Sharad Purnima Paran Ka Samay 2025 (शरद पूर्णिमा का पारण कब और कैसे करें): शरद पूर्णिमा व्रत पूरी श्रद्धा से रखा जाता है, और इसका पारण भी नियम से किया जाता है। इस दिन पारण करने से व्रत का पूर्ण फल मिलता है और माना जाता है कि इससे मन को शांति, शरीर को आरोग्यता और जीवन में लक्ष्मी कृपा प्राप्त होती है। यह भी मान्यता है कि जो व्यक्ति नियमपूर्वक पारण करता है, उसके घर में दरिद्रता नहीं ठहरती और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। यहां से आप शरद पूर्णिमा के व्रत के पारण का समय और विधि जान सकते हैं। साथ ही यहां ये भी बताया गया है कि पारण में क्या खाना चाहिए।
शरद पूर्णिमा का व्रत खोलने का समय आमतौर पर पूर्णिमा तिथि की समाप्ति से पहले होता है। 2025 में पूर्णिमा तिथि की समाप्ति सुबह 09:16 बजे निश्चत की गई है। इसलिए, शरद पूर्णिमा व्रत इस दिन सूर्योदय से पहले यानी तिथि समाप्ति से पहले, सुबह 9:16 बजे तक पारण करना चाहिए।
व्रत खोलने के लिए आपको सबसे पहले तो रात में रखी गई खीर को प्रसाद समझकर खाना चाहिए। इसके बाद आप सात्विक भोजन, दूध, शरबत से भी व्रत खोल सकते हैं। पारण से पहले भगवान को भोग लगाना न भूलें, और मन में यह भावना रखें कि यह व्रत भगवान की कृपा के लिए किया गया है, न कि केवल भोजन के लिए।
शरद पूर्णिमा व्रत के बाद पारण करने के लिए सुबह सबसे पहले स्नान कर, साफ वस्त्र धारण करके, घर में माँ लक्ष्मी व चंद्रदेव का पूजन करना चाहिए। इसके बाद चाँदनी में रखी गई खीर को प्रसाद स्वरूप पहले भगवान को अर्पित करें, फिर तुलसी पत्र डालकर स्वयं और परिवारजनों के साथ ग्रहण करें। यदि संभव हो तो ब्राह्मण या ज़रूरतमंद को खीर और कुछ दक्षिणा दान करें। पारण का समय पूर्णिमा तिथि समाप्त होने से पहले होना चाहिए, क्योंकि इसके बाद व्रत भंग माना जाता है। इस विधि से पारण करने से व्रत का पूर्ण फल मिलता है और घर में सुख-शांति व समृद्धि बनी रहती है।
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