Twin Towers Demolition: ट्विन टॉवर में लगे थे 10 'ब्लैक बॉक्स', जानें क्या खोलेंगे राज

Twin Towers Demolition: इस बीच मलबे में ब्लैक बॉक्स की तलाश की जा रही है और इनमें से एक मिल गया है, जबकि बाकी की तलाश जारी है। संभव है कि इमारत गिरने से कुछ ब्लैक बॉक्स टूट गए हों।

10 Black Box were installed in the Twin Towers know what the secrets will be revealed
ट्विन टॉवर में लगे थे 10 'ब्लैक बॉक्स'।  |  तस्वीर साभार: ANI

Twin Towers Demolition: नोएडा में रविवार को सुपरटेक के ट्विन टावर्स को ढहा दिया गया। टावर्स को ढहाने के बाद धूल के बादल को उड़ते सभी ने देखा। वहीं टावर्स के गिरने के समय बिल्डिंग का नजारा और कंपन का राज अब बिल्डिंग में लगाए गए ब्लैक बॉक्स से खुलेगा। बिल्डिंग के अंदर केवल दस ब्लैक बॉक्स लगाए गए थे, जिन्हें केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की के वैज्ञानिकों ने भविष्य में इस तरह के विध्वंस का और अधिक बारीकी से अध्ययन करने के इरादे से रखा था।

ब्लैक बॉक्स से खुलेगा पूरा राज

इनमें से अब तक एक ब्लैक बॉक्स मिला है। बाकी की तलाश जारी है। इसके अलावा वैज्ञानिकों ने इमारत के चारों ओर 150 मीटर के दायरे में कई तरह के उपकरण लगाए, जो विध्वंस के असर को कई नजरिए से बताएंगे। जिस तरह से सभी संदेहों को दूर करते हुए ट्विन टावर्स को बहुत ही सुरक्षित तरीके से जमींदोज किया गया था।

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ट्विन टॉवर में लगे थे 10 'ब्लैक बॉक्स'

सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) रुड़की और सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग एंड फ्यूल रिसर्च (सिफर) धनबाद के वैज्ञानिकों ने इस पूरे काम में अहम भूमिका निभाई। सीबीआरआई के मुख्य वैज्ञानिक और जियो हैजर्ड रिस्क रिडक्शन ग्रुप लीडर डॉ. डीपी कानूनगो ने बताया कि इमारत को गिराने से पहले उसके अंदर हवाई जहाज की तरह 10 ब्लैक बॉक्स लगाए गए थे। उन्होंने कहा कि इमारत के अंदर हुए पूरे विध्वंस को कौन रिकॉर्ड करेगा। कौन बताएगा कि इमारत कैसे गिरी, किस गति से गिरी और कैसे घुमाकर गिरी। इस पर और शोध करेंगे।

मलबे में एक ब्लैक बॉक्स मिला

इस बीच मलबे में ब्लैक बॉक्स की तलाश की जा रही है और इनमें से एक मिल गया है, जबकि बाकी की तलाश जारी है। संभव है कि इमारत गिरने से कुछ ब्लैक बॉक्स टूट गए हों। इन ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग से भविष्य में ऐसी इमारतों को गिराने पर शोध में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस पूरे काम में दस वैज्ञानिकों की टीम लगी थी, जिनमें से आठ वैज्ञानिक सीबीआरआई रुड़की के हैं और दो वैज्ञानिक सिफर धनबाद के हैं।

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खास बात यह है कि ब्लैक बॉक्स कहीं से नहीं खरीदे गए हैं, बल्कि सीबीआरआई के वैज्ञानिकों ने इन्हें बनाया है। वैज्ञानिक डॉ. कानूनगो ने बताया कि इमारत में जो ब्लैक बॉक्स लगाए गए थे, उनका निर्माण सीबीआरआई में ही किया गया है. जो गिरते हुए भवन के प्रत्येक चक्कर में स्थिति की जानकारी देगा। 

डॉ. डीपी कानूनगो ने बताया कि भवन के 150 मीटर के दायरे में 19 सिस्मोग्राफ यंत्र लगाकर निगरानी की गई है. जो अलग-अलग दूरी पर मलबे से गिरने पर जमीन के कंपन को मापेगा। साथ ही ड्रोन से तस्वीरें ली गई हैं। आसपास की इमारत में कैमरे और सेंसर लगाए गए थे। भविष्य के शोध के लिए ब्लैक बॉक्स और ड्रोन की इमेज प्रोसेसिंग का उपयोग किया जा सकता है। वहीं नोएडा अथॉरिटी ने मलबा उठाने को कहा है। प्राधिकरण इस मलबे को रिसाइकिल करवाएगा, जिसके बाद इस मलबे का इस्तेमाल भवन निर्माण में किया जा सकेगा।

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