Bihar Floor Test: स्पीकर को हटाने की क्या है प्रक्रिया, विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को लेकर कहां फंसा है पेंच?
Bihar Floor Test: बिहार का जो समीकरण है उसके अनुसार बहुमत नीतीश कुमार के पास है और नीतीश राजद से अलग हो चुके हैं तो अवध बिहारी चौधरी का हटना तय है। इसके लिए दो प्रक्रिया है। पहला अवध बिहारी चौधरी खुद इस्तीफा दे दें या फिर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए।
बिहार विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने इस्तीफा देने से मना कर दिया है (फोटो- iAwadhBihariRJD)
Bihar Floor Test: बिहार की सत्ता की लड़ाई में अगर लालू यादव को जीतना है तो उन्हें जितनी जरूरत जीतन राम मांझी की है, उतनी है जरूरत विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी की है। बिहार फ्लोर टेस्ट के दौरान स्पीकर अवध बिहारी चौधरी की भूमिका काफी अहम है, जो राजद से ही आते हैं। यही कारण है कि नीतीश कुमार ने शपथ लेते ही तुरंत विधानसभा अध्यक्ष को हटाने की कवायद शुरू कर दी थी। नीतीश सरकार अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भेज चुकी है, हालांकि अवध बिहारी चौधरी फिलहाल अलग ही मूड में है। वो न तो इस्तीफा देने जा रहे हैं, न ही वोटिंग कराने के पक्ष में हैं। इसके लिए वो भी संविधान का ही तर्क दे रहे हैं। पहले ये समझते हैं कि स्पीकर को हटाने के लिए संविधान में क्या नियम हैं?
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स्पीकर को कैसे हटाया जा सकता है
दरअसल बिहार का जो समीकरण है उसके अनुसार बहुमत नीतीश कुमार के पास है और नीतीश राजद से अलग हो चुके हैं तो अवध बिहारी चौधरी का हटना तय है। इसके लिए दो प्रक्रिया है। पहला अवध बिहारी चौधरी खुद इस्तीफा दे दें या फिर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए। अब कहानी ये है कि फ्लोर टेस्ट के दौरान विधानसभा अध्यक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका होती है तो राजद चाहेगी नहीं कि अवध बिहारी इस्तीफा दें, ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव ही दूसरा मार्ग है, जिसपर नीतीश सरकार अमल कर चुकी है।
संविधान में स्पीकर को हटाने के नियम
हमारे संविधान में विधानसभा अध्यक्ष के को लेकर कुछ नियम है। संविधान के 178 से 181 अनुच्छेद में स्पीकर का चुनाव और पद से हटाने का जिक्र किया गया है। अनुच्छेद 179 के तहत तीन स्थितियों में स्पीकर को पद छोड़ना होता है। पहला- उसकी सदस्यता चली जाए। दूसरा- अविश्वास प्रस्ताव और तीसरा स्पीकर खुद इस्तीफा दे दें।
अविश्वास प्रस्ताव वाला नियम
संविधान कहता है कि अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देने के 14 दिन के बाद सदन के अंदर विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। अगर विधानसभा अध्यक्ष उससे पहले इस्तीफा दे दें तो ठीक नहीं तो 14 दिन बाद वोटिंग होगी और अगर वहां बहुमत विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ गया तो स्पीकर को इस्तीफा देना पड़ेगा।
बिहार में कहां फंसा है पेंच
अवध बिहारी चौधरी का कहना है कि नोटिस के बारे में जब उन्हें जानकारी मिली तब से लेकर 14 दिन यानि कि 21 फरवरी तक पद पर बने रहेंगे। मतलब फ्लोर टेस्ट के दिन भी स्पीकर अवध बिहारी ही रहेंगे। वहीं राजद का कहना है कि स्पीकर को हटाने के लिए 122 विधायकों का समर्थन चाहिए जो नीतीश के पास नहीं है। राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि नीतीश फ्लोर टेस्ट से पहले स्पीकर को हटाकर देखें। हालांकि ये तय दिख रहा है कि फ्लोर टेस्ट से पहले स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आएगा।
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