नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) आज (बुधवार, 11 दिसंबर) संसद के दूसरे सदन राज्यसभा में पेश किया जाना है। यह विधेयक लोकसभा से सोमवार को ही पारित हो चुका है, जिसके बाद अब इसे मंजूरी के लिए राज्यसभा में लाया जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह इसे राज्यसभा में पेश करेंगे, जिस पर संसद से सड़क तक बवाल मचा हुआ है।
इस विधेयक के लोकसभा से सोमवार को पारित होने के बाद जहां पूर्वोत्तर राज्यों सहित देश के अन्य हिस्सों में भी व्यापक प्रदर्शन हुए हैं, वहीं विपक्ष ने भी राज्यसभा में इसे पारित होने से रोकने के लिए लामबंदी तेज कर दी है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र की एनडीए सरकार को उम्मीद है कि जिस तरह वह तीन तलाक और जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अहम प्रावधानों को निरस्त करने वाले विधेयक को संसद के दोनों सदनों से पारित कराने में कामयाब रही, उसी तरह इस बार भी उसे सफलता मिलेगी।
संख्याबल के लिहाज से लोकसभा में हालांकि सरकार को इस विधेयक को पारित कराने में कोई परेशानी नहीं हुई, पर राज्यसभा में उसे मुश्किल आ सकती है, क्योंकि संसद के इस सदन में गणित उसके पक्ष में नहीं है। ऐसे में एनडीए के बाकी घटक दलों के अलावे उसे यहां बीजू जनता दल (बीजद), वाईएसआर कांग्रेस जैसे राजनीतिक दलों के समर्थन की भी आवश्यकता होगी, जिनके बारे में तय नहीं है कि वे क्या रुख अपनाएंगे।
वहीं, करीब तीन दशकों तक बीजेपी की सहयोगी रही शिवसेना ने हालांकि लोकसभा में विधेयक का समर्थन किया, पर राज्यसभा में उसका क्या रुख होगा, इस पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। शिवसेना प्रमुख व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस बयान के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि जब तक विधेयक पर सारी बातें स्पष्ट नहीं हो जातीं, वे इसका समर्थन नहीं करेंगे।
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