नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में एक बार फिर उछाल के बीच केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए चेतावनी जारी की है और कहा कि हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, जिसे देखते हुए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। केंद्र सरकार की यह चिंता ऐसे समय में आई है, जबकि कोरोना के सर्वाधिक ममाले देश के 10 जिलों में दर्ज किए गए हैं, जिनमें महाराष्ट्र के 8 जिले और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भी शामिल है।
देश में महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को चेताया गया है कि अगर जल्द ही एहतियाती कदम नहीं उठाए गए तो यह स्थिति पूरे देश में स्वास्थ्य व्यवस्था को संकट में डाल सकती है। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने मंगलवार को कहा, 'हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। यह चिंता का कारण है। किसी भी राज्य या देश के हिस्से को मामूली सी भी कोताही बरतने की जरूरत नहीं है।'
उन्होंने कहा, 'ट्रेंड्स से पता चलता है कि वायरस अब भी बहुत सक्रिय है और बचाव के हमारे सारे प्रयास बेमानी साबित हो सकते हैं, अगर हम नहीं चेते। जब भी हम सोचते हैं कि हमने इसे काबू कर लिया है, यह फिर से वार करता है। यह चिंता की स्थिति है और इसे लेकर हम सभी को सचेत रहने की आवश्यकता है।' उन्होंने यह भी कहा कि देश इस वक्त गंभीर हालात से गुजर रहा है और स्वास्थ्य संकट की यह स्थिति पूरे दूश को लेकर है।
बढ़ते संक्रमण के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने देश के सभी जिलों, चाहे वहां संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो या नही, को पत्र लिखकर मौजूदा हालात से निपटने के लिए जिला स्तरीय एक्शन प्लान बनाने को कहा है। इसमें कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए निर्धारित टाइमलाइन और जवाबदेही तय करने की बात भी शामिल है। केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को RT-PCR टेस्ट बढ़ाने, हर पॉजिटिव केस पर 25-30 कॉन्टैक्ट्स का पता लगाने, आइसोलेशन और कंटेनमेंट जोन बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है और 'टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट' को अहम बताया गया है।
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