रिटायरमेंट हो तो ऐसा, सरकारी नौकरी से तीन गुना ज्यादा कमा रहे हैं SBI के पूर्व चेयरमैन
Former SBI Chairman Rajnish Kumar Earning: ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट ने प्रबंधक की बोर्ड बैठक में भाग लेने के लिए उन्हें एक लाख रुपये बैठक शुल्क के तौर पर पेमेंट किया।
रजनीश कुमार हीरो, LTI माइंडट्री, अंबुजा सीमेंट्स और L&T के बोर्ड में भी शामिल।
Former SBI Chairman Rajnish Kumar Earning: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार जब से बैंक से रिटायमेंट लिया तब से चर्चा में रहते हैं। वह इस समय कई बड़ी कंपनियों में बोर्ड के मेंबर के तौर पर काम रहे हैं और इसके जरिए SBI बैंक से जितनी सैलरी पाते थे उससे तीन गुना अधिक कमाई कर रहे हैं।
सीएनबीसीटीवी18 के मुताबिक भारतीय फिनटेक कंपनी भारतपे के बोर्ड के अध्यक्ष रजनीश कुमार के पास हीरो मोटोकॉर्प, LTI माइंडट्री, अंबुजा सीमेंट्स, ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट और लार्सन एंड टुब्रो (L&T) में भी बोर्ड सीटें हैं।
वित्तीय वर्ष 2023 के लिए पहले से ही बोर्ड में शामिल तीन कंपनियों से होने वाली कमाई 89 लाख रुपये थी।
किस कंपनी में मिल रहा कितना पैसा
ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट ने प्रबंधक की बोर्ड बैठक में भाग लेने के लिए उन्हें एक लाख रुपये बैठक शुल्क के तौर पर पेमेंट किया। वहीं हीरो मोटोकॉर्प में गैर-कार्यकारी स्वतंत्र निदेशक के रूप में कुमार का पारिश्रमिक वित्त वर्ष 2023 में दोगुना से अधिक 38 लाख रुपये दिया था। उन्होंने एलटीआई माइंडट्री से 33 लाख रुपये और अंबुजा सीमेंट्स से 18 लाख रुपये की कमाई की है।
SBI के चेयरमैन पोस्ट पर कितनी थी सैलरी
यदि इस कमाई की तुलना वित्त वर्ष 2021 में एसबीआई के अध्यक्ष के रूप में मिले 30.34 लाख रुपये के कुल मुआवजे से करें तो यह करीब तीन गुना अधिक होगी। बैंक की वार्षिक रिपोर्ट से पता चला कि FY20 के लिए उनका वेतन 31.26 लाख रुपये था।
SBI चेयरमैन को मिलते हैं कई फायदे
हालाँकि, वेतन के अलावा, पूर्व एसबीआई चेयरमैन कई अन्य फायदे भी मिलते थे। इनमें बड़ा घर, कार, यात्रा भत्ते और कई अन्य लाभ शामिल हैं। कुमार ने 40 साल तक SBI में कई पदों पर काम किया है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, कुमार OYO होटल्स एंड होम्स, कोटक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स और बेरिंग प्राइवेट इक्विटी एशिया में सलाहकार के रूप में भी कार्य करते हैं।
एक व्यक्ति कितनी कंपनियों में ले सकता है पद
कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक ही समय में बीस से अधिक कंपनियों में किसी वैकल्पिक निदेशक सहित निदेशक के रूप में पद धारण नहीं कर सकता है। इसमें यह भी कहा गया है कि सार्वजनिक कंपनियों की अधिकतम संख्या जिसमें एक व्यक्ति को निदेशक के रूप में नियुक्त किया जा सकता है, दस से अधिक नहीं होगी।
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