महाशिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त शुरू, जानिए शिव पूजा विधि, मंत्र, कथा, आरती...सबकुछ
महाशिवरात्रि के पर्व में भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान पूजा की जाती है। इस पूजा में बेलपत्र, धतूरा, भांग, फल, फूल, इत्र, गंगाजल, पंचामृत, वस्त्र, कुमकुम समेत तमाम सामग्रियों की जरूरत पड़ती है। यहां हम आपको बताएंगे महाशिवरात्रि की पूजा विधि और सामग्रि लिस्ट के बारे में हर एक जानकारी।

महाशिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त शुरू, जानिए शिव पूजा विधि, मंत्र, कथा, आरती...सबकुछ
महाशिवरात्रि हिंदुओं के सबसे बड़े पर्वों में से एक है। वैसे तो हर महीने में शिवरात्रि आती है लेकिन सभी में फाल्गुन महीने की महाशिवरात्रि का सबसे अधिक महत्व माना जाता है। इस दिन भक्त उपवास रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान पूजा करते हैं। इस खास दिन पर रुद्राभिषेक कराने का विशेष महत्व माना जाता है। इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार 26 फरवरी को मनाया जा रहा है। चलिए जानते हैं इस पर्व की पूजा विधि।
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महाशिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त 2025 (Maha Shivratri Puja Ka Shubh Muhurat 2025)
महाशिवरात्रि पूजा के लिए निशीथ काल मुहूर्त सबसे शुभ माना जाता है। ये मुहूर्त इस साल 26 फरवरी की देर रात 12 बजकर 9 मिनट से लेकर 12 बजकर 59 मिनट तक रहेगा।
Maha Shivratri Fasting Time 2025
महाशिवरात्रि चार प्रहर पूजा मुहूर्त 2025 (Maha Shivratri Chaar Prahar Puja Muhurat 2025)
महाशिवरात्रि के दिन रात्रि के चारों पहरों की पूजा का भी विशेष महत्व माना जाता है। ये मुहूर्त इस प्रकार है...
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय- 06:19 PM से 09:26 PM
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय- 26 फरवरी को 09:26 PM से 27 फरवरी को 12:34 AM तक
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 27 फरवरी 2025 को 12:34 AM से 03:41 AM
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय- 27 फरवरी 2025 तो 03:41 AM से 06:48 AM
महाशिवरात्रि पूजन सामग्री (Mahashivratri Pujan Samagri)
धूप, दीप, अक्षत, सफेद, घी, बेल, भांग, बेर, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, गंगा जल, कपूर, मलयागिरी, चंदन, पंच मिष्ठान, शिव व मां पार्वती के श्रृंगार की सामग्री,पंच मेवा, शक्कर, शहद, आम्र मंजरी, जौ की बालियां, वस्त्राभूषण, चंदन, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, दही, फल, फूल, बेलपत्र, धतूरा, तुलसी दल, मौली जनेऊ, पंच रस, इत्र, गंध रोली, कुशासन आदि।
Maha Shivratri Shiv Bhajan|| महाशिवरात्रि पूजा विधि इन हिंदी (Maha Shivratri Puja Vidhi In Hindi)
- महाशिवरात्रि के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और व्रत-संकल्प लें।
- इसके बाद घर के मंदिर में विधि विधान शिव-पार्वती की पूजा करें।
- शिव जी के मंत्र का 108 बार जाप करें।
- इसके बाद मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, भांग, धतूरा, चंदन इत्यादि चीजें चढ़ाएं।
- इस दिन रात्रि की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है।
- इसलिए रात में पूजा करने से पहले फिर से स्नान करें।
- इसके बाद आप अपनी सुविधानुसार रात्रि के किसी भी प्रहर में या फिर चारों प्रहर में शिव जी की पूजा करें।
