अक्षरा सिंह के साथ वायरल हुई थीं अरविंद अकेला 'कल्‍लू' की शादी की तस्‍वीरें, जानें कैसी है रियल लाइफ

दूल्‍हा और दुल्‍हन के लिबास में भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्‍टार अरविंद अकेला कल्‍लू और अक्षरा सिंह की तस्‍वीरें कुछ समय पहले सामने आई थीं तो फैंस को लगा था कि दोनों ने शादी कर ली।

Arvind Akela Kallu
Arvind Akela Kallu 
मुख्य बातें
  • अरविंद अकेला कल्‍लू और अक्षरा सिंह की तस्‍वीरें हुई थीं वायरल
  • इन तस्‍वीरों में दोनों दूल्‍हा और दुल्‍हन के ल‍िबास में आए थे नजर

Arvind AKela Kallu real life: दूल्‍हा और दुल्‍हन के लिबास में भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्‍टार अरविंद अकेला कल्‍लू और अक्षरा सिंह की तस्‍वीरें कुछ समय पहले सामने आई थीं तो फैंस को लगा था कि दोनों ने शादी कर ली। इन दोनों की शादी की तस्वीरों पर फैन्स अक्षरा सिंह और अरविंद अकेला को बधाई देने लगे थे। हालांकि बाद में तस्‍वीरों का सच सामने आ गया था। इन वायरल फोटोज के पीछे की सच्चाई यह थी कि उनकी ये तस्वीरें फिल्म 'शुभ घड़ी आयो' के सेट की हैं। दोनों की फ‍िल्‍म में शादी हो रही थी। 

असल जिंदगी में कुंवारे हैं अरविंद 
अरविंद अकेला कल्‍लू असल जिंदगी में कुंवारे हैं। उनकी अभी तक शादी नहीं हुई है और इंटरनेट पर उनकी शादी और पत्‍नी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। हालांकि भोजपुरी इंडस्ट्री की क्यूटेस्ट गर्ल यामिनी सिंह को कल्लू की गर्लफ्रेंड माना जाता है। मीडिया के अनुसार, दोनों एक दूसरे को काफी समय से डेट कर रहे हैं। इन दोनों की मुलाकात भी एक फिल्म के दौरान हुई थी, जिसके बाद से दोनों एक संग देखे जाने लगे। 

कल्लू पर हुआ था जानलेवा हमला
साल 2009 में शो के दौरान कल्लू पर गोली चलाई गयी थी लेकिन वह बाल बाल बच गये थे। कल्लू इसकी वजह के बारे में कहते हैं कि शायद किसी ने उन्माद में फायर किया था और गोली छिटक कर मुझे लग गयी थी! दसवीं तक पढ़े कल्लू के हाई वोल्टेज वाली एल्बम का गाना चोलिया के हुक राजा जी जब हर जगह हिट हुआ तो उन्हें फिल्मों के ऑफर आने लगे। 

आज अरविन्द अकेला कल्लू किसी भी पहचान के मोहताज नहीं हैं। 9 साल की उम्र में गुडिया जापानी और लव के टॉनिक पियल कर गाने गाकर पूरे भोजपुरिया क्षेत्र में छाने वाले कल्लू बक्सर, बिहार के अहिरौली गाव में पैदा हुए थे। उनके पिता की शहर में तब रिक्शे की दुकान थी और साथ में वह कला में भी काफी सक्रिय थे और नव निकेतन मंच नामक संस्था में नाटककार और डायरेक्टर थे।  वह हर साल सरस्वती पूजा के अवसर पर नाटक करवाते थे। बचपन में उन्होंने ही कल्लू के अंदर गायकी और अभिनय का बीजारोपण किया। 

सुबह 5 बजे संगीत सीखने लगते थे कल्लू
कल्लू के अंदर छुपा टैलेंट उनकी मां ने पहचाना जब वह घर में परिवार के साथ अन्त्याक्षरी खेलते समय गाया करते थे। उन्होंने  ही उनके पापा को कल्लू को मंच पर गवाने के लिए कहा। जब उन्होंने एक शो में गाया और गांव वालों की सराहना मिली तो वह काफी खुश हुए और कल्लू को लेकर रोज़ सुबह 5 बजे अपने गांव से कुछ दूर महदर गांव संगीत सीखने के लिए ले जाने लगे।

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