नवरात्रि अष्टमी पूजा मंत्र, विधि, सामग्री लिस्ट, कथा, आरती और हवन पूजन मुहूर्त सबकुछ यहां जानें
नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर विधि विधान माता की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद हवन पूजन करके कन्या पूजन करना चाहिए। यहां जानिए अष्टमी नवमी पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र समेत संपूर्ण जानकारी।
नवरात्रि अष्टमी पूजा मंत्र, विधि, सामग्री लिस्ट, कथा, आरती और हवन पूजन मुहूर्त सबकुछ यहां जानें
इस साल नवरात्रि की अष्टमी और नवमी दोनों एक ही दिन मनाई जा रही है। दरअसल ऐसा एक ही तिथि का दो दिन पड़ने के कारण हो रहा है। पंचांग अनुसार आठवां नवरात्र 10 अक्टूबर की दोपहर 12 बजकर 31 मिनट से लग चुका है जो 11 अक्टूबर की दोपहर 12 बजकर 6 मिनट तक रहेगा। ऐसा ही संयोग दुर्गा नवमी के साथ बन रहा है। इसलिए इस साल अष्टमी और नवमी एक दिन पड़ी है।
Durga Navami 2024: Kanya Pujan Timing and havan Shubh Muhurat
अष्टमी-नवमी कन्या पूजन मुहूर्त 2024 (Ashtami-Navami Kanya Puja Muhurat 2024)
1. प्रातःकाल ब्रम्ह मुहूर्त- 04:39 से 05 बजकर 30 मिनट
2. अभिजीत-11:44am जे 12:31pm तक
3. विजय मुहूर्त- 02:0 pm से 02:47 pm तक
4. गोधूली मुहूर्त- 05:54 pm जे 07:08 pm तक
नवरात्रि हवन मुहूर्त 2024 (Navratri Havan Muhurat 2024)
नवरात्रि हवन मुहूर्त 11 अक्टूबर की दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से 12 अक्टूबर को प्रातःकाल 10:58 तक रहेगा।
नवरात्रि अष्टमी-नवमी पूजा विधि (Navratri Ashtami-Navami Puja Vidhi)
नवरात्रि की अष्टमी-नवमी को सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद हलवा, पूरी, चना आदि का प्रसाद तैयार करें। फिर माता रानी की विधि विधान पूजा करें। माता को भोग लगाएं। इसके बाद हवन पूजन करें। फिर कन्याओं को भोजन कराकर अपना व्रत खोल लें।
mahagauri aarti: महागौरी आरती
जय महागौरी जगत की मायाजया उमा भवानी जय महामाया
हरिद्वार कनखल के पासा।
महागौरी तेरा वहां निवासा।
चंद्रकली और ममता अंबे।
जय शक्ति जय जय मां जगदंबे।
भीमा देवी विमला माता।
कौशिकी देवी जग विख्याता।।
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा।।
सती 'सत' हवन कुंड में था जलाया।
उसी धुएं ने रूप काली बनाया।।
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया।।
तभी मां ने महागौरी नाम पाया।
शरण आनेवाले का संकट मिटाया।।
शनिवार को तेरी पूजा जो करता।
मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता।।
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।
महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो।।
मां महागौरी की पूजा : Maa Mahagauri Puja
मान्यतानुसार मां महागौरी मां पार्वती का दिव्य रूप मानी जाती हैं. कहते हैं मां महागौरी सफेद वस्त्र धारण करती हैं और उनके आभूषण भी सफेद होते हैं जिस चलते उन्हें श्वेतांबरधरा भी कहा जाता है. मां की चार भुजाएं हैं. मां का एक हाथ अभय मुद्रा में रहता है, दूसरे हाथ में त्रिशूल है, एक हाथ में डमरू और एक हाथ वर मुद्रा में रहता है. मां महागौरी का वाहन वृषभ है और इसलिए मां को वृषारूढ़ा भी कहा जाता है. मां शांत मुद्रा में रहती हैं और मां का स्वरूप सौम्य नजर आता है.मां महागौरी का प्रिय रंग
