Dubai: चीते सी रफ्तार, फुर्ती में युवाओं से भी आगे, शॉट्स ऐसे कि स्टेडियम छोटा पड़ जाए और फिनिशर ऐसा कि कोई स्कोर बड़ा ना लगे...जी हां, ये सभी चीजें महेंद्र सिंह धोनी पर फिट बैठती हैं। शायद शुक्रवार रात तक। क्योंकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके धोनी की जो हालत दुबई की पिच पर कल रात मैच के अंतिम क्षणों में दिखी उसने करोड़ों दिल तोड़ दिए। चेन्नई सुपर किंग्स को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ 7 रन से हार मिली। ये उनकी हार की हैट्रिक है जो चेन्नई सुपर किंग्स के लिए कुछ अजीब सा आंकड़ा है। लेकिन फैंस के दिलों में हार से ज्यादा दर्द है अपने चहेते खिलाड़ी को ऐसे देखना।
इस मुकाबले में सनराइजर्स हैदराबाद ने पहले बैटिंग करते हुए चेन्नई सुपर किंग्स को 165 रनों का लक्ष्य दिया था। चेन्नई की टीम जवाब देने उतरी और उन्होंने 6 ओवर में 36 रन पर अपना तीसरा विकेट गंवा दिया था। इस बार धोनी ज्यादा नीचे नहीं उतरे, वो नंबर.5 पर बैटिंग करने आ गए। यानी उनके पास काफी समय था पारी बनाने का। पहले वो केदार जाधव (3) के साथ खेले, फिर जडेजा पिच पर आए और वो उनके साथ खेले, जडेजा ने अर्धशतक भी बना लिया। धोनी अब भी पिच पर थे।
इसके बाद 18वें ओवर की चौथी गेंद पर रवींद्र जडेजा आउट हो गए। उस समय तक धोनी ने 27 गेंदों में 24 रन ही बनाए थे। अब युवा सैम कुरन पिच पर आए और धोनी की जिम्मेदारी बढ़ गई। हालात हमेशा की तरह फिर कठिन हो गए, अंतिम दो ओवरों में चेन्नई को चाहिए थे 44 रन। इसके बाद शुरू हो गया धोनी का थकना। वो सिंगल-डबल भागते रहे और धीरे-धीरे उनकी सांस फूलने लगी।
हर गेंद के बाद रुकते, कभी घुटने के बल बैठ जाते। आखिरकार मेडिकल स्टाफ को मैदान पर आकर उन्हें दवाई देनी पड़ी, उनको देखना पड़ा। खैर, हर गेंद के बाद धोनी का ऐसा ही हाल रहा और अंत में धोनी ने 36 गेंदों पर नाबाद 47 रन बना लिए थे लेकिन..चेन्नई सुपर किंग्स 7 रन से हार चुकी थी।
धोनी उनमें से नहीं हैं जो सिर पकड़कर अपनी असफलताओं पर रोने लगें, उनको फैंस ने हमेशा हालातों से लड़ते हुए देखा है। उम्र अब 39 हो गई है लेकिन अब भी वो पूरा मैच शानदार विकेटकीपिंग करते हैं, विकेटों के बीच दौड़ भी लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ते लेकिन शुक्रवार को दुबई की गर्मी उन पर हावी हो गई। मैच के बाद धोनी से इस बारे में सवाल हुआ तो उन्होंने चेहरे पर मुस्कान के साथ कहा, 'मैं ज्यादा गेंदों को बल्ले के बीच पर नहीं खेल पा रहा था। शायद बहुत तेज मारने का प्रयास कर रहा था। मैं ठीक हूं। ऐसे हालातों में गला बहुत सूख जाता है।'
इसके बाद धोनी ने स्वीकार किया कि उनकी टीम लगातार तीन मुकाबले हार गई है और कुछ कमजोरियां हैं जिन पर सख्ती से काम करने की जरूरत है। धोनी ने कहा, 'हमने लगातार तीन मैच शायद ही कभी गंवाए हैं। हमें गलतियों को सुधारना होगा। बार-बार एक जैसी गलतियां नहीं कर सकते। कैच छूटे, नो-बॉल भी डालीं। हम कुल मिलाकर इससे बेहतर खेल सकते थे। अगर ये नॉकआउट मैच होता तो कैच छूटना बहुत भारी पड़ सकता था। हां मैच में कुछ सकारात्मक चीजें भी निकलकर आई हैं और कुछ चीजों में सुधार चाहिए। हम मजबूत होकर लौटेंगे।’
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