Chitrakoot Jail Gangwar: चित्रकूट जेल गैंगवार में मुख्तार अंसारी का करीबी मारा गया, हमलावर आरोपी भी ढेर

यूपी के चित्रकूट जेल में हुए गैेंगवार में एक आरोपी ने गैंगवार में दो कैदियों को मार डाला। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में हमलावर आरोपी भी मारा गया है।

Chitrakoot Jail Gangwar: चित्रकूट जेल में गैंगवार में मुख्तार अंसारी करीब मारा गया, हमलावर आरोपी भी ढेर
चित्रकूट जेल में गैंगवार 
मुख्य बातें
  • चित्रकूट जेल में गैंगवार, मुख्तार अंसारी के करीबी गैंगस्टरों की हत्या
  • हमलावर आरोपी को पुलिस ने मारा
  • मुकीम ऊर्फ काला पश्चिमी यूपी का कुख्यात बदमाश था

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चित्रकूट जिले की रगौली जेल में शुक्रवार को आपसी झड़प में एक बंदी ने दो अन्य कैदियों की गोली मारकर हत्या कर दी। बाद में जेल सुरक्षाकर्मियों ने उसे भी मार गिराया।रगौली जेल के जेलर एस.पी. त्रिपाठी ने बताया कि जेल में बंद कुछ कैदियों के बीच हुई आपसी झड़प के दौरान एक बंदी ने दो कैदियों की गोली मारकर हत्या कर दी, बाद में जेल सुरक्षाकर्मियों ने उसे भी मार गिराया।

चित्रकूट जेल में गैंगवार
जेलर त्रिपाठी ने बताया कि अभी फिलहाल जिले के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल का निरीक्षण कर रहे हैं। घटना की पूरी जानकारी बाद में दी जाएगी।एक सवाल के जवाब में जेल अधिकारी ने बताया कि बीच-बचाव करने गए एक सुरक्षाकर्मी का सर्विस रिवाल्वर छीनकर बंदी ने दो कैदियों पर गोली चलाई। मामले की जांच की जा रही है।

मुख्तार अंसारी का करीबी बदमाश भी मारा गया
जेल के अंदर गैंगवार की वारदात बदमाशों के दो गुटों में हुई। गैंगवार में अंशूल दीक्षित ने मुकीम उर्फ काला के साथ एक और बदमाश मेराज को मार गिराया। उस घटना के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अंशूल दीक्षित को भी ढेर कर दिया। मेराज को हाल ही में सुल्तानपुर जेल से चित्रकूट शिफ्ट किया गया था।

मुकीम ऊर्फ काला- पश्चिम यूपी का कुख्यात बदमाश, तनिष्क शोरूम डकैती का सूत्रधार, पहले कुरुक्षेत्र जेल में बंद, फिर सहारनपुर लाया गया उसके बाद चित्रकूट भेजा गया

मेराज- मुन्ना बजरंगी के मारे जाने के बाद मुख्तार अंसारी का खास बना। शस्त्र लाइसेंस केस में वाराणसी में हुई थी गिरफ्तारी

अंशू दीक्षित- सीतापुर के रहने वाले इस बदमाश को 2014 में गोरखपुर में गिरफ्तार किया गया था जब वो नेपाल भागने की फिराक में था।

मुख्तार का खास था मेराज
बताया जाता है कि मुन्ना बजरंगी के मारे जाने के बाद मेराज, मुख्तार का खास बन गया था। इस तरह की खबरें आईं कि अंशू दीक्षित ने मेराज और मुकीम को मारने के बाद पांच और कैदियों को बंधक बना लिया था। जेल प्रशासन की तरफ से अंशू दीक्षित से अपील की गई वो बाकी कैदियों को छोड़ दे। लेकिन वो माना नहीं। पुलिस और उसके बीच झड़प में वो भी मारा गया।

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