शिवराज के चेहरे पर एमपी चुनाव नहीं लड़ रही BJP, जान लीजिए कौन-कौन है उनका विकल्प
BJP Have Option For Shivraj Singh Chouhan: पार्टी ने पहले ही ये साफ कर दिया है कि इस बार का चुनाव सीएम शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर नहीं बल्कि सामूहिक नेतत्व में लड़ा जाएगा। आपको उन 4 नेताओं के बारे में बताते हैं, जो मध्य प्रदेश में शिवराज को रिप्लेस कर सकते हैं।
शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के सीएम पद के लिए भाजपा के इकलौते दावेदार नहीं।
Madhya Pradesh Election News: शिवराज सिंह चौहान भले ही मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, मगर सीएम की कुर्सी के लिए भाजपा के पास कई विकल्प हैं। मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा ने वैसे तो कई महीने पहले ही यह तय कर लिया था कि पार्टी राज्य में इस बार अपने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर नहीं बल्कि सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने 2017 में उत्तर प्रदेश में अपनाई गई रणनीति को 2023 में मध्य प्रदेश में दोहराने का फैसला करते हुए यह तय किया कि पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी और प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में क्षेत्रीय क्षत्रपों को आगे करेगी।
शिवराज नहीं होंगे मध्य प्रदेश में भाजपा के इकलौते चेहरे
इसी रणनीति के तहत पार्टी ने पहले धीरे-धीरे शिवराज सिंह चौहान को चुनावी अभियान के सेंटर पॉइंट से हटाकर अन्य नेताओं के समकक्ष खड़ा करने का प्रयास किया। फिर शिवराज को बड़ा झटका देते हुए यह तय किया कि मुख्यमंत्री होने के बावजूद 2018 विधानसभा चुनाव की तरह 2023 में अपनी ही सरकार के लिए जनता का आशीर्वाद मांगने के लिए प्रदेश भर में निकाली जाने वाली जन आशीर्वाद यात्रा का इकलौता चेहरा सीएम चौहान नहीं होंगे।
भाजपा के पास मध्य प्रदेश के लिए ये 4 नेता हैं विकल्प
सीएम शिवराज सिंह चौहान के अलावा चौहान के अलावा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री एवं मध्य प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी इसमें बड़े चेहरे होंगे। इस बीच मंगलवार को भाजपा ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तीसरी लिस्ट जारी कर दी है। हैरान करने वाली बात ये है कि इस तीसरी लिस्ट में महज एक उम्मीदवार का नाम है। पार्टी ने छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा निर्वाचन सीट के लिए मोनिका बट्टी को अपना उम्मीदवार बनाया है। यह सीट अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है। बट्टी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को छोड़कर हाल ही में भाजपा में शामिल हुई हैं।
दूसरी लिस्ट में 3 मंत्रियों समेत 7 सांसदों को दिया टिकट
सोमवार को पार्टी ने अपने 39 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट में 3 केंद्रीय मंत्रियों सहित 7 सांसदों और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तक को विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित कर अपने इरादे एक बार फिर साफ कर दिए हैं। भाजपा ने जिन केंद्रीय मंत्रियों- नरेंद्र सिंह तोमर,फग्गन सिंह कुलस्ते और प्रल्हाद पटेल के अलावा पार्टी के जिन राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है, उनमें से तीन मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जाते हैं। इसके साथ ही पार्टी ने लोकसभा के जिन सांसदों - रीति पाठक, राकेश सिंह, गणेश सिंह और उदय प्रताप सिंह को विधानसभा के चुनावी मैदान में उतारा है, उनमें से एक भाजपा आलाकमान के काफी करीबी माने जाते हैं।
एंटी इनकंबेंसी के चलते बढ़ रही है शिवराज की मुश्किलें
भाजपा के सूत्रों की माने तो, एक खास रणनीति के तहत राज्य में एंटी इनकंबेंसी के माहौल से पार पाने के लिए शिवराज सिंह चौहान को चुनाव प्रचार के सेंटर पॉइंट से थोड़ा अलग रखकर अन्य नेताओं को आगे किया जा रहा है और पार्टी के सबसे बड़े स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे चुनाव को अपनी लोकप्रियता के आधार पर पार्टी के पक्ष में बनाने का प्रयास भी कर रहे हैं। हालांकि, चुनाव प्रचार अभियान में अभी भी शिवराज की एक भूमिका होने की बात करते हुए भाजपा सूत्र यह भी बता रहे हैं कि शिवराज सिंह चौहान राज्य के मुख्यमंत्री हैं, बड़े चेहरे हैं और वो निश्चित तौर पर चुनाव (विधानसभा चुनाव) लड़ेंगे। लेकिन, जब पार्टी किसी राज्य में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला करती है तो उसका मतलब स्पष्ट होता है कि उस राज्य में भाजपा के पास मुख्यमंत्री पद के लिए कई विकल्प हैं और चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसका फैसला पार्टी का संसदीय बोर्ड विधायकों की राय के आधार पर करेगा।
भाजपा ने साल 2018 के चुनाव से लिया है ये सबक?
दरअसल, शिवराज सिंह चौहान को लेकर भाजपा का इतना बड़ा फैसला करने का आधार 2018 का पिछला विधानसभा चुनाव का रिजल्ट रहा है। पार्टी 2018 की गलती को इस बार दोहराना नहीं चाहती है। मध्य प्रदेश में, 2003 से लगातार चुनाव जीत रही भाजपा को 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने करारा झटका देते हुए सरकार से बाहर कर दिया था। 2018 के चुनाव में राज्य की कुल 230 विधानसभा सीटों में से 114 पर जीत हासिल कर, कांग्रेस ने अन्य दलों के सहयोग से सरकार बनाकर भाजपा को राजनीतिक झटका दे दिया था। हालांकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद भाजपा ने कांग्रेस सरकार को सत्ता से बाहर करते हुए मार्च 2020 में फिर से अपनी सरकार बना ली। लेकिन, भाजपा अब 2023 में 2018 की गलती कतई दोहराना नहीं चाहती है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। भोपाल (Cities News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें
Greater Noida वेस्ट में बनेगी एलिवेटेड रोड, एक मूर्ति गोल चक्कर का आकार होगा छोटा
BPSC पेपर लीक: अभ्यर्थियों के प्रदर्शन से बौखलाए DM साहब, छात्र को जड़ दिए थप्पड़
Seoni: बाघिन के साथ कैद हुआ आदमखोर बाघ, 100 से ज्यादा अधिकारियों को दे रहा चकमा; देखें Video
कोलकाता में कूड़े के ढेर में महिला का सिर मिलने से मचा हड़कंप, धड़ तलाश रही पुलिस
आ गई डेट, इस दिन खुलेगा दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे! उद्घाटन के साथ हो सकता है PM मोदी का रोड शो
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited