चेन्नई: भारत और इंग्लैंड के बीच बहुप्रतीक्षित टेस्ट सीरीज का आगाज शुक्रवार को चेन्नई से शुरू हो चुका है और यह फरवरी 1994 के बाद पहला ऐसा मौका है जब भारत में टेस्ट मैच में दो भारतीय अंपायर ऑफिशिएट कर रहे हैं। नितिन मेनन और अनिल चौधरी ने चेन्नई टेस्ट में मैदानी अंपायरों की भूमिका निभाई है। अनिल चौधरी और रिजर्व अंपायर वीरेंद्र शर्मा तो इसी के साथ अपना टेस्ट डेब्यू भी कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने नितिन मेनन के साथ पहले दो टेस्ट के लिए इन दोनों अंपायरों को नियुक्त किया है।
बता दें कि आखिरी बार भारत में किसी टेस्ट मैच में दो भारतीय अंपायरों ने जब एकसाथ काम किया था, वो फरवरी 1994 में अहमदाबाद में श्रीलंका के खिलाफ मैच खेला गया था। तब एएल नरसिम्हन और वीके रामास्वामी ने मैदानी अंपायरों की भूमिका निभाई थी। इसी के साथ भारत और इंग्लैंड के बीच चेन्नई में शुरू हुआ पहला टेस्ट यादगार बन गया है।
कोविड-19 महामारी के कारण टेस्ट मैचों में घरेलू अंपायर्स का ट्रेंड जारी है। अधिकांश हाई-प्रोफाइल टेस्ट सीरीज में पहले तटस्थ अंपायरों को नियुक्त किया जाता था। अनिल चौधरी और वीरेंद्र शर्मा दोनों आईसीसी के अंपायरों के अंतरराष्ट्रीय पैनल का हिस्सा हैं। चौधरी पहले टेस्ट में मैदानी अंपायरिंग करेंगे और शर्मा दूसरे टेस्ट में उनकी जगह लेंगे। सी शम्शुद्दीन पहले टेस्ट में तीसरे अंपायर की भूमिका निभा रहे है। वह दूसरे टेस्ट में यह जिम्मेदारी अनिल चौधरी को सौंपेंगे। टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ को पहले दो टेस्ट मैचों के लिए मैच रेफरी के रूप में नियुक्त किया गया है।
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