नई दिल्ली। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का काम जारी है। श्रीराम तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक भव्य राममंदिर का निर्माण कार्य 2023 तक संपन्न करा लिया जाएगा। लोग अपने अपने सामर्थ्य के मुताबिक दान दे रहे हैं। ट्रस्ट के मुताबिक अब तक 2500 करोड़ रुपए का सहयोग मिल चुका है। इन सबके बीच सीता एलिया से वो पत्थर भारत लाया जा रहा है इस पत्थर को भारत में नियुक्त श्रीलंका के राजदूत मिलिंदा मारागोदा को सौंपा गया।
श्रीलंका में है सीता एलिया
सीता एलिया क्या है और इसकी महत्ता क्या है इसे जानना और समझना जरूरी है। यह वो जगह है, जहां माता सीता को रावण ने बंधक बना कर रखा था। इस जगह पर मां सीता का मंदिर भी बना हुआ है। इस मंदिर को दुनिया में सीता अम्मन कोविले नाम से पहचान मिली है। इस इलाके में लाखों की संख्या में अशोक के पेड़ आज भी मौजूद हैं और यही वजह है कि इसे अशोक वाटिका के नाम से जाना जाता था।
अशोक वाटिका के एक तरफ काली दूसरी तरफ पीली मिट्टीसीता एलिया के पास से एक नदी भी है जिसे सीता के नाम से पुकारा जाता है। अगर इस नदी के दोनों तरफ की मिट्टी के रंग को देखें तो चौंकना लाजिमी है। नदी के एक पार मिट्टी का रंग पीला तो दूसरी तरफ मिट्टी का रंग काला है। पीली-काली मिट्टी के पीछे की कहानी भी दिलचस्प है। बताया जाता है कि जब हनुमान जी सीता जी की खोज में लंका गए और बंदी बनाए जाने के बाद उनकी पूंछ में आग लगा दी गई तो उन्होंने लंका को जला डाला और इस वजह से नदी के एक पार के इलाके की मिट्टी की रंग बदलकर काली हो गया। लेकिन दूसरे तरफ का इलाका आग से अछूता रहा लिहाजा उस पार की मिट्टी पीली रह गई।
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