नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में एक बार फिर राज्यपाल और सरकार के बीच तनातनी का दौर शुरू हो चुका है। ममता बनर्जी सरकार की तरफ से आरोप लगाया गया है कि राज्यपाल जगदीप धनकड़ समानांतर सरकार चला रहे हैं। लेकिन राज्यपाल धनकड़ ने करार जवाब देते हुए कहा कि वो इस तरह के आरोपों को सिरे से नकारते हैं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता तो एयरपोर्ट से लेकर सर्किट हाउस तक सभी कटआउट पर उनकी तस्वीरें होतीं।
जगदीप धनकड़ ने कहा कि पश्चिम बंगाल में उनके 50 दिन पूरे हो चुके हैं। लेकिन अभी तक चीफ सेक्रेटरी के साथ उनकी बैठक नहीं हुई है। आश्चर्य की बात ये है कि चीफ सेक्रेटरी को उनसे मिलने के लिए 50 दिन में समय नहीं मिल सका। संविधान के तहत यह राज्य के सीएम की जिम्मेदारी है कि वो महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बारे में राज्यपाल को बताएं।
उन्होंने कहा कि हाल ही में पश्चिम बंगाल ने चक्रवात बुलबुल का सामना किया था। वो उम्मीद कर रहे थे कि सीएम उनसे इस विषय पर संवाद करेंगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। जगदीप धनकड़ ने कहा कि राज्यपाल, केंद्र का राज्यों में प्रतिनिधित्व करता है। भारतीय संविधान के दायरे में जो जिम्मेदारी उन्हें मिली है उसका वो पालन कर रहे हैं। लेकिन कुछ जिम्मेदारी राज्य सरकार की भी होती है जिसका पालन होना चाहिए।
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