सिप
कोरोना महामारी के बाद सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले लोगों की संख्या तेजी बढ़ी है। आज के समय में करोड़ों लोग म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं। इसकी वजह ट्रैडिशनल निवेश माध्यम से अधिक रिटर्न मिलना है। साथ ही छोटे निवेश से बड़ा फंड बनाना संभव है। अगर आप भी सिप करते हैं तो यह खबर आपके लिए है। हम आपको SIP का 7-5-3-1 फॉर्मूला बता रहे हैं। अगर इस फॉर्मूला को आप अपना लेंगे तो अमीर बनने से आपको कोई रोक नहीं सकता है। आइए जानते हैं कि क्या है यह फॉर्मूला?
SIP में 7-5-3-1 का फॉर्मूला एक सिंपल निवेश माध्यम है। इसमें 7 का मतलब, निवेश अवधि है। 5 का मतलब पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन है। 3 का मतलब भावनात्मक बाधाओं पर विजय और 1 का मतलब स्टेपअप-सिप से है। आइए इसे विस्ता से समझते हैं।
7 साल तक निवेश: अगर आप सिप कर रहे हैं तो उसे कम से कम साल तक चालू रखें। ऐसा इसलिए कि लंबी अवधि में बाजार के उतार-चढ़ाव का असर कम होता है। साथ ही निवेश पर कंपाउडिंग यानी चक्रवृद्धि ब्याज का फायदा मिलता है।
पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन के लिए 5 फंड: सिप निवेश बाजार जोखिमों से जुड़ा है। इसलिए इस जोखिम को कम करने के लिए कम से कम अपने पोर्टफोलियो में 5 फंड को शामिल करें, जिसमें लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप, फ्लेक्सी कैप और हाइब्रिड फंड हो।
3 भावनात्मक बाधाएं पार करें: निवेश पर भावना हावी न हो इसके लिए तीन बातों का ख्याल रखें। निवेश पर कम रिटर्न मिलने पर धैर्य बनाए रखें। सिप को कभी भी FD से तुलना न करें। बाजार की गिरावट में
घबराएं नहीं। सिप बेचने से बचें।
साल में 1 बार स्टेपअप जरूर करें: हर साल अपनी SIP की राशि बढ़ाएं। आप सिप की राशि में कम से कम 10% की वृद्धि जरूर करें।
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