- इस दौरान भोलेनाथ को दही, घी, दूध, शक्कर, शहद इत्यादि चीजों से स्नान कराएं। आप चाहें तो गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक कर सकते हैं।
- पूजा के समय शिवरात्रि की व्रत कथा भी जरूर सुनें।
- इसके अलावा शिव जी के मंत्रों और चालीसा का पाठ भी जरूर करें।
- फिर परिवार सहित शिव भगवान की आरती करें।
- भोग लगाएं और अपने व्रत का पारण करें।
महाशिवरात्रि के मंत्र (Maha Shivratri Mantra)
ॐ ऊर्ध्व भू फट् । ॐ नमः शिवाय । ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय ।
ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा ।
ॐ इं क्षं मं औं अं । ॐ प्रौं ह्रीं ठः ।
ॐ नमो नीलकण्ठाय । ॐ पार्वतीपतये नमः । ॐ पशुपतये नम:।
Maha Shivratri Vrat Kaise Rakhe
महाशिवरात्रि की पौराणिक कथा (Maha Shivratri Ki Katha)
शिवरात्रि को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं जिनमें से एक कथा अनुसार माता पार्वती ने शिव को पति के रूप में पाने के लिए घनघोर तपस्या की थी। जिसके फलस्वरूप फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। यही कारण है कि इस दिन को महाशिवरात्रि के रूप में हर साल धूमधाम से मनाया जाता है।
वहीं गरुड़ पुराण में इस दिन के महत्व को लेकर एक अन्य कथा बताई गई है, जिसके अनुसार इस दिन एक निषादराज अपने कुत्ते के साथ शिकार खेलने गया किन्तु उसे कोई शिकार नहीं मिल सका। जिसके बाद वह थककर भूख-प्यास से परेशान होकर एक तालाब के किनारे गया, जहां बिल्व वृक्ष के नीचे एक शिवलिंग था जिसका उस शिकारी को नहीं पता था। अपने शरीर को आराम देने के लिए जब उसने कुछ बिल्व-पत्र तोड़े, तो वो शिवलिंग पर भी गिर गए। अपने पैरों को साफ़ करने के लिए उसने उनपर तालाब का जल छिड़का, तो उसकी कुछ बून्दें शिवलिंग पर भी जा गिरीं। ऐसा करते समय उसका एक तीर नीचे गिर गया जब उसने तीर उठाने की कोशिश की तो वह शिव लिंग के सामने झुक गया। इस तरह शिवरात्रि के दिन अनजाने में ही सही लेकिन उसने व्रत भी रख लिया और शिव-पूजन की प्रक्रिया भी पूरी कर ली। मृत्यु के बाद जब यमदूत उसे लेने आए, तो शिव के गणों ने उसकी रक्षा की।
Mahashivratri ki Shubhkamnaye in Hindi शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं: Share Online
Can We Eat After 12am On Maha Shivratri Fast: क्या शिवरात्रि में 12 बजे के बाद खाना खा सकते हैं
शिवरात्रि व्रत में अन्न का सेवन नहीं किया जाता है। रात 12 बजे के बाद भी फलाहारी भोजन ही कर सकते हैं। व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है।Shivratri Kis Liye Manai Jati Hai: शिवरात्रि किस लिए मनाई जाती है
शिवरात्रि पर्व क्यों मनाया जाता है। इससे जुड़ी कई कथाएं प्रचलित हैं। जिनमें से सबसे ज्यादा प्रचलित कथा शिव-पार्वती से जुड़ी है। ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। वहीं ये भी कहा जाता है कि इस पवित्र दिन पर ही भगवान शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए थे।Can We Eat Kheer In Shivratri Fast: क्या शिवरात्रि व्रत में खीर खा सकते हैं
जी हां शिवरात्रि व्रत में खीर का सेवन कर सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि खीर साबूदाने या फिर मखाने से बनी होनी चाहिए।शिवरात्रि के दिन क्या दान करना चाहिए