माता का प्रिय रंग गुलाबी माना जाता है. ऐसे में मां महागौरी की पूजा में गुलाबी रंग पहना जा सकता है.नवरात्रि अष्टमी पूजा मंत्र: navratri ashtami puja mantra
श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम: 2. या देवी सर्वभूतेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥6kanya pujan shubh muhurat: कन्या पूजन शुभ मुहूर्त
नवरात्रि पर कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। महाष्टमी पर कन्या पूजन के लिए 11 अक्तूबर को सुबह 07 बजकर 47 मिनट से लेकर 10 बजकर 41 मिनट तक का मुहूर्त है, फिर इसके बाद दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से लेकर 01 बजकर 35 मिनट पर कन्या पूजन कर सकते हैं।अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त
पंचांग की गणना के मुताबिक आश्विन माह की अष्टमी तिथि की शुरुआत 10 अक्तूबर को हो गई है, जिसका समापन 11 अक्तूबर को दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर होगा। इस तरह से अगर उदया तिथि के आधार पर बात करें तो अष्टमी तिथि 11 अक्तूबर को ही मनाई जाएगी। जो लोग अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन करते हैं वे लोग 11 अक्तूबर को दोपहर अष्टमी तिथि के समापन के पहले तक पूजा संपन्न कर व्रत का पारण कर सकते हैं।Durga Ashtami Havan Mantra: दुर्गा अष्टमी हवन मंत्र pdf
- ॐ दुर्गा देवी नमः स्वाहा
- ॐ शैलपुत्री देवी नमः स्वाहा
- ॐ ब्रह्मचारिणी देवी नमः स्वाहा
- ॐ चंद्र घंटा देवी नमः स्वाहा
- ॐ कुष्मांडा देवी नमः स्वाहा
- ॐ स्कन्द देवी नमः स्वाहा
- ॐ कात्यायनी देवी नमः स्वाहा
- ॐ कालरात्रि देवी नमः स्वाहा
- ॐ महागौरी देवी नमः स्वाहा
- ॐ सिद्धिदात्री देवी नमः स्वाहा
- ॐ जयंती मंगलाकाली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा, स्वधा नमस्तुते स्वाहा |
- ॐ ब्रह्मामुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि: भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्रे शनि राहु केतो सर्वे ग्रहा शांति कर: भवंतु स्वाहा।
- ॐ गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा।
Durga Ashtami Pushpanjali Mantra: दुर्गा अष्टमी पुष्पांजली मंत्र
ॐ जयन्ती, मङ्गला, काली, भद्रकाली, कपालिनी।दुर्गा, शिवा, क्षमा, धात्री, स्वाहा, स्वधा नमोऽस्तु ते॥
एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः॥
Durga Mata Ki Aarti Lyrics: दुर्गा माता की आरती के लिरिक्स
Kanya Pujan On Ashtami And Navami 2024: नवरात्रि अष्टमी-नवमी कन्या पूजन
नवरात्रि की अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है। कन्या पूजन आप हवन पूजन के बाद किसी भी समय कर सकते हैं।नवरात्रि व्रत का पारण कब होगा 2024 (Navrati Vrat Ka Paran Kab Hai 2024)
नवरात्रि व्रत का पारण 11 अक्टूबर और 12 अक्टूबर दोनों दिन किया जा सकता है। जो लोग कन्या पूजन के बाद व्रत खोल लेते हैं वो नवरात्रि व्रत का पारण 11 अक्टूबर को करेंगे। तो वहीं जो लोग नवरात्रि व्रत दशमी के दिन खोलते हैं वो व्रत का पारण 12 अक्टूबर को करेंगे।what colour is today for navratri: नवरात्रि का रंग
आज गुलाबी और बैगनी रंग पहनना सबसे ज्यादा शुभ रहेगा।Durga Ashtami Mantra: दुर्गा अष्टमी मंत्र
श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा। या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमःMaa Siddhidatri Mantra: मां सिद्धिदात्री के मंत्र
-ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः॥-सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥
-या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
मां सिद्धिदात्री की व्रत कथा (Maa Siddhidatri Vrat Katha)
मां सिद्धिदात्री की पौराणिक कथा अनुसार सिद्धिदात्री देवी के नाम का अर्थ होता है सिद्धि देने वाली देवी। मां सिद्धिदात्री की पूजा से इंसान के अंदर की बुराइयों और अंधकार का नाश हो जाता है और जीवन सुखों से भर जाता है। कहते हैं माता अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करती हैं। मां के स्वरूप की बात करें तो मां सिद्धिदात्री कमल पर विराजमान हैं और इनकी सवारी शेर है। देवी की चार भुजाएं होती है। इनके दाएं हाथ में गदा, दूसरे दाहिने हाथ में चक्र है। दोनों बाएं हाथ में शंख और कमल का फूल है। कहते हैं भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की कठोर तपस्या करके 8 सिद्धियां प्राप्त की थी। इतना ही नहीं मां सिद्धिदात्री की ही कृपा से भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था जिस वजह से भगवान का एक नाम अर्धनारीश्वर पड़ा था। कहते हैं देवी दुर्गा का यह स्वरूप अन्य सभी स्वरूपों की तुलना में सबसे ज्यादा शक्तिशाली है।नवरात्रि हवन विधि (Navratri Hawan Vidhi In Hindi)
आम की लकड़ी आमतौर पे हवन हेतु प्रयोग की जाती है। हवन की सम्पूर्ण सामाग्री चाहिए। जौ का प्रयोग नवरात्र के हवन में अवश्य करना चाहिए। तिल के प्रयोग से आध्यात्मिक उत्कर्ष एवं कष्टों का शमन होता है। गुड़ का प्रयोग मंगल और सूर्य ग्रह को प्रसन्न करने के लिए है। चीनी चंद्रमा और शुक्र के लिए है। गाय के ही घी का प्रयोग करें। घी अग्नि में आवश्यक है। घी वैसे भी शुक्र का प्रतीक है। सूखे हवन वाले नारियल का प्रयोग अंत मे करते हैं उसपे घी का लेपन करके अग्नि को समर्पित करते हैं। हवन नवरात्र पूजा की परिपूर्णता है। इससे माता प्रसन्न होती हैं और ग्रहों को भोजन मिलता है। एक विशेष बात तांत्रिक पूजा के हवन की विधि और द्रव्य वैदिक पूजा से अलग होते हैं। बंगलामुखी पूजा के हवन में सरसो का प्रयोग किया जाता है। नवग्रह की लकड़ी का प्रयोग आपको प्रत्येक हवन में करना ही करना है।दुर्गा नवमी 2024 तिथि व मुहूर्त : Durga Navami 2024 Date And Time In Hindi
दुर्गा नवमी 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 05 मिनट पर आरम्भ होगी और 12 अक्टूबर की सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी। पंचांग अनुसार नवमी 11 अक्टूबर को मनाई जाएगी।नवरात्रि अष्टमी-नवमी पूजन सामग्री : Navratri Ashtami-Navami Pujan Samagri
लाल कपड़ाघी
रौली
सिंदूर
अक्षत
फूल
फल
मिठाईयां
धूप
नारियल
सिंगार का सामान
गंगाजल
लाल चुनरी या साड़ी
कपूर
हल्दी की गाठ
लौंग
सुपारी
पानी
navami kanya pujan time 2024: नवमी कन्या पूजन टाइम
नवमी 2024 का कन्या पूजन कब करें? नवमी तिथि का आरंभ 11 अक्टूबर को 12 बजकर 7 मिनट पर होगा और अगले दिन यानी 12 अक्टूबर को नवमी तिथि सुबह 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। ऐसे में नवमी तिथि का कन्या पूजन 12 अक्टूबर को आप 10 बजकर 59 मिनट से पहले पहले कर सकते हैं।kanya pujan samagri lis: कन्या पूजन सामग्री लिस्ट
गंगाजलकलावा
पुष्प
चुनरी
पैर साफ करने के लिए कपड़ा
रोली
अक्षत्
फल
11 अक्टूबर 2024 पंचांग : 11 October 2024 Panchang
