Mumbai Monsoon News: मुंबईवासियों के लिए राहत लाया मानसून, 10 प्रतिशत से भी ज्यादा बढ़ गया वाटर स्टॉक

Mumbai Monsoon News: मानसून की बारिश मुंबई के लोगों के लिए राहत लेकर आई है। पिछले दो दिनों में हुई अच्‍छी बारिश से सात झीलों के जलभंडार में 21,281 मिलियन लीटर की वृद्धि हुई है। अब इन झीलों में 14,47,363 मिलियन लीटर पानी मौजूद है। जिससे अगले 40 दिनों तक पानी सप्‍लाई किया जा सकता है।

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बारिश के बाद मुंबई की एक सड़क पर हुआ जलभराव   |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • मानसून की बारिश से मुंबई में खत्‍म हुई पेयजल समस्‍या
  • बारिश से सात झीलों में पहुंचा 21,281 मिलियन लीटर पानी
  • अब 40 दिनों तक बुझाई जा सकती है मुंबई वालों की प्‍यास

Mumbai Monsoon News: मुंबई में मानसून राहत बनकर बरसी है। पिछले दो दिनों से रूक-रूक कर हो रही बारिश की वजह से मुंबई की सात झीलों के जलभंडार में 21,281 मिलियन लीटर की वृद्धि हुई है। इससे, शहर को पानी की आपूर्ति करने वाली सभी झीलों में अब पानी की कुल क्षमता 14,47,363 मिलियन लीटर पहुंच गई है, जो पहले की तुलना में 10.51 प्रतिशत अधिक है। बीएमसी अधिकारियों के अनुसार, यह स्टॉक अगले 40 दिनों तक चलेगा।

बता दें कि बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (बीएमसी) ने इन झीलों में जल स्‍तर कम होने की वजह से अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले मुंबई व आसपास के इलाको में 27 जून से 10 प्रतिशत पानी की कटौती कर दी थी। अब इस पेयजल संकट से मानूसन की अच्‍छी बारिश ने बाहर निकाल दिया है।

मानसून से झीलों के पानी में हुई वृद्धि

मानसून की शुरुआत के बाद इस सप्‍ताह शहर में अच्छी बारिश हुई, खासकर गुरुवार को। बुधवार को सभी झीलों में पानी के भंडार में 16,000 मिलियन लीटर और गुरुवार सुबह 5000 मिलियन लीटर की वृद्धि हुई। पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा बारिश मुंबई में स्थित तुलसी झील के पास 120 मिमी और विहार झीलों में 112 मिमी दर्ज की गई है। मुंबई के लोगों को इससे पहले अगस्त 2020 में पानी की कटौती का सामना करना पड़ा क्योंकि जलग्रहण क्षेत्रों में कम बारिश के कारण पानी का स्टॉक खराब हो गया था।

अक्टूबर में झीलों का लिया जाएगा वार्षिक जायजा

बीएमसी अधिकारियों के अनुसार मोदक सागर, तानसा, विहार, तुलसी, अपर वैतरणा और भाटसा झीलों से रोजाना शहर को 3,850 मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति की जाती है। हाल के वर्षों में नगर निकाय ने वर्षा जल संचयन, नए बोरवेल लगाने, नवीनीकरण आदि जैसे प्रयोगों के साथ पानी के अतिरिक्त स्रोतों की तलाश शुरू कर दी है। लेकिन, मुंबई में मानसून हमेशा से पानी का मुख्य स्रोत रहा है। बीएमसी को उम्‍मीद है कि मुंबईकर लोगों को अब पेयजल किल्‍लत का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्‍योंकि आने वाले समय में भी मौसम विभाग ने अच्‍छी बारिश की उम्‍मीद जताई है। बीएमसी अब एक अक्‍टूबर को झीलों के जल स्तर का वार्षिक जायजा लेगी।

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