शिवरात्रि के दिन अन्न का दान बेहद शुभ माना जाता है। कहते हैं दान करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।Sadhguru Mahashivratri 2025 Live: ईशा फाउंडेशन शिवरात्रि
Maha Shivratri Fasting Rules: महाशिवरात्रि व्रत के नियम
- महाशिवरात्रि व्रत में अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए।
- इस दिन शिवलिंग पर जल और बेलपत्र जरूर चढ़ाना चाहिए।
- फलाहारी भोजन करना चाहिए।
- सेंधा नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
What To Eat In Shivratri Fast At Night: शिवरात्रि व्रत की रात में क्या खा सकते हैं
शिवरात्रि व्रत की रात में फलाहारी भोजन का सेवन कर सकते हैं। कई लोग रात में अन्न का सेवन भी कर लेते हैं।महाशिवरात्रि रुद्राभिषेक मुहूर्त 2025 (Maha Shivratri Rudrabhishek Time 2025)
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय- 06:19 PM से 09:26 PMरात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय- 26 फरवरी को 09:26 PM से 27 फरवरी को 12:34 AM तक
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 27 फरवरी 2025 को 12:34 AM से 03:41 AM
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय- 27 फरवरी 2025 तो 03:41 AM से 06:48 AM
Shivratri Vrat Nishita Kaal Muhuarat: शिवारत्रि व्रत निशिता काल
शिव पूजा का निशिता काल मुहूर्त: 26 फरवरी 2025, मध्यरात्रि 12:09 बजे से 12:59 बजे तक रहेगा। निशिता काल पूजा की कुल अवधि 50 मिनट की है।Can we Eat Choclate In Mahashivratri Fast: क्या महाशिवरात्रि के दिन चॉकलेट खा सकते हैं
महाशिवरात्रि के दिन फलाहार करने की परंपरा है, लेकिन यदि आप चॉकलेट खाना चाहते हैं तो उससे पहले ये जरूर देख लें कि उसमे क्या- क्या चीज मिली हुई है। अगर उसमे वो सब है जो व्रत में खाया जा सकता है तो आप चॉकलेट का सेवन कर सकते हैं, लेकिन कोशिश करें कि इस दिन चॉकलेट ना खाएं। यदि आपने व्रत नहीं रखा है तो आप आराम से इसका सेवन कर सकते हैं।Maha Shivratri Ka Vrat Kaise Khola Jata Hai: महाशिवरात्रि का व्रत कैसे खोला जाता है
महाशिवरात्रि का व्रत अगले दिन सुबह सूर्योदय के समय खोला जाता है। व्रत खोलने से पहले भगवान शिव की विधि विधान पूजा की जाती है। इसके बाद व्रत खोल लेते हैं।महाशिवरात्रि व्रत पारण समय 2025 (Mahashivratri Vrat Parana Time 2025)
महाशिवरात्र व्रत का पारण 27 फरवरी की सुबह 06:48 से लेकर 08:54 बजे तक किया जा सकेगा।व्रत का समापन कर लेना चाहिए।महाशिवरात्रि व्रत से मिलने वाले लाभ (Mahashivratri Vrat Ke Fayde)
इस व्रत के प्रभाव से विवाहितों को सुख- सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, जो जातक अविवाहित होते हैं, उनकी जल्द ही शादी के योग बनते हैं। घर-परिवार में भी सुख-समृद्धि आती है और सदैव बरकत बनी रहती है।
Mahashivratri Vrat Vidhi: महाशिवरात्रि व्रत कैसे रखा जाता है?
महाशिवरात्रि व्रत में फलाहार ले सकते हैं। ये व्रत निर्जला नहीं रखा जाता। इस व्रत में कूट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना, फल, दूध से बनी चीजों, जीरा, आलू, टमाटर, लौकी इत्यादि चीजों का सेवन किया जा सकता है। व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के समय किया जाता है।
Mahashivratri Vrat Parana Time 2025: महाशिवरात्रि व्रत पारण समय
महाशिवरात्र व्रत का पारण 27 फरवरी की सुबह 06:48 से लेकर 08:54 बजे तक किया जा सकेगा।Maha Shivratri 2025 Daan Niyam: महाशिवरात्रि के दिन क्या दान करना चाहिए?
