मुंबई। महाराष्ट्र में मंदिरों को खोले जाने के संबंध में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सीएम उद्धव ठाकरे को खत लिखा है। उन्होंने लिखा है कि जिस तरह से देश के अलग अलग हिस्सों में कोविड-19 से संबंधित ऐहतियातों को बरतते हुए मंदिरों के खोले जाने का फैसला लिया जा रहा है ठीक वैसे ही महाराष्ट्र में भी सरकार को श्रद्धालुओं के हित में फैसला लेना चाहिए। वो खत में लिखते हैं कि आश्चर्य होता है कि आप को मंदिरों को न खोलने के संदर्भ में किसी तरह की दैवीय मदद मिल रही है या आप एकाएक सेक्युलर हो गए है जिससे आप घृणा करते थे।
गवर्नर के खत पर बिफरे उद्धव ठाकरे
राज्यपाल बी एस कोश्यरी के खत के जवाब में सीएम उद्दव ठाकरे कहते हैं कि जिस तरह से लॉकडाउन गलत फैसला था ठीक वैसे एकाएक मंदिरों को खोलना भी उचित नहीं होगा। जहां तक हिंदुत्व की बात है तो उसके लिए उन्हें किसी से प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जब एकाएक लॉकडाउन लगाया गया वो फैसला कहां से उचित था। लिहाजा एकाएक कोविड 19 की वजह से मंदिरों को खोले जाने का फैसला उचित नहीं होगा। जहां तक उनके निजी आस्था का सवाह है वो ज्यों की त्यों है, उसके लिए कम से कम वो किसी से सर्टिफिकेट की उम्मीद नहीं करते हैं।
बीजेपी ने मंदिरों को खोलने की मांग की
दरअसल बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यापाल कोश्यारी से मिलकर मंदिरों को खोलने की अपील की थी। बीजेपी के नेताओं का कहना था कि महाराष्ट्र की जनता चाहती है कि जैसे देश के दूसरे हिस्सों में ऐहतियात के साथ मंदिरों को खोला जा रहा है ठीक वैसे ही सिद्धिविनायक से लेकर शिरडी और दूसके धार्मिक स्थलों को खोलने की इजाजत मिलनी चाहिए। बता दें कि कोविड 19 की वजह से उद्धव सरकार ने 31 अक्टूबर लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया है।
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