सोना का नाम सुनते ही हर किसी के चेहरे पर चमक आ जाती है। मन ही मन विचार होने लगता है कि काश मेरे पास भी काफी मात्रा में सोना होता! सोना दुनिया की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इसलिए कोरोना काल में निवेशकों की पहली पसंद सोना बन गया। इसकी डिमांड तेजी बढ़ गई। कीमतें आसमान छूने लगी। दूसरी और खबर आई कि खदान से सोना अब उस मात्रा में नहीं मिल रहा है, जिस मात्रा में पहले मिलता था। रिपोर्ट पर गौर करें तो पता चलता है कि वक्त के साथ धीरे-धीरे धरती पर से सोना खत्म हो जाएगा।
विश्व स्वर्ण परिषद के मुताबिक वर्ष 2019 में सोने का प्रोडक्शन 2018 के मुकाबले एक प्रतिशत कम हुआ। 2019 में सोने का कुल उत्पादन 3531 टन रहा। साल 2008 के बाद पहली बार सोने के प्रोडक्शन में कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले कुछ वर्षों में सोने की खानों से प्रोडक्शन और कम हो सकता है। वर्तमान में मौजूद खदानों में सोने के खनन का पूरा इस्तेमाल किया जा रहा है। नए खदान अब बहुत कम मिल रहे हैं। ऐसी आशंका है कि आने वाले समय में इसका असर सोने की कीमतों पर पड़ेगा। सोने का दाम और बढ़ी उछाल आ सकती है।
अमरीकी जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक सोने का भंडार अभी 50,000 टन है। अभी तक 190,000 टन सोना खानों से निकाला जा चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक नए सोने के माइन्स की खोज जारी है, लेकिन बहुत कम मिल रहे हैं। इसलिए भविष्य में भी पुराने माइन्स पर ही ज्यादा निर्भर रहना होगा।
जब धरती पर से सोना खत्म हो रहा है। तो आइए जानते हैं कहां सबसे अधिक सोने का भंडार है। कौन सा देश के भंडार के मामले में सबसे अधिक अमीर है। विश्व स्वर्ण परिषद के मुताबिक अमेरिका में सबसे अधिक सोने का भंडार है। दूसरे नंबर पर जर्मनी, तीसरे स्थान पर इटली, चौथे स्थान पर फ्रांस और पांचवें नंबर पर रूस है।
माइन्स से सोना निकलाने वाली कंपनियां दो तरीके से सोने के भंडारण का पता लगाती है। इसमें पहला रिजर्व सोना और दूसरा वह सोना होता है जिसका निकलाना सस्ता होगा। एक आंकड़े के मुताबिक, 20% सोने का खनन अभी बाकी है। रिसर्च होने पर आंकड़े बदल भी सकते हैं।