ओवैसी ने पूछा-PAK बताए क्या ट्रंप को इसीलिए मिलना चाहिए नोबेल पुरस्कार? फारूक बोले-मुस्लिम देशों की चुप्पी से निराश हूं

ईरान पर इजरायली और अमेरिकी हमले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के सुप्रीमो फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि 'मुस्लिम देशों की चुप्पी पर मुझे हैरानी है। आज ईरान की यह हालत है कल किसी और देश पर अमेरिका हमला कर देगा। मुस्लिम देश यदि आज नहीं उठकर खड़े होंगे तो उन्हें अपनी बारी का इंतजार करना चाहिए। आज जो चुप हैं उनकी भी बारी आने वाली है।'

asaduddin owaisi

ईरान के परमाणु संयंत्रों पर अमेरिका ने किए हमले।

US attack on Iran : ईरान के परमाणु संयंत्रों पर अमेरिकी बमबारी के बाद भारत के मुस्लिम नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि गाजा में इजरायल जो 'नरसंहार' कर रहा है, उसे छिपाने के लिए अमेरिका ने ईरान पर ये हमले किए हैं। ओवैसी कहा कि पाकिस्तान से पूछना चाहिए क्या इसीलिए ट्रंप को उसने नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है? ईरान के फोर्डो न्यूक्लियर संयंत्र सहित दो अन्य परमाणु संयंत्रों पर अमेरिका ने बमबारी की है। समझा जाता है कि इस हमले के बाद ईरान इन दोनों देशों पर जवाबी कार्रवाई कर सकता है।

एआईएमआईएम नेता ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर 55 हजार फिलिस्तीनी नागरिकों की हत्या करने का आरोप लगाया। ओवैसी ने कहा कि 'गाजा में हो रहे नरसंहार पर अमेरिका चुप है।'

आज जो चुप हैं उनकी बारी आएगी-फारूक

ईरान पर इजरायली और अमेरिकी हमले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के सुप्रीमो फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि 'मुस्लिम देशों की चुप्पी पर मुझे हैरानी है। आज ईरान की यह हालत है कल किसी और देश पर अमेरिका हमला कर देगा। मुस्लिम देश यदि आज नहीं उठकर खड़े होंगे तो उन्हें अपनी बारी का इंतजार करना चाहिए। आज जो चुप हैं उनकी भी बारी आने वाली है।'

ईरान ने कहा है कि अमेरिका ने देश के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करके ‘कूटनीति के रास्ते बंद करने का फैसला किया’, अब उसके हमलों पर जवाबी कार्रवाई का वक्त, तरीका और इसका पैमाना क्या होगा इसके बारे में फैसला सेना करेगी। संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत आमिर सईद इरावनी ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक में कहा कि ईरान ने अपने तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमलों के बाद कहा कि ‘ईरान ने युद्धोन्मादी अमेरिकी शासन को बार-बार चेतावनी दी थी कि वह इस दलदल में न फंसे।’

‘हम सभी आवश्यक कदम उठाएंगे’

उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु केंद्रों पर हमले करके ‘कूटनीति के रास्ते बंद करने का निर्णय लिया’ तथा अब ईरान की सेना यह निर्णय करेगी कि जवाबी कार्रवाई कब की जाएगी और इसकी प्रकृति कैसी होगी तथा इसे कैसे अंजाम दिया जाएगा। ईरानी राजदूत ने बैठक में कहा, ‘हम सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।’ इरावनी ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर आरोप लगाया कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पश्चिम के ‘घृणित कृत्य’ कराने में और अमेरिकी विदेश नीति को ‘हाईजैक’ करने में सफल हो गए और कहा कि इससे अमेरिका एक और निराधार युद्ध में फंस गया है।

अमेरिका ने कूटनीति के रास्ते बंद किए-इरावनी

इरावनी ने कहा कि ईरान के विदेश मंत्री ने इस सप्ताह कई यूरोपीय समकक्षों के साथ बातचीत की थी लेकिन ‘अमेरिका ने कूटनीति के रास्ते बंद करने का फैसला किया।’उन्होंने प्रश्नात्मक लहजे से कहा ‘इस स्थिति से क्या निष्कर्ष निकाला जा सकता है? पश्चिमी देशों के दृष्टिकोण से, ईरान को बातचीत की मेज पर वापस आना चाहिए।’उन्होंने कहा कि ईरान के विदेश मंत्री ने उल्लेख किया है कि ईरान किसी ऐसी चीज पर वापस कैसे लौट सकता है जिसे उसने कभी छोड़ा ही नहीं।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited