Times Now-ETG Karnataka Election Exit Poll Results 2023: कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी बनी कांग्रेस, एग्जिट पोल में बीजेपी को नुकसान
Times Now-ETG Karnataka Election Exit Poll Results 2023: कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी बनी कांग्रेस, एग्जिट पोल में बीजेपी को नुकसान
Karnataka Election Exit Poll Results 2023 Times Now-ETG: कर्नाटक में इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प रहा है। कर्नाटक चुनाव नतीजे अपने आप में कई बड़े राजनीतिक संदेश समेटे हुए हैं। चुनाव नतीजे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रस और जेडी-एस तीनों के लिए काफी अहम हैं। राज्य की विधानसभा की 224 सीटों के लिए एक चरण में 10 मई को मतदान संपन्न हो गया। चुनाव प्रचार के दौरान तीनों दलों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया लेकिन मतदाताओं का मूड भांपने के लिए कुछ दिनों पहले आए ओपिनियन पोल ने चुनाव नतीजों को लेकर दिलचस्पी बढ़ा दी। मतदान के बाद जनता अगली सरकार के बारे में क्या सोच रही है, इसका नब्ज टटोलते हुए Times Now ने ETG के साथ मिलकर एग्जिट पोल (Exit Poll) किया है। Exit Polls चुनाव नतीजे तो नहीं हैं लेकिन ये बहुत हद तक अगली विधानसभा की तस्वीर साफ हो गई है।
एग्जिट पोल में कांग्रेस को बढ़त
Times Now-ETG के सर्वे के मुताबिक कर्नाटक की सत्ता में कांग्रेस की वापसी हो सकती है, सबसे बड़ी पार्टी के रूप में कांग्रेस उभरी है। दक्षिण के इस राज्य में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। कांग्रेस यहां 106-120 सीटें जीत सकती है। कर्नाटक में बहुमत का आंकड़ा 113 है। इस चुनाव में भाजपा को नुकसान हुआ है और वह 78 से 92 के बीच सीटें जीत सकती है। जेडी-एस के खाते में 20 से 26 सीटें जा सकती हैं। अन्य को दो से चार सीटें मिल सकती हैं।वोटिंग प्रतिशत
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में वोट प्रतिशत की अगर बात करें तो इस चुनाव में भाजपा को 36.70 प्रतिशत, कांग्रेस को 40.90 फीसदी, जेडी-एस को 16.10 फीसदी और अन्य को 6.30 फीसदी वोट मिल सकता है।दक्षिण कर्नाटक में कांग्रेस को बंपर वोट
दक्षिण कर्नाटक में बीजेपी को कांग्रेस जबरदस्त पटखनी देती दिख रही है। यहां कांग्रेस को जबरदस्त जीत मिलती दिख रही है। यहां कांग्रेस को 28 से 31, बीजेपी को 6 से 9, जेडीएस को 19 से 25 और अन्य के खाते में 1 से 2 सीट जाती दिख रही है।मध्य कर्नाटक में किसको कितनी सीटें
मध्य कर्नाटक में भी बीजेपी आगे दिख रही है। यहां पर बीजेपी को 16 से 18 और कांग्रेस को 8 से 10 और जेडीएस को 0 से 1 सीट मिल सकती है।कोस्टल कर्नाटक का हाल
कोस्टल कर्नाटक में बीजेपी कांग्रेस से काफी आगे दिख रही है। यहां बीजेपी को 15 से 17, कांग्रेस को 2 से 4 सीटों मिलती दिख रही है। जेडीएस यहां खाता खोलती नहीं दिख रही है।बांबे कर्नाटक क्षेत्र का हाल
बांबे कर्नाटक क्षेत्र में बीजेपी और कांग्रेस के बीच टक्कर दिख रहा है। यहां 21 से 25 सीटें बीजेपी को, 26 से 29 सीटें कांग्रेस को मिलती दिख रही है।हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र में क्या है हाल
टाइम्स नाउ नवभारत का एग्जिट पोल आ गया है। हैदराबाद कर्नाटक क्षेत्र में बीजेपी को 9 से 11 सीटें, कांग्रेस को 27 से 30 सीटें, जेडीएस को 0 से 1 सीटें और अन्य को 0 से 1 सीटें मिल सकती हैं।बीजेपी को बगावत से नुकसान?
