नई दिल्ली। राम हर कण में, हर घट में, हर सांस में हैं। लेकिन गूगल के नक्शे पर आप रामलला की लोकेशन नहीं ढूंढ पाएंगे। सवाल यह है कि जिस गूगल मैप के जरिए हम बिना किसी फिक्र अपने गंतव्य पर पहुंच जाते हैं तो आखिर ऐसा क्या हो गया या क्यूं हो गया कि रामलला के लोकेशन को गूगल नहीं बता पाएगा। इस सवाल का जवाब आपको यहां मिलेगा।
रामलला विराजमान की सुरक्षा की कवायद
दरअसल राम मंदिर निर्माण की वजह से विराजमान रामलला का स्थान परिवर्तन जरूरी हो गया है और इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जा रहे हैं ताकि रामलाल की सुरक्षा को लेकर किसी तरह का खतरा न पैदा हो सके। इसके तहत अस्थाई मंदिर में प्रतिष्ठित होने के बाद रामलला गूगल मैप पर नहीं दिखाई देंगे। बताया जा रहा है इस संबंध में गृहमंत्रालय की तरफ से गूगल मैनेजमेंट को एडवाइजरी जारी की जाएगी।
2005 में भी गूगल मैप से हटाया गया था
रामजन्मभूमि परिसर में साल 2005 में लश्कर के फिदायीन हमले के बाद गर्भगृह के लोकेशन को गूगल मैप से हटवाया गया था। रामजन्मभूमि परिसर की सुरक्षा में तैनात एसपी टी एन त्रिपाठी ने कहा कि गूगल मैप से जीपीएस लोकेशन को हटाने के लिए सीएम दफ्तर को भी खत भेजा जाएगा। बता दें कि एडीजी सुरक्षा की अगुवाई में गठित एक कमेटी ने मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर को बुलेट प्रूफ बनाने का सुझाव दिया था।
सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे प्राण प्रतिष्ठा
फाइबर के बने अस्थाई मंदिर में रामलला स्थाई मंदिर के निर्माण होने तक विराजेंगे। अस्थाई मंदिर में रामलला के विराजमान होने पर प्राण प्रतिष्ठा और पहला पूजन सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे। बताया जा रहा है कि 24 मार्च को सीएम योगी आदित्यनाथ अयोध्या जाएंगे और विकास कार्यों की समीक्षा के साथ प्राण प्रतिष्ठा और पूजन करेंगे। इस दौरान ट्रस्ट से संबंधित अधिकारी मौजूद रहेंगे।
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