महाशिवरात्रि के दिन जरूरतमंदों को भी इनका दान करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इससे धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। काले तिल और चावल का दान करने से पितृदोष समाप्त होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।What Not To Eat In Mahashivratri Vrat: शिवरात्रि व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए
महाशिवरात्रि व्रत में चावल, गेहूं, बेसन जैसे अनाज और दालें वर्जित हैं। साधारण नमक औऱ अधिक तेल मसाले वाली चीजें नहीं खानी चाहिए।Maha Shivratri 2025: क्या शिवरात्रि व्रत में नमक खा सकते हैं
शिवरात्रि व्रत में सेंधा नमक का सेवन कर सकते हैं। लेकिन सामान्य नमक का प्रयोग नहीं करना है।What To Eat In Shivratri Fast: शिवरात्रि व्रत में क्या खा सकते हैं
शिवरात्रि व्रत में फलाहारी भोजन का सेवन कर सकते हैं। जैसे फल, दूध, दही, पनीर, कूट्टू का आटा, व्रत के चावल, सिंघाड़ा आटा इत्यादि।Maha Shivratri Bhog: महाशिवरात्रि पर शिव जी को जरूर लगाएं इन 5 चीजों का भोग
ठंडाई: भगवान शिव को ठंडाई और भांग बहुत प्रिय है इसलिए महाशिवरात्रि पर शिव को ठंडाई में भांग मिलकर भोग लगाएं।मखाने की खीर: महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को मखाने की खीर का प्रसाद के रूप में भोग लगाएं।
हलवा: महाशिवरात्रि पर शिव जी का आशीर्वाद पाने के लिए उन्हें सूजी या कुट्टू के आटे का हलवा बनाकर अर्पित करें।
मालपुआ: मालपुआ भी शिव शंकर को अत्यंत प्रिय है इसलिए महाशिवरात्रि पर मालपुआ में थोड़ी भांग मिलाकर शिव जी को प्रसाद के रूप में चढ़ाएं।
लस्सी: महाशिवरात्रि पर शिव जी को लस्सी का भोग लगाने से आपको महादेव का आशीर्वाद मिलता है।
Shivratri Ke Din Baal Dhona Chahiye Ya Nahi: शिवरात्रि के दिन बाल धोना चाहिए या नहीं?
शिवरात्रि के दिन बाल धोने की कोई मनाही नहीं है। बल्कि इस दिन शिव की पूजा अच्छे से स्नान कर और बाल धोकर ही करनी चाहिए।Maha Shivratri Kyu Manai Jati Hai: महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है
महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की खुशी में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि फाल्गुन चतुर्दशी पर ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।पीरियड्स में महाशिवरात्रि व्रत रख सकते हैं? (Periods Me Mahashivratri Fast Rakh Sakte Hai)
यदि महाशिवरात्रि व्रत रहते हुए पीरियड्स आ जाएं तो ऐसी स्थिति में महिलाओं को ये व्रत बीच में अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए। लेकिन अगर व्रत शुरू करने से पहले ही आपके पीरियड्स शुरू हो गए हैं तो बेहतर होगा कि आप इस व्रत को न रखें। लेकिन अगर फिर भी आप इस व्रत को रखना चाहती हैं तो ध्यान रहे कि पूजा नहीं करनी है। इस दौरान आप मन ही मन पूजा कर सकती हैं लेकिन पूजन सामग्री को स्पर्श नहीं करना है। शिव भक्ति के लिए मन की शुद्धता बेहद जरूरी होता है। इसलिए आप मन में भगवान की भक्ति करते रहें।शिव स्तुति आशुतोष शशाँक शेखर (Shiv Stuti Ashutosh Shashank Shekhar)
आशुतोष शशाँक शेखर,चन्द्र मौली चिदंबरा,
कोटि कोटि प्रणाम शम्भू,
कोटि नमन दिगम्बरा ॥
निर्विकार ओमकार अविनाशी,
तुम्ही देवाधि देव,
जगत सर्जक प्रलय करता,
शिवम सत्यम सुंदरा ॥
निरंकार स्वरूप कालेश्वर,
महा योगीश्वरा,
दयानिधि दानिश्वर जय,
जटाधार अभयंकरा ॥
शूल पानी त्रिशूल धारी,
औगड़ी बाघम्बरी,
जय महेश त्रिलोचनाय,
विश्वनाथ विशम्भरा ॥
नाथ नागेश्वर हरो हर,
पाप साप अभिशाप तम,
महादेव महान भोले,
सदा शिव शिव संकरा ॥
जगत पति अनुरकती भक्ति,
सदैव तेरे चरण हो,
क्षमा हो अपराध सब,
जय जयति जगदीश्वरा ॥
जनम जीवन जगत का,
संताप ताप मिटे सभी,
ओम नमः शिवाय मन,
जपता रहे पञ्चाक्षरा ॥
आशुतोष शशाँक शेखर,
चन्द्र मौली चिदंबरा,
कोटि कोटि प्रणाम शम्भू,
कोटि नमन दिगम्बरा ॥
कोटि नमन दिगम्बरा..
कोटि नमन दिगम्बरा..
कोटि नमन दिगम्बरा..
MahaShivaratri Mahakumbh Snan: महाशिवरात्रि स्नान
Rudrabhishek Mantra: रुद्राभिषेक मंत्र

Shivratri Puja Mantra (शिवरात्रि पूजा मंत्र)
- ॐ नमः शिवाय
- ॐ ह्रीं ह्रौं नम: शिवाय॥
- ॐ पार्वतीपतये नम:॥
- ॐ पशुपतये नम:॥
- ॐ नम: शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नम: ॐ ॥
Maha Shivratri Katha: महाशिवरात्रि कथा
प्राचीन काल में चित्रभानु नामक एक शिकारी था। पशुओं की हत्या करके वो अपने कुटुम्ब को पालता था। वो एक साहूकार का ऋणी था, लेकिन ऋण समय पर न चुका सकने पर क्रोधित साहूकार ने उसको शिवमठ में बंदी बना लिया। संयोग से उस दिन शिवरात्रि थी। बंदी रहते हुए शिकारी मठ में शिव-संबंधी धार्मिक बातें सुनता रहा, वहीं उसने शिवरात्रि व्रत की कथा भी सुनी। संध्या होने पर साहूकार ने उसे बुलाया और ऋण चुकाने के लिए पूछा तो शिकारी अगले दिन सारा ऋण लौटा देने का वचन दिया। साहुकार ने उसकी बात मान ली और उसे छोड़ दिया। शिकारी जंगल में शिकार के लिए निकला। लेकिन दिनभर बंदी गृह में रहने के कारण वो भूख-प्यास से व्याकुल था। पूरी कथा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करेंMaha Shivratri 2025 Puja Vidhi LIVE: महाशिवरात्रि रुद्राभिषेक मुहूर्त 2025
महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 को मनाई जा रही है। इस दिन आप किसी भी समय रुद्राभिषेक करा सकते हैं। लेकिन अगर शिवरात्रि पर रुद्राभिषेक कराने के सबसे शुभ मुहूर्त की बात करें तो ये मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेंगे...रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय- 06:19 PM से 09:26 PM
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय- 26 फरवरी को 09:26 PM से 27 फरवरी को 12:34 AM तक
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 27 फरवरी 2025 को 12:34 AM से 03:41 AM
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय- 27 फरवरी 2025 तो 03:41 AM से 06:48 AM
Maha Shivratri 2025 Puja Vidhi LIVE: महाशिवरात्रि पूजा का समय 2025
महाशिवरात्रि पूजा का मुहूर्त 26 फरवरी की सुबह 11:08 से शुरू हो जाएगा। आप इस दिन किसी भी समय अपनी सुविधानुसार भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।
Maha Shivratri 2025 Puja Vidhi LIVE: महाशिवरात्रि पर वैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए उपाय
मान्यता है कि इस दिन किसी सुहागिन महिला को सुहाग का सामान उपहार के रूप में देना चाहिए। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में सभी समस्याएं दूर होती है और पति की आयु बढ़ती है।
Maha Shivratri 2025 Puja Vidhi LIVE: महाशिवरात्रि पर क्या करें?
-शिवलिंग पर हमेशा एक-एक करके जल या दूध चढ़ाना चाहिए और कभी भी एक साथ दोनों चीज़ों को न चढ़ाएं।
-शिवलिंग का अभिषेक करने के लिए सदैव लोटे का इस्तेमाल करें।
-शिव जी का अभिषेक करते समय शिव मंत्रों का जाप करते रहना चाहिए।
-अभिषेक के बाद शिवलिंग पर धतूरा, भांग, बेलपत्र, गंगाजल, दूध शहद एवं दही चढ़ानी चाहिए।
Maha Shivratri 2025 Puja Vidhi LIVE: इन चीज़ों के बिना अधूरी है महाशिवरात्रि पर शिव की पूजा
इन चीज़ों के बिना अधूरी है महाशिवरात्रि पर शिव की पूजा-बेलपत्र
धतूरा
केसर
शमी का फूल
शहद
भांग
Har Har Mahadev: भगवान शिव की फोटो

Mahashivratri Vrat Paran Vidhi (महाशिवरात्रि व्रत पारण विधि)
आप इस तरह से महाशिवरात्रि के व्रत का पारण कर सकते हैं –•सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें,
•घर के पूजा स्थल को साफ करें और भगवान को प्रणाम करें,
•भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें,
•इस दौरान ॐ नम: शिवाय मंत्र का जप करते रहें,
•शाम के समय फलाहार(सात्विक भोजन) से अपना व्रत खोलें और
जो लोग रात्रि के चारों प्रहर भगवान शिव की पूजा करते हैं वो अगले दिन व्रत का पारण करते हैं। ऐसे में अगले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद विधिवत रूप से महादेव की पूजा-अर्चना करें और गंगाजल से अभिषेक करें। शाम के समय सात्विक भोजन से ही अपना व्रत खोलें और पारण में मूली, बैंगन आदि का सेवन भूलकर भी न करें। इस दिन ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देने से व्यक्ति को व्रत का पूरा फल प्राप्त होता है।
Mahashivratri Vrat Food List: महाशिवरात्रि के दिन व्रत के दौरान क्या खा सकते हैं?
