MP Chunav 2023: भाजपा का क्षेत्रीय क्षत्रपों को संदेश- चुनाव जीतें और जिताएं भी; ये है चुनावी रणनीति
Madhya Pradesh Assembly Electon 2023: भाजपा ने ये बात बखूबी समझ ली है कि मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में जरा सी भी कोताही भारी पड़ सकती है। इसीलिए 39 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट में 7 सांसदों को टिकट मिला है, इनमें तीन केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं। पार्टी ने क्षेत्रीय क्षत्रपों को ये संदेश दिया है कि चुनाव जीतें और जिताएं भी...।
भाजपा ने सांसदों को मध्य प्रदेश में चुनाव जीतने और जिताने का दिया काम।
MP Election 2023: आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 39 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी करके ये बताने की कोशिश की है कि वो एमपी की सत्ता बचाने के लिए कितनी गंभीर है। 230 विधानसभा सीट में से 78 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान हो चुका है। दूसरी लिस्ट की सबसे दिलचस्प बात ये है कि इसमें तीन केंद्रीय मंत्री समेत 7 सांसदों का नाम शामिल है। आखिर इसके पीछे की असल रणनीति क्या है? ये समझाते हैं।
भाजपा ने सांसदों को जीतने और जिताने का दिया काम
भारतीय जनता पार्टी की इस दूसरी लिस्ट में जिन तीन केंद्रीय मंत्रियों को टिकट किया गया है, उनमें नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते शामिल हैं। मंत्रियों के अलावा जिन सांसदों को विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया गया है, उनमें गणेश सिंह, राकेश सिंह, रीति पाठक और उदय प्रताप सिंह का नाम शामिल हैं। ये सभी लोकसभा के सदस्य हैं। पार्टी ने इन सातों सांसदों को खुद की जीत निश्चित करने के साथ-साथ राज्य में भाजपा सरकार की वापसी कराने का दारोमदार सौंपा है।
जानिए किस मंत्री को कहां से मिला टिकट
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को दिमनी निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मिला है।
प्रह्लाद सिंह पटेल को नरसिंहपुर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया है।
फग्गन सिंह कुलस्ते को निवास विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया है।
एमपी के लिए क्या है भाजपा की रणनीति?
मध्य प्रदेश में फिलहाल चुनाव की घोषणा नहीं हुई है, मगर इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब भाजपा ने चुनावी बिगुल बजने से पहले ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। कांग्रेस इस हार का डर करार दे रही है, तो वहीं भाजपा नेताओं का दावा है कि इस बार भी मध्य प्रदेश में उनकी सरकार बनने जा रही है। हालांकि सियासत में कब क्या हो जाए, ये कहना बड़ा मुश्किल है। कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को चुनाव मैदान में उतारकर, भाजपा ने सत्ता बरकरार रखने की अपनी कोशिश तेज कर दी है। इनमें से अधिकांश नेता अपनी लोकसभा सीट पर कई बार से जीत दर्ज करते आ रहे हैं।
कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश का क्या होगा?
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इंदौर-1 से चुनाव लड़ेंगे। विजयवर्गीय को चुनावी मैदान में उतारने के फैसले से उनके बेट आकाश विजयवर्गीय की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में आकाश ने इंदौर-3 सीट से जीत हासिल की थी। अब आकाश विजयवर्गीय को फिर से पार्टी का टिकट दिए जाने की संभावना कम हो गई है, क्योंकि भाजपा आम तौर पर चुनाव में एक ही परिवार के सदस्यों को अपना उम्मीदवार बनाने से बचती है। हालांकि सियासत में कभी भी कुछ भी हो सकता है। आगे-आगे देखिए, होता है क्या।
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