कौन हैं जया वर्मा,जिन्हें मिली बुलेट ट्रेन से लेकर वर्ल्ड क्लास रेलवे बनाने की जिम्मेदारी,होंगी पहली महिला चेयरपर्सन
Who is Jaya Verma Sinha, Become First Woman Railway Board Chairperson: बीते जून में जब उड़ीसा में कोरोमंडल रेल हादसा हुआ था। और उसमें 300 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। उस समय जया वर्मा सुर्खियों में आई थी। वह उस समय रेलवे की ओर से मीडिया के साथ रेगुलर कम्युनिकेशन किया करती थी। और उन्होंने रेलवे के कॉम्प्लेस सिग्नलिंग सिस्टम को विस्तार से समझाया था।
कौन हैं जया वर्मा सिन्हा
Who is Jaya Verma Sinha, Become First Woman Railway Board Chairperson: भारतीय रेलवे में पहली बार उसके सबसे ऊंचे निकाय की जिम्मेदारी एक महिला को मिली है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने आईआरटीएस अधिकारी जया वर्मा सिन्हा (Jaya Verma Sinha) को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ के रूप में नियुक्ति की मंजूरी दी है। जया वर्मा वर्तमान अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी की जगह लेंगी। वह एक सितंबर, 2023 को अपना पद ग्रहण करेंगी। जया वर्मा ऐसा करने वाली पहली महिला है। इसके पहले वह रेलवे बोर्ड के सदस्य के रूप में कार्यरत थी। रेलवे बोर्ड की पहली महिला सदस्य बनने का रिकॉर्ड विजयलक्ष्मी विश्वनाथन के नाम था।
कोरोमंडल ट्रेन हादसे में सुर्खियों में आई जया वर्मा
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बीते जून में जब उड़ीसा में कोरोमंडल रेल हादसा हुआ था। और उसमें 300 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। उस समय जया वर्मा सुर्खियों में आई थी। वह उस समय रेलवे की ओर से मीडिया के साथ रेगुलर कम्युनिकेशन किया करती थी। और उन्होंने रेलवे के कॉम्प्लेस सिग्नलिंग सिस्टम को विस्तार से समझाया था। उस वक्त वह रेलवे बोर्ड में सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास) के रूप में काम कर रही थी।
1988 बैच की रेलवे अधिकारी
जया वर्मा 1988 बैच की भारतीय रेलवे यातायात सेवा की अधिकारी है। उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। और NE रेलवे, SE रेलवे और पूर्वी रेलवे में काम किया है। इसके अलावा वह बांग्लादेश में रेलवे एडवाइजर के रूप में भी काम किया है। सिन्हा रेलवे बोर्ड की ऐसे समय चेयरमैन बनीं हैं, जब रेलवे को रिकॉर्ड बजटीय आवंटन हुआ है। साल 2023-24 में भारतीय रेलवे को 2.74 लाख करोड़ रुपये कैपिटल खर्च के लिए आवंटित किए गए हैं।
बुलेट ट्रेन से लेकर ये अहम जिम्मेदारी
मोदी सरकार इस समय रेलवे के आधुनिकीकरण पर जोर दे रही है। इसमें बुलेट ट्रेन से लेकर वंदे भारत ट्रेन के संचालन की जिम्मेदारी के साथ-साथ मॉडल रेलवे स्टेशन से लेकर विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित करना है। बुलेट ट्रेन के लिए भारतीय रेलवे की हिस्सेदारी के साथ नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड का गठन किया गया है। इसके अलावा हाई स्पीड ट्रेन के लिए वंदे भारत का तेजी से उत्पादन करने पर जोरों पर है। अभी तक देश में 25 वंदे भारत ट्रेन चलाई गई है। इसके अलावा स्लीपर वंदे भारत ट्रेन भी चलाने की तैयारी है।
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