टाइम्स नाउ ने अपने सर्वे के दौरान कर्नाटक के लोगों से कुछ सवाल भी पूछे थे, जिसमें से एक सवाल था कि बीजेपी के बड़े नेताओं के कांग्रेस में जाने से क्या भाजपा को नुकसान होगा। इसमें 44 प्रतिशत लोगों ने माना कि हां कांग्रेस को फायदा हो सकता है। 31 प्रतिशत लोगों ने माना नहीं कि नहीं इससे कांग्रेस को फायदा नहीं होगा। वहीं 25 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कह नहीं सकते।टाइम्स नाउ-ईटीजी कर्नाटक इलेक्शन एग्जिट पोल रिजल्ट 2023
टाइम्स नाउ-ईटीजी का एग्जिट पोल अब से कुछ ही देर बार आने लगेगा। एग्जिट पोल से काफी हद तक तस्वीर साफ हो जाएगी कि कर्नाटक में कौन सरकार बनाएगा, हालांकि मेन रिजल्ट 13 मई को ही आएगा।Karnataka में कौन बनेगा सियासी किंग ?
कांग्रेस नेता लोकेश जिंदल ने क्या कहा
क्या बजरंग बली की बात करके कांग्रेस ने बीजेपी की हवा बहा दी? देखिए, इस सवाल पर कांग्रेस नेता लोकेश जिंदल ने क्या कहापूरी खबर पढ़ें
कुछ देर में आएगा एग्जिट पोल
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतदान खत्म हो गया है। अबसे कुछ देर बार ही कर्नाटक का एग्जिट पोल आना शुरू हो जाएगा।मतदान खत्म
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो गया है। राज्य में शाम पांच बजे तक 65.69 फीसदी मतदान दर्ज किया गया।कर्नाटक का किला BJP बचा पाएगी या नहीं?
कर्नाटक चुनाव का नतीज राष्ट्रीय राजनीति पर असर डालेगा। सबसे बड़ी देखने वाली बात यह होगी कि भाजपा दक्षिण भारत के एक मात्र किले कर्नाटक को बचा पाती है कि नहीं। भाजपा अगर सत्ता में वापसी करती है तो राज्य का बीते 38 साल का रिकॉर्ड टूटेगा। कोई भी दल साल 1985 के बाद कर्नाटक की सत्ता में वापसी नहीं कर पाया है। कर्नाटक चुनाव में जीत भाजपा को अगले चुनावों के लिए नई ताकत एवं ऊर्जा देगा। इसी साल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन तीनों ही राज्यों में भाजपा और कांग्रेस आमने सामने हैं।कर्नाटक में हार से कांग्रेस की बढ़ेंगी मुश्किलें
कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस को यदि हार मिलती है तो यह उसके लिए बहुत बड़ा झटका होगा। एक तो 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रमुख विपक्षी दल होने का दावा उसका कमजोर होगा। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में उसके कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटेगा। दूसरा, क्षेत्रीय दल उस पर दबाव बनाते हुए तीसरे मोर्चे की कवायद को आगे बढ़ा सकते हैं। यही नहीं, कांग्रेस नेतृत्व पर भी सवाल उठाए जाएंगे।जेडी-एस के लिए करो या मरो की स्थिति
जनता दल-सेक्युलर के लिए कर्नाटक चुनाव के नतीजे काफी महत्वपूर्ण हैं। यहां उसके लिए करो या मरो जैसी स्थिति है। वोक्कालिगा समुदाय के समर्थन वाली यह पार्टी यदि यह चुनाव हार जाती है तो उसके वजूद पर सवाल खड़ा हो जाएगा। हालांकि, कुमारस्वामी को इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है। ओल्ड मैसूर क्षेत्र जेडी-एस का गढ़ रहा है। उसने बड़ी संख्या में इस बार वोक्कालिगा नेताओं को टिकट दिया है। भाजपा और कांग्रेस को बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में जेडी-एस किंगमेकर की भूमिका में आ सकती है।2,615 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत EVM में बंद
राज्य भर में 58,545 मतदान केंद्रों पर कुल 5,31,33,054 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। इन मतदाताओं ने 2,615 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत तय की है। मतदाताओं में 2,67,28,053 पुरुष, 2,64,00,074 महिलाएं और 4,927 ‘अन्य’ हैं। उम्मीदवारों में 2,430 पुरुष, 184 महिलाएं और एक उम्मीदवार अन्य लिंग से हैं।राज्य में 11,71,558 युवा मतदाता हैं, जबकि 5,71,281 दिव्यांग और 12,15,920 मतदाता 80 वर्ष से अधिक आयु के हैं।PM मोदी ने किए आधा दर्जन से अधिक रोड शो
प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य में करीब डेढ़ दर्जन चुनावी जनसभाओं और आधा दर्जन से अधिक रोड शो के जरिए फिर से जनता का विश्वास हासिल करने का प्रयास किया वहीं कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनावों में खुद को मुख्य विपक्षी दल के रूप में स्थापित करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस के लिए उसके अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने पूरे राज्य में जनसभाएं की।योगी के 'बंटेंगे तो कटेंगे' नारे पर नारे पर अखिलेश यादव का हमला, बोले- नकारात्मक, निराशा व नाकामी का प्रतीक
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