नई दिल्ली: पिछले साल 26 नवबंर से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने गुरुवार को ट्रैक्टर रैली निकाली। हजारों प्रदर्शनकारी किसानों ने केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन स्थल-सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर और हरियाणा के रेवासन में ट्रैक्टर रैली निकाली। किसान संगठनों ने कहा कि 26 जनवरी को हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से दिल्ली में आने वाले ट्रैक्टरों की प्रस्तावित परेड से पहले यह महज एक रिहर्सल है।
भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैट ने कहा, 'हम 26 जनवरी को परेड में भाग लेंगे। एक तरफ टैंक होंगे और दूसरी तरफ ट्रैक्टर। आज की रैली अच्छी रही। परेड में हिस्सा लेने के लिए उस दिन भी लोग बड़ी संख्या में दिल्ली आएंगे।'
'हरियाणा से करीब 2500 ट्रैक्टर आए'
किसानों ने सिंघू से टिकरी बॉर्डर, टिकरी से कुंडली, गाजीपुर से पलवल और रेवासन से पलवल की तरफ ट्रैक्टर रैलियां निकालीं। सिंधू और टिकरी बॉर्डर से लेकर किसानों ने सुबह में कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे की तरफ मार्च किया और फिर वापस आ गए। किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि 5,000 ट्रैक्टरों और अन्य वाहनों के साथ मार्च कर किसानों ने दुनिया को अपनी एकजुटता दिखा दी है कि वे थके नहीं हैं और अपने संकल्प पर दृढ़ हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के एक वरिष्ठ सदस्य अभिमन्यु कोहाड़ ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, 'आगामी दिनों में हम तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन तेज करेंगे। आज के मार्च में हरियाणा से करीब 2500 ट्रैक्टर आए। हम आगाह करना चाहते हैं कि अगर सरकार हमारी मांगें स्वीकार नहीं करेगी तो किसानों का प्रदर्शन आगे और तेज होगा।'
किसानों ने ये ट्रैक्टर रैली तब निकाली है जब शुक्रवार को उनकी सरकार के साथ आठवें दौर की बात होनी है। किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। किसान तीन कानूनों को वापस लेने के अलावा किसी बात पर राजी नहीं होंगे। इससे पहले सोमवार को सातवें दौर की बातचीत बेनतीजा रही।
ये था ट्रेलर 26 को फिल्म दिखाएंगे: किसान
ट्रैक्टर मार्च को सफल बताते हुए पंजाब के किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल)के जनरल सेकेट्ररी हरिंदर सिंह ने आईएएनएस से कहा, 'हमारी पहली मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले और इस पर सहमति बनने पर ही हम एमएसपी के मसले पर बात करेंगे। अगर सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस लेने को सहमत नहीं होगी तो कल की वार्ता बमुश्किल से घंटेभर भी चल पाएगी क्योंकि इस मसले पर वार्ता पूरी होने पर ही दूसरे मसलों पर बात होगी। हमारी दो प्रमुख मांगें हैं जिन पर हम सरकार से कल की वार्ता में हां या ना में जवाब चाहेंगे। आज हमने सरकार को ट्रेलर दिखाएं हैं और 26 जनवरी को फिल्म दिखाएंगे। आज हजारों की संख्या में ट्रैक्टर है और 26 जनवरी को लाखों की तादाद में ट्रैक्टर लेकर आएंगे और दिल्ली की हर गली को ट्रैक्टरों से भर देंगे।'
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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