चेन्नई : जातिगत भेदभाव और छुआछूत को हालांकि कानून बनाकर खत्म कर दिया गया है, लेकिन लोगों के दिलों से इसे आज तक खत्म नहीं किया जा सका है और यही वजह है कि समय-समय पर ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं, जो इंसानियत को शर्मसार करती हैं। तमिलनाडु में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जब चुनी हुई पंचायत प्रमुख को कथित तौर पर उनकी जाति के कारण एक बैठक के दौरान नीचे फर्श पर बैठना पड़ा, जबकि अन्य लोग कुर्सी पर बैठे। इस मामले में कार्रवाई करते हुए पंचायत सचिव को निलंबित भी किया गया है।
यह मामला तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले का है, जहां बैठक के दौरान महिला पंचायत प्रतिनिधि को फर्श पर बैठने को मजबूर किया गया। इस महिला पंचायत प्रमुख को ही बैठक की अध्यक्षता करनी थी, लेकिन उप पंचायत प्रमुख की आपत्ति के कारण उन्हें फर्श पर बैठना पड़ा, क्योंकि वह जिस जाति से ताल्लुख रखती हैं, वह अनुसूचित जाति की श्रेणी में आता है। वह तेरू तित्ताई गांव की पंचायत प्रमुख हैं और इस रिजर्व सीट से इस साल जनवरी में निर्वाचित हुई थीं। उनका कहन है कि उन्हें तभी से जातिगत भेदभाव झेलना पड़ रहा है।
महिला का कहना है कि उप पंचायत प्रमुख ने उन्हें बैठक की अध्यक्षता भी नहीं करने दी और न ही इससे पहले 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उन्हें झंडा फहराने दिया था, बल्कि अपने पिता से यह काम करवाया था। उनका यह भी कहना है कि इतने महीनों में वह इलाके में ऊंची जाति के लोगों के साथ सहयोग करती रहीं, लेकिन अब पानी सिर के ऊपर से गुजर चुका है।
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