Diriyah Project: सऊदी के 'City of Earth' पर आया भारतीयों का दिल ! टाटा-ओबेरॉय समेत लाइन में कई बड़े नाम

Diriyah Gate Development Authority: सऊदी अरब की 63 बिलियन डॉलर के गीगा प्रोजेक्ट दिरियाह (Diriyah) में निवेश करने में कई भारतीय कंपनियों ने गहरी दिलचस्पी दिखाई है। इनमें टाटा और ओबेरॉय जैसी कुछ बड़ी कंपनियाँ पहले ही इसमें निवेश के लिए आगे बढ़ चुकी हैं। ये खुलासा दिरियाह के सीईओ जेरी इंजेरिलो ने किया है।

Diriyah Gate Development Authority

सऊदी का दिरियाह प्रोजेक्ट

मुख्य बातें
  • दिरियाह में भारतीयों की रुचि
  • लिस्ट में टाटा और ओबेरॉय शामिल
  • सऊदी का खास प्रोजेक्ट है दिरियाह

Diriyah Gate Development Authority: सऊदी अरब की 63 बिलियन डॉलर के गीगा प्रोजेक्ट दिरियाह (Diriyah) में निवेश करने में कई भारतीय कंपनियों ने गहरी दिलचस्पी दिखाई है। इनमें टाटा और ओबेरॉय जैसी कुछ बड़ी कंपनियाँ पहले ही इसमें निवेश के लिए आगे बढ़ चुकी हैं। ये खुलासा दिरियाह के सीईओ जेरी इंजेरिलो ने किया है। दिरियाह, जिसे सिटी ऑफ अर्थ कहा जा रहा है, सऊदी अरब की राजधानी रियाद के बाहरी इलाके में बनाया जा रहा है और इसमें 100,000 लोगों के लिए घर और 100,000 से ज़्यादा लोगों के लिए ऑफ़िस स्पेस होगा।

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शहर में होंगे 40 से अधिक लग्जरी होटल

इस नए शहर में 40 से अधिक लग्जरी होटल, 1,000 से अधिक शॉप, 150 से अधिक रेस्तरां और कैफे, एक यूनिवर्सिटी, आर्ट्स और कल्चरल एसेट्स, म्यूजियम, एक ओपेरा हाउस, 20,000 सीटों वाला मल्टी-इवेंट्स इवेंट एरिना, एक गोल्फ कोर्स और एक इंटरनेशनल घुड़सवारी और पोलो सेंटर समेत कई अन्य सुविधाएं शामिल होंगी।

63.2 अरब डॉलर के इस रियल एस्टेट और टूरिज्म प्रोजेक्ट का मकसद आधुनिक सऊदी साम्राज्य के ऐतिहासिक जन्मस्थान को रिस्टोर करना है और इस साइट में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल अत-तुरैफ़ भी शामिल है।

व्यापारिक साझेदारी होगी मजबूत

ईटी की रिपोर्ट के अनुसार इंजेरिलो के अनुसार दिरियाह में हम भारत के प्रभाव को सऊदी अरब के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक के रूप में बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं, जो द्विपक्षीय व्यापार में टॉप पर है, जिसका व्यापार 2022-23 में लगभग 52.8 अरब डॉलर रहा होगा। उन्होंने ये बातें विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक 2025 (दावोस) में कहीं।

कई सेक्टरों में काम कर रहीं भारतीय कंपनियां

इंजेरिलो ने कहा कि 3,000 से अधिक भारतीय कंपनियां पहले से ही किंगडम में काम कर रही हैं। ये कंपनियां निर्माण, आईटी, ऊर्जा और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में योगदान दे रही हैं, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी मजबूत हो रही है।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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