नई दिल्ली : राजस्थान का भीलवाड़ा जिला आज दुनियाभर की सुर्खियों में है। यह देश के उन गिने-चुने जिलों में से था, जहां शुरुआती दिनों में ही कोरोना वायरस संक्रमण के इतने मामले आ गए थे कि अंदाजा लगाया जाने लगा कि यहां हालात बेकाबू हो सकते हैं। यहां तक कहा जा रहा था कि यह राजस्थान का इटली हो सकता है। हालांकि यहां इस तरह प्रभावी नीति अपनाई गई कि जल्द ही संक्रमण के नए मामलों में गिरावट आने लगी और यह मॉडल देशभर की सुर्खियों में आ गया, जिसमें यहां के जिला प्रशासन की अहम भूमिका है।
जिले को किया आइसोलेट
कोरोना पर काबू पाने के लिए जिस मॉडल को जिला प्रशासन ने लागू किया, वह 'कंप्लीट लॉकडाउन' था और इसे क्रियान्वित करने वालों की टीम में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की अधिकारी और सिविल सर्विसेज परीक्षा, 2015 की टॉपर टीना डाबी (26) भी शामिल रहीं। उन्होंने बताया कि पूरी टीम ने किस तरह इस मॉडल को लागू किया और यह उनके लिए कितना मुश्किल रहा। उन्होंने बताया कि सबसे पहले पूरे जिले को आइसोलेट कर दिया गया और लोगों को भरोसे में लेने, उन्हें समझाने-बुझाने का काम भी किया गया।
डीएम ने 2 घंटे के भीतर लिया फैसला
डाबी अक्टूबर 2018 से भीलवाड़ा की सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट हैं। उन्होंने बताया कि 19 मार्च को उन्हें कोरोना संक्रमण के पहले मामले की जानकारी मिली थी, जिसके बाद 20 मार्च को ही प्रशासन ने आगामी कदमों की रूपरेखा तय कर ली और फिर 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा से बहुत पहले ही भीलवाड़ा को पूरी तरह सील करने का फैसला ले लिया था। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी राजेंद्र भट्ट ने दो घंटे के भीतर यह फैसला ले लिया था कि यहां संक्रमणण् को फैलने से रोकने के लिए कर्फ्यू लगाने और जिले को पूरी तरह सील करने की जरूरत है।
लोगों को ऐसे समझाया
डाबी ने बताया कि इस संबंध में आदेश आते ही उन्होंने पूरे शहर में बंद करवाया और लोगों को इसका आश्वासन भी दिया कि वे घबराएं नहीं। इस दौरान कई लोगों को समझाया-बुझाया गया तो कहीं अनुनय-विनय भी करना पड़ा और कुछ लोगों को डांट-फटकार भी लगानी पड़ी। उन्होंने बताया कि यह काम इतना आसान भी नहीं था। इस सख्त कदम के बाद पहले तीन-चार दिनों में शहर और जिले से कई कॉल आने शुरू हो, लेकिन पूरी टीम ने इस जिम्मेदारी को गर्व के साथ निभाया कि वे देश सेवा कर रहे हैं और यह वक्त ऐसा है, जिसमें कुछ कड़े फैसले लेने ही होंगे।
घर तक पहुंचाए गए जरूरी सामन
इस दौरान प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया कि लोगों को उनके घरों तक जरूरी सामान मुहैया कराएं जाएं, ताकि उन्हें इसे लेकर किसी तरह की परेशानी न हो और खतरे की गंभीरता को समझ सकें। आज भीलवाड़ा का यही मॉडल दिल्ली सहित पूरे देश में अपनाया जा रहा है और जगह-जगह हॉटस्पॉट की पहचान कर उसे सील किया जा रहा है, ताकि संक्रमण पर काबू पाया जा सके।
India News in Hindi (इंडिया न्यूज़), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Network Hindi पर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें.