नई दिल्ली: देश के लोगों को ये हमेशा शिकायत रहती है कि हमारी अदालतें न्याय देने में काफी देर कर देती हैं। कहा भी जाता है कि देरी से मिला न्याय, न्याय नहीं है। लेकिन राजस्थान की एक अदालत ने उदाहरण पेश किया है। यहां बलात्कार के आरोपी को शिकायत दर्ज होने के 26 दिन बाद दोषी ठहरा दिया और 27वें दिन उसे मौत की सजा भी दे दी। कोर्ट ने कहा कि यह एक जघन्य अपराध था और वह मौत की सजा का हकदार था।
झुंझुनू जिले की पॉक्सो अदालत ने 5 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी को पहले दोषी ठहराया और फिर फांसी की सजा दी। यह घटना 19 फरवरी को हुई थी। पुलिस ने इस मामले में 15 दिन के अंदर चार्जशीट फाइल कर दी थी। आरोपी पर बच्ची को किडनैप करने और उसके साथ बलात्कार करने का मामला था।
लड़की अपने घर के पास अपने भाई-बहनों के साथ खेल रही थी तभी उसका अपहरण कर लिया गया और बाद में सुनील ने उसका बलात्कार किया। अपराध के कुछ घंटों बाद पुलिस ने लड़की को बचाया और आरोपी को गिरफ्तार किया।
1 मार्च को सौंपी चार्जशीट
पुलिस अधिकारी ने कहा, 'जिस समय से हमें अपराध के बारे में पता चला, हमने मामले को समझदारी से निपटाया। एक महिला अधिकारी को जांच में हमारी मदद करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। हमने 1 मार्च को आरोप पत्र दायर किया था और अब आरोपी को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (पॉक्सो मामले) सुकेश कुमार की अदालत ने दोषी ठहराया है।' एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमने मामले में 40 गवाहों को पेश किया और विभिन्न चिकित्सा और प्रासंगिक एफएसएल रिपोर्ट सौंपी।
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