Aeroindia 2025: जेंडर न्यूट्रैलिटी, आत्मनिर्भरता की ओर मजबूत कदम, नई ऊंचाई छू रही भारतीय सेना की एविएशन शाखा

भारतीय सेना की एविएशन शाखा ने 'नारी शक्ति' को प्रोत्साहित करते हुए महिलाओं को महत्वपूर्ण भूमिकाओं में शामिल किया है। यह कदम सेना में जेंडर न्यूट्रैलिटी को बढ़ावा देने के साथ-साथ महिलाओं को युद्धक अभियानों में अपनी क्षमता साबित करने का अवसर भी प्रदान कर रहा है।

Chopper pilot

भारतीय सेना की एविएशन इकाई में तैनात महिला अधिकारी।

Aeroindia 2025: एयरो इंडिया 2025 भारतीय रक्षा क्षेत्र में हो रहे आत्मनिर्भरता के प्रयासों को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। यह आयोजन न केवल अत्याधुनिक सैन्य तकनीकों को उजागर करता है, बल्कि सेना की एविएशन शाखा को पूर्ण रूप से स्वदेशी और उच्च तकनीकी क्षमताओं से लैस बनाने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों पर भी प्रकाश डालता है।

विजन 2047: भविष्य की ओर बढ़ते कदम

भारतीय सेना की एविएशन शाखा 2047 तक एक आत्मनिर्भर, अत्याधुनिक और बहुआयामी युद्ध रणनीतियों में सक्षम इकाई बनने की दिशा में अग्रसर है। इसके तहत-

संपूर्ण स्वदेशीकरण: हेलिकॉप्टर और यूएवी (Unmanned Aerial Vehicles) सहित सभी एविएशन संपत्तियों का निर्माण भारत में किया जाएगा।अगली पीढ़ी के युद्धक हेलिकॉप्टर और AI-सक्षम ड्रोन: ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ाने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित किए जाएंगे। आधुनिक युद्ध रणनीति में एकीकृत प्रणाली: एविएशन संपत्तियों को मल्टी-डोमेन युद्धक्षेत्र में पूरी तरह से समायोजित किया जाएगा। बुद्धिमत्ता, निगरानी और टोही (ISR) तथा लॉजिस्टिक्स में विस्तार: युद्ध समर्थन भूमिकाओं को और मजबूत किया जाएगा।

सेना में महिला अधिकारियों की भागीदारी: जेंडर न्यूट्रैलिटी की ओर एक बड़ा कदम

भारतीय सेना की एविएशन शाखा ने 'नारी शक्ति' को प्रोत्साहित करते हुए महिलाओं को महत्वपूर्ण भूमिकाओं में शामिल किया है। यह कदम सेना में जेंडर न्यूट्रैलिटी को बढ़ावा देने के साथ-साथ महिलाओं को युद्धक अभियानों में अपनी क्षमता साबित करने का अवसर भी प्रदान कर रहा है।

महिला अधिकारियों की ऐतिहासिक उपलब्धियां

2022 में सेना ने महिला अधिकारियों को पहली बार युद्धक हेलिकॉप्टर पायलटों के रूप में शामिल किया, जो एक ऐतिहासिक निर्णय था। इस कदम ने लंबे समय से चली आ रही धारणाओं को तोड़ते हुए महिलाओं को युद्ध अभियानों में सक्रिय भागीदारी का मौका दिया। मेजर अभिलाषा बाराक इस क्षेत्र में एक प्रमुख उदाहरण हैं, जिन्होंने सिल्वर चीता ट्रॉफी जीतकर अपने बैच में शीर्ष स्थान प्राप्त किया था। महिलाओं की भागीदारी अब केवल हेलिकॉप्टर उड़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि वे रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (RPAS) में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

वर्तमान में सेना की एविएशन शाखा में महिला अधिकारियों की स्थिति

भारतीय सेना की एविएशन शाखा में विभिन्न भूमिकाओं में महिला अधिकारी कार्यरत हैं:

13 महिला अधिकारी - एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) में

8 महिला अधिकारी - RPAS (ड्रोन संचालन) में

9 महिला अधिकारी - हेलिकॉप्टर उड़ान ड्यूटी में

महिला अधिकारी: युद्ध के मैदान में नई चुनौतियों का सामना

महिला अधिकारियों को अब एक्टिव फील्ड एरिया में भी तैनात किया जा रहा है, जहां वे उच्च दबाव वाले युद्ध अभियानों का संचालन कर रही हैं। इन अभियानों के दौरान उन्हें उत्कृष्ट स्थिति जागरूकता, संचार कौशल, मनोवैज्ञानिक समन्वय और नेतृत्व क्षमता प्रदर्शित करनी होती है। अब तक के उनके प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया है कि वे पुरुष अधिकारियों के बराबर कार्यक्षमता रखती हैं और सेना की युद्धक तैयारियों को और मजबूत कर रही हैं।

भविष्य की राह: आत्मनिर्भरता और लैंगिक समानता की दिशा में सेना की प्रतिबद्धता

भारतीय सेना महिलाओं को युद्धक अभियानों में आगे बढ़ाने और सैन्य एविएशन को स्वदेशी क्षमताओं से लैस करने के लिए प्रतिबद्ध है। 2047 तक, सेना की एविएशन शाखा एक तकनीकी रूप से उन्नत, आत्मनिर्भर और जेंडर-न्यूट्रल सैन्य बल के रूप में उभरेगी, जो देश की सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाएगा।

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    Shivani Mishra author

    Covering stories of public interest in crime and politics now. Entertainment enthusiast over five years. Reporting across Maharashtra.और देखें

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