नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन गुरुवार को सामने आया और दिल्ली हिंसा मामले में अपनी सफाई दी। ताहिर ने गुरुवार को कहा कि मीडिया में जो वीडियो सामने आया है उससे उसका कोई लेना-देना नहीं है और आईबी के अधिकारी अंकित शर्मा की मौत में भी उसका कोई हाथ नहीं है। हुसैन ने दिल्ली में हिंसा के लिए कपिल मिश्रा और वारिठ पठान के भड़काऊ बयानों को जिम्मेदार ठहराया है। हुसैन ने कहा कि वह जांच में पुलिस का सहयोग करने के लिए तैयार है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में ताहिर हुसैन ने कहा, 'अंकित श्रीवास्तव को मैं निजी तौर पर नहीं जानता। हालांकि, मैं उसकी मौत से दुखी हूं। मैं चाहता हूं कि उसे न्याय मिले। अंकित का परिवार दुखी है और वह आरोप लगा सकता है लेकिन मेरे ऊपर बेबुनियाद आरोप लगे हैं। मेरा इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। मैं इस मामले की जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता हूं।'
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा के लिए हुसैन ने भाजपा नेता कपिल मिश्रा और एआईएमआईएम नेता वारिस पठान के भड़काऊ बयानों को जिम्मेदार ठहराया। हुसैन ने कहा, 'वारिस पठान और कपिल मिश्रा जैसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इन लोगों के बयान के बाद से 23 फरवरी से दिल्ली में हिंसा भड़की। दिल्ली में प्रदर्शन दो महीने से ज्यादा समय से चल रहा है लेकिन बयानबाजी के बाद यहां का माहौल खराब हुआ और पत्थरबाजी हुई। मैं अपने बच्चों की सौंगध खाकर कहता हूं कि इस मामले से मेरा कोई लेना-देना नहीं है।'
उसने कहा, 'हमने हिंसा को रोकने का काम किया। 24 फरवरी को इमारत की तलाशी करने के बाद दिल्ली पुलिस ने हमें वहां से हटा दिया था। वीडियो में जो पेट्रोल बम, पत्थर और एसिड को दिखाया जा रहा है, वह घटना 25 फरवरी की है। 24 फरवरी को मैं और मेरा परिवार पुलिस की मौजूदगी में वहां से दूसरी जगह चले गए थे। उसके बाद से उस जगह मैं और मेरा परिवार नहीं गए। मैं जांच में सहयोग देने के लिए तैयार हूं। 25 फरवरी की शाम तक पुलिस इमारत के पास मौजूद थी।'
पहले ताहिर के लोगों ने शुरू की उत्पात
ताहिर हुसैन की फैक्टरी का जो वीडियो सामने आया है उससे जाहिर है कि छत से पेट्रोल बम और पत्थर फेंके जा रहे थे और नीचे लोगों को निशाना बनाया जा रहा था। स्थानीय लोगों का कहना है कि ताहिर अपने लोगों को हिंसा के लिए उकसा रहा था। लोगों का यह भी कहना है कि हिंसा एवं उत्पात पहले ताहिर के लोगों ने शुरू किया। उसके लोगों ने फैक्टरी के आस-पास की दुकानों में जाकर तोड़फोड़ और आगजनी की। इसके बाद दुकानदार बाहर निकले और फैक्टरी का घेराव किया। बाहर जब लोगों की संख्या फैक्टरी में मौजूद उसके लोगों से जब ज्यादा हो गई तब जाकर उसने पुलिस और अपने पार्टी के नेताओं को फोन करना शुरू किया।
इमारत में पेट्रोल बम कहां से आए?
सवाल यह है कि ताहिर की फैक्टरी की छत पर पेट्रोल बम, पत्थर और एसिड कहां से आए। यदि वे भीड़ से घिरे थे तो उन्हें पहले पुलिस बुलानी चाहिए थी न कि कथित रूप से पेट्रोल बम से हमला करना चाहिए था। इन सवालों के जवाब नहीं मिल रहे हैं। इस वीडियो के सामने आने के बाद समझा जाता है कि दिल्ली पुलिस ताहिर हुसैन इसका जवाब ढूंढेगी।
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