महाशिवरात्रि के व्रत में आप निम्नलिखित चीजें खा सकते हैं-फल
मखाना
दूध और दूध से बनी चीजें
ड्राई फ्रूट्स
साबूदाना
सिंघाड़े का आटा
कुट्टू का आटा
टमाटर
मूंगफली
आलू
जीरा
घी
सेंधा नमक
Mahamrityunjaya Mantra Benefits: महाशिवरात्रि को दिन महामृत्युंजय मंत्र का जप करने के लाभ
इस दिन महामृत्युंजय मंत्र के जप से रोगों से मुक्ति मिलती है तथा व्यक्ति दीर्घायु होता है।गंभीर रोग से पीड़ित लोग निश्चित संख्या मवन शिवमंदिर में महामृत्युंजय मंत्र का अनुष्ठान बैठाएं।इस प्रकार महाशिवरात्रि को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर अपने जीवन को धन्य बनाएं।निर्मल मन से की गई पूजा पर भगवान शिव मनोवांछित फलों को प्रदान करते हैं।
दिल्ली के प्रसिद्ध शिव मंदिर (Famous Shiv Temple In Delhi)
-श्री दादा देव मंदिर
-नीली छतरी मंदिर
-चाँदनी चौक शिव मंदिर
-श्री गोपेश्वर महादेव मंदिर
-श्री कैलाशपति मंदिर
-चक्करपुर शिव मंदिर
-गुफा वाला मंदिर
Shiv Bhajan: है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे,
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे ॥
पिया है भांग बजी है बीट,
चढ़ी है मस्ती गायेंगे गीत,
छोड़ के सारी फिक्रा खुशियां बाटेंगे ॥
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे,
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे ॥
दुल्हन बनी है गौरा मैया,
नंदी पे है शंकर शम्भू,
सखियाँ छेड़ रही गौरा को,
बाराती बड़े भयंकर,
मची है धूम रहे सारे घूम,
रहे सारे घूम मची है धूम,
अजी चाँद सितारे आसमान से झाकेंगे ॥
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे,
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे ॥
युगो युगो में बनती है कभी,
शिव गौरा सी जोड़ी,
एक भभूति वाले बाबा,
गौरा गौरी गौरी,
प्यार का खेल हुए है मेल,
हुए है मेल प्यार का खेल,
योगी संग राजकुमारी दुख सुख बाटेंगे ॥
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे,
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे ॥
बगड़ बम्ब बम बबम बम बबम,
बबम बम बबम बबम बम बबम,
बबम बम बबम बबम बम बबम,
बम भोले,
शंभू ॥
बगड़ बम्ब बम बबम बम बबम,
बबम बम बबम बबम बम बबम,
बबम बम बबम बबम बम बबम,
बम भोले ॥
जगमग करती शहर की गालियाँ,
बटने लगी मिठाइयां,
रवि राज की ओर से सबको,
लख लख हौण बधाइयां,
हँसराज की ओर से सबको,
लख लख हौण बधाइयां,
लो शिव का नाम बनेंगे काम,
हाँ सुबह शाम लो शिव का नाम,
शिव कष्ट हमारे पलभर क्षण में काटेंगे ॥
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे,
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे ॥
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे,
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे ॥
Maha Shivratri Bhog: महाशिवरात्रि पर शिव जी को जरूर लगाएं इन 5 चीज़ों का भोग
ठंडाई
मखाने की खीर
हलवा
मालपुआ
लस्सी

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