पटना। 16 अगस्त 2016 को यूपी की सीमा से लगा बिहार का गोपालगंज जिला एकाएक सुर्खियों में आ गया। दरअसल गोपालगंज नगर थाना क्षेत्र के खजूरबानी में जहरीली शराब पीने की वजह से 19 लोगों की मौत हो गई और 6 लोग अंधे हो गए। जहरीली शराब की गूंज पटना तक सुनाई दी। इस मामले में कुल 14 लोगों को अभियुक्त बनाया गया और करीब साढ़े चार साल बाद एडीजे 2 की अदालत ने जो फैसला सुनाया है वो नजीर बन गया।
9 को फांसी, 4 को आजीवन कारावास
14 में से कुल 9 लोगों को फांसी और 4 महिला आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इस मामले में कुल 14 लोगों को आरोपी बनाया गया था। लेकिन ट्रायल के दौरान एक अभियुक्त की मौत हो गई थी। खजूरबानी कांड में सजा के बाद उन लोगों को वो दिन याद आ गए जिनका परिवार तबाह हो गया। हर एक की कहानी में दुखों के पहाड़ की ऊंचाई इतनी अधिक है जिसे कम कर पाना बेहद मुश्किल है।
वो दिन भूल पाना बेहद मुश्किल
खजूरबानी जहरीली कांड के शिकार के एक परिवार का कहना है कि उनका तो सबकुछ लूट गया। सरकार की तरफ से आर्थिक मदद जरूर मिली थी लेकिन वो काफी नहीं है। हर प्रभावित परिवार ने अपने उन सदस्यों को खो दिया जो उन लोगों की जिंदगी के सहारा थे। जब तक शरीर में सांस है उस दुख के साथ जीना पड़ेगा। अदालत ने जो फैसला दिया है उसके जख्म थोड़े जरूर भरे हैं। लेकिन जिंदगी की सफर इतनी लंबी है कि उस पर गाड़ी कैसे चलेगी यह चिंता खाए रहती है।
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