अभिजीत-11:52 am से 12:34 pm तकविजय मुहूर्त-02:20pm से 03:23 pm तक
गोधुली मुहूर्त--06:20pm से 07:23 pm तक
ब्रम्ह मुहूर्त-4:07m से 05:05am तक
अमृत काल-06:08am से 07:41am तक
निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:40से 12:20तक रात
संध्या पूजन-06:24 pm से 07:07pm तक
Maa Siddhidatri Puja Vidhi : मां सिद्धिदात्री पूजा विधि
नवरात्रि के नवमी के दिन सुबह स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें।उसके बाद मंदिर की सफाई करें और मां की प्रतिमा को गंगाजल से शुद्ध करें।
फिर मां को कुमकुम, अक्षत, चंदन और फूल अर्पित करें।
इस दिन हवन करने का भी विधान है। नवमी तिथि पर हवन करें।
नवमी के दिन कन्याओं को भोजन कराएं ।
अंत में मां सिद्धिदात्री की कथा का पाठ करें और आरती करें।
फिर मां को भोग लगाएं और प्रसाद सब में बांटें।
maha ashtami 2024 Date and time: महाअष्टमी डेट और समय
पंडित सुजीत जी महाराज अनुसार इस साल दुर्गा अष्टमी 11 अक्टूबर को मनाई जाएगी। क्योंकि अष्टमी उसी दिन मनाना ज्यादा सही रहता है जिस दिन नवमी तिथि भी लग रही हो और ये संयोग 11 अक्टूबर को बन रहा है। वहीं सप्तमी और अष्टमी का एक ही दिन होना शुभ नहीं माना जाता इसलिए 10 अक्टूबर को अष्टमी नहीं मनाई जाएगी।ashtami or navami kab hai ocotber 2024: अष्टमी और नवमी कब है अक्टूबर 2024
द्रिग पंचांग के अनुसार, अष्टमी का पर्व 10 अक्टूबर दोपहर 12 बजकर 31 मिनट पर शुरू होकर 11 अक्टूबर को 12 बजकर 6 मिनट पर समाप्त होगा। इस समय के बाद नवमी तिथि लगेगी, जो कि 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 57 मिनट तक रहेगी।नवरात्रि अष्टमी पूजा शुभ मुहूर्त 2024: navratri asthami shubh muhurat 2024
पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि का आरंभ 10 अक्टूबर को दोपहर में 12 बजकर 32 मिनट पर होगा, जो 11 अक्टूबर को 12 बजकर 7 मिनट से होगा। ऐसे में उदया तिथि के हिसाब से अष्टमी तिथि 11 अक्टूबर को ही मनाई जाएगा।When is navami in october 2024: नवरात्रि नवमी तिथि
इस साल शारदीय नवरात्र 12 अक्टूबर को समाप्त होगी। नवमी तिथि 11 अक्टूबर को 12.06 बजे शुरू होकर 12.57 बजे खत्म होगी।9th day of navratri: नवरात्रि के नौवें दिन की देवी
नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।navami timing ocotber 2024: नवरात्रि नवमी अक्टूबर 2024
11 अक्टूबर को दोपहर में नवमी तिथि शुरू होगी और 12 अक्टूबर को सुबह 11 बजे समाप्त हो जाएगी। इसके लिए शारदीय नवरात्र की नवमी 11 अक्टूबर को मनाई जाएगी।kanya pujan on asthami and navami 2024:
अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन करने वाले 12 बजे से पहले कन्या पूजन कर सकते हैं।अगर आप नवमी तिथि पर कन्या पूजन करना चाहते हैं, तो 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 06 मिनट के बाद कन्या पूजन कर सकते हैं। आप चाहे तो 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से पहले भी कन्या पूजन और नवमी पूजन कर सकते हैं।durga ashtami 2024 Date and time in hindi: दुर्गा अष्टमी डेट 2024
इस साल दुर्गा अष्टमी 11 अक्टूबर को मनाई जाएगी। क्योंकि अष्टमी उसी दिन मनाना ज्यादा सही रहता है जिस दिन नवमी तिथि भी लग रही हो और ये संयोग 11 अक्टूबर को बन रहा है। वहीं सप्तमी और अष्टमी का एक ही दिन होना शुभ नहीं माना जाता इसलिए 10 अक्टूबर को अष्टमी नहीं मनाई जाएगी।navami durga puja 2024: नवमी दुर्गा पूजा 2024
