रुपए की राशि वितरित की गई।
छत्तीसगढ़ बन रहा है खेलों का हब
मुख्यमंत्री ने कहा कि "राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में खेल सुविधाओं के विस्तार और खिलाड़ियों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि जशपुर और रायगढ़ में 105 करोड़ रुपए की लागत से इंटीग्रेटेड स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, नया रायपुर में 62 करोड़ रुपए की लागत से मल्टीपर्पस इंडोर स्टेडियम और सिंथेटिक फुटबॉल मैदान विथ रनिंग ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा, राज्य में पहली बार आवासीय हॉकी अकादमी शुरू की गई है, और जल्द ही बालिकाओं के लिए फुटबॉल अकादमी की भी स्थापना की जाएगी।"
नक्सलवाद से खेल का हब बनने तक: बस्तर की विकास यात्रा में साय की अहम भूमिका
छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र, जो कभी अपने पौराणिक महत्व और नक्सलवाद के लिए प्रसिद्ध था, अब विकास की ओर बढ़ रहा है। इस परिवर्तन का श्रेय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को जाता है, जिन्होंने बस्तर को शांति और समृद्धि की राह पर लाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
बस्तर, जहाँ रामायण काल में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण ने 13 साल बिताए थे, अब एक और ऐतिहासिक बदलाव का गवाह बन रहा है। कभी नक्सलवाद से जूझने वाला यह क्षेत्र अब खेल, विशेष रूप से फुटबॉल के क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहा है। नारायणपुर जिले में अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) ने एक नई फुटबॉल पिच का निर्माण किया, जिसने हाल ही में दो राष्ट्रीय चैंपियनशिप की सफलतापूर्वक मेजबानी की।
'अब नक्सलवाद की जगह खेल का नया अध्याय लिखा जा रहा है'
मुख्यमंत्री साय ने इस परियोजना को अपनी प्राथमिकता बनाई, क्योंकि वे मानते हैं कि खेल से न केवल क्षेत्र का विकास हो सकता है, बल्कि सामाजिक सुधार भी संभव है। उनके नेतृत्व में, AIFF और छत्तीसगढ़ फुटबॉल संघ ने बस्तर में अंडर-20 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप आयोजित करने का निर्णय लिया। इसका उद्देश्य बस्तर को खेल का केंद्र बनाना और इसकी सकारात्मक छवि को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करना है। मुख्यमंत्री साय की दूरदर्शिता और उनकी मेहनत से बस्तर में अब नक्सलवाद की जगह खेल का नया अध्याय लिखा जा रहा है। यह पहल बस्तर के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।