जाति, बागी, वैक्सीनेशन और विकास, BJP का यूपी फतह का जानें फॉर्मूला

देश
प्रशांत श्रीवास्तव
Updated Oct 18, 2021 | 19:48 IST

UP Election 2022: किसान आंदोलन और लखीमपुर खीरी कांड के बाद, बदले माहौल को मैनेज करने की भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है। पार्टी आने वाले समय में विकास योजनाओं और वैक्सीनेशन को बड़ी उपलब्धि के रुप में पेश करेगी।

BJP Samajik Pratinidhi Sammelan
भाजपा 31 अक्टूबर तक सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित करेगी। 
मुख्य बातें
  • BJP 31 अक्टूबर तक प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन करेगी।
  • यूपी में 22 फीसदी दलित आबादी और 50 फीसदी ओबीसी आबादी को लुभाने की तैयारी में है।
  • प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अकेले अक्टूबर में तीन बार यूपी का दौरा करेंगे।

नई  दिल्ली:  दिल्ली में उत्तर प्रदेश चुनावों पर सोमवार को अहम बैठक, इसी दिन सपा के  बागी विधायक नितिन अग्रवाल को डिप्टी स्पीकर बनाना,  फिर 20 अक्टूबर को कुशीनगर एयर पोर्ट के उद्घाटन के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तर प्रदेश जाना और उसके 4 दिन बाद फिर सिद्धार्थनगर में 7 नए मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन की तैयारी। साफ है कि उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा अब चुनावी मोड में आ गई है। और उसने अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं।

31 अक्टूबर तक  सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन 

बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में बीते रविवार से सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलनों की शुरुआत कर दी है। इसके तहत पहले दिन प्रजापति समाज का सम्मेलन किया गया।  सम्मेलन की कितनी अहमियत है, इसका इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पहले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित तमाम बड़े नेता शामिल हुए। इसके अलावा औद्योगिक विकास राज्यमंत्री श्री धर्मवीर प्रजापति, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष श्री लोकेश प्रजापति तथा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री नरेंद्र कश्यप सहित प्रमुख नेता उपस्थित थे। 

पार्टी इन सम्मेलन के जरिए विभिन्न जातियों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश में है। 31 अक्टूबर तक चलने वाले सामाजिक सम्मेलन में पार्टी  का प्रमुख फोकस ओबीसी और दलित मतदाता हैं। पार्टी इन सम्मेलन के जरिए 22 फीसदी दलित आबादी और 50 फीसदी ओबीसी मतदाता को लुभाने की तैयारी में है। इसके तहत पार्टी, कश्यप,जोगी, पाल, तेली, यादव, राजभर, गुर्जर, सैनी,  कुर्मी, जाट ,चौरसिया, पासी, कनौजिया,  कोरी, कठेरिया,वाल्मीकि, जाटव और सोनकर जातियों को साधने की कोशिश करेगी।

अक्टूबर में प्रधान मंत्री के तीन दौरे

 भाजपा के लिए यूपी का कितना महत्व है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, अभी चुनाव का ऐलान नहीं हुआ है, और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अकेले अक्टूबर में तीन बार यूपी में विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन करने के लिए पहुंचेंगे। सबसे पहले, उन्होंने 5 अक्टूबर को आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के दौरान 75 योजनाओं की शुरूआत की थी। इसके बाद 20 अक्टूबर को पूर्वांचल में कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का उद्घाटन करने जा रहे हैं। फिर वह 25 अक्टूबर को पूर्वांचल के ही जिले सिद्धार्थ नगर से 7 मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन करेंगे।

अखिलेश को दिया झटका

भाजपा ने सोमवार को समाजवादी पार्टी के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को अपना समर्थन देकर डिप्टी स्पीकर का चुनाव जितवा दिया है।  अग्रवाल ने सपा उम्मीदवार नरेंद्र वर्मा को हराया। साफ है कि भाजपा नितिन अग्रवाल के जरिए सपा के वोट बैंक में सेंध लगाना चाहती है। इसी तरह की कोशिश भाजपा , कानपुर के सपा नेता सुखराम यादव के जरिए भी  कर रही है। हालांकि अभी तक उनकी तरफ से हरी झंडी नहीं मिल पाई है।

दिल्ली में भी मंथन

इसी प्रक्रिया में सोमवार को भी दिल्ली में भाजपा  के शीर्ष नेताओं की यूपी सहित 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों को लेकर पार्टी की रणनीति पर चर्चा हुई है। सूत्रों के अनुसार पार्टी कोविड-19 दौर में वैक्सीनेशन को अहम उपलब्धि के रूप में आगामी चुनावों में भुनाने की कोशिश करेगी। साथ ही विपक्ष के रवैये पर भी सवाल उठाएगी। इसके अलावा योगी सरकार प्रवासी श्रमिकों के लिए उठाए गए कदम, वैक्सीनेशन, अपराधियों पर लगाम, एक्सप्रेस-वे , निवेश योजनाओं आदि को लेकर भी चुनावों में उतरेगी। 

किसान आंदोलन बड़ी चिंता

पार्टी के लिए  किसान आंदोलन और लखीमपुर खीरी कांड के बाद, बदले माहौल को मैनेज करने की भी बड़ी चुनौती है। पश्चिमी यूपी के एक भाजपा नेता का कहना है कि किसान आंदोलन के असर का हमें अंदाजा है। लेकिन हमारी कोशिश है कि विपक्ष की किसान के नाम की जा रही राजनीति की पोल खोली जाय। इसके अलावा लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद ब्राह्मण वोटों को भी संभालने की कोशिश है। साफ है कि भाजपा ने अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। अब देखना यह है कि आने वाले समय में भाजपा, अबकी बार 300 पार के लक्ष्य को पाने में कितना सफल होगी।

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