नवमी तिथि का आरंभ 11 अक्टूबर को 12 बजकर 7 मिनट पर होगा और अगले दिन यानी 12 अक्टूबर को नवमी तिथि सुबह 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। ऐसे में नवमी तिथि का कन्या पूजन 12 अक्टूबर को आप 10 बजकर 59 मिनट से पहले पहले कर सकते हैं।कन्या पूजन सामग्री लिस्ट : Kanya Pujan Samagri List
गंगाजलकलावा
पुष्प
चुनरी
पैर साफ करने के लिए कपड़ा
रोली
अक्षत्
फल
मिठाई
navratri ashtami vrat kab hai: नवरात्रि अष्टमी व्रत कब है
अष्टमी तिथि का आरंभ 10 अक्टूबर को दोपहर में 12 बजकर 32 मिनट पर हो रहा है और 11 तारीख को अष्टमी तिथि दोपहर में 12 बजकर 7 मिनट तक रहेगी। ऐसे में अष्टमी का व्रत 11 अक्टूबर को किया जाएगा।दुर्गा नवमी 2024 तिथि व मुहूर्त : Durga Navami 2024 Date And Time In Hindi
दुर्गा नवमी 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 05 मिनट पर आरम्भ होगी और 12 अक्टूबर की सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी। पंचांग अनुसार नवमी 11 अक्टूबर को मनाई जाएगी।नवरात्रि नवमी पूजा विधि : Navratri Navami Puja Vidhi
नवरात्रि की नवमी तिथि पर सुबह नहा धोकर प्रसाद, नवरस युक्त भोजन तैयार करें।पूजा शुरू करने से पहले देवी सिद्धिदात्री का ध्यान करें और उनके मंत्रों का जप करें।
फिर मां को फल, भोग, मिष्ठान, पांचों मेवा, नारियल आदि चीजें चढ़ाएं।
इसके बाद माता को रोली लगाएं।
इसके बाद दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
फिर माता आरती करें। साथ में हवन पूजन भी करें।
इसके बाद कन्या भोजन कराएं।
फिर अपना व्रत खोल लें।
नवरात्रि की अष्टमी आज कब से लग रही है
नवरात्रि अष्टमी दोपहर साढ़े 12 बजे से लग चुकी है जो अगले दिन 12 बजकर 17 मिनट तक रहेगी। लेकिन उदया तिथि के अनुसार अष्टमी व्रत 11 अक्टूबर को रखा जाएगा।Kanya Pujan Kab Karen: कन्या पूजन कब करें
इस साल कन्या पूजन 11 अक्टूबर को किया जाएगा। कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त पूरे दिन रहेगा।नवमी हवन पूजन मुहूर्त 2024 (Navratri Havan Pujan Muhurat 2024)
नवरात्रि हवन पूजन मुहूर्त 11 अक्टूबर की दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से 12 अक्टूबर को प्रातःकाल 10:58 तक रहेगा। लेकिन अगर नवमी हवन के सबसे शुभ मुहूर्त की बात करें तो वो सुबह 11:44am दोपहर 12:31 बजे तक रहेगा।कन्या पूजन सामग्री लिस्ट (Kanya Pujan Samagri List)
- कन्याओं का पैर धुलवाने के लिए साफ जल
- पैर पोछने के लिए एक साफ कपड़ा
- कन्याओं को तिलक करने के लिए रोली
- कन्याओं के हाथ में बांधने के लिए कलावा
- अक्षत
- फूल
- चुन्नी
- फल
- भोजन (हलवा, पूरी..)
- कन्याओं को बिठाने के लिए आसन
कन्या पूजन शुभ मुहूर्त 2024 (Kanya Pujan Muhurat 2024)
प्रातःकाल ब्रम्ह मुहूर्त-04;39 से 05 बजकर 30 मिनटअभिजीत-11:44am जे 12:31pm तक
विजय मुहूर्त-02:0 pm से 02:47 pm तक
गोधूली मुहूर्त-05:54 pm जे 07:08 pm तक
Chatth Puja 2024: बक्सर हो या बर्मिंघम, बिना गन्ने के नहीं होती छठ पूजा, जानिए लोक आस्था के इस महापर्व में क्या है गन्ने का महत्व
Chhath Puja Geet Lyrics: छठ पर्व में इन गानों की रहती है धूम, आप भी देखें छठी मैया के सुपरहिट गीत
Bhai Dooj Katha In Hindi: भाई दूज की कहानी से जानिