नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज नोबेल पुरस्कार अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी के साथ चर्चा की। चर्चा का विषय कोविड 19 से जुड़ी आर्थिक समस्या, सुझाव और समाधान रहा। कोरोना वायरस के प्रकोप से देश की अर्थव्यस्था पर क्या असर पड़ा है, सरकार को इस संकट की स्थिति में क्या करना चाहिए इस पर उन्होंने बनर्जी की राय जानी।
अभिजीत बनर्जी ने राहुल गांधी से कहा, 'भारत को प्रोत्साहन पैकेज की जरूरत है, हमने अब तक पर्याप्त आर्थिक पैकेज नहीं दिया है। मांग को फिर से जीवित करना महत्वपूर्ण है, निचले तबके के 60 प्रतिशत लोगों को ज्यादा देने से कुछ बुरा नहीं हो जाएगा।' उन्होंने कहा कि हर किसी को अस्थायी राशन कार्ड दिया जाए, इनका इस्तेमाल उन्हें रुपए, गेंहू और चावल देने के लिए करें।
राहुल ने बनर्जी से पूछा कि क्या 'न्याय' की योजना की तर्ज पर लोगों को पैसे दिए जा सकते हैं तो उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर। उन्होंने यह भी कहा कि जरूरतमंद तक पैसे पहुंचाने के लिए राज्य सरकारों और गैर सरकारी संगठनों की मदद ली जा सकती है।
राहुल गांधी ने कहा, 'लॉकडाउन को लेकर राज्यों को स्वतंत्रता देनी चाहिए ,ताकि वो अपने यहां स्थिति को देखकर इस पर फैसला करें। राज्यों को विकल्प दिए जाएं। वर्तमान सरकार का दृष्टिकोण अलग है, वो नियंत्रण अपने हाथ में रखना चाहती है। एयरलाइ या रेल जैसे बड़े फैसले राष्ट्रीय स्तर पर होने चाहिए।'
इससे पहले राहुल गांधी ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन के साथ इसी तरह का संवाद किया था। इस संवाद में राजन ने, कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन को सावधानीपूर्वक खत्म करने की पैरवी करते हुए कहा था कि गरीबों की मदद के लिए सीधे उनके खाते में पैसे भेजे जाएं और इस पर करीब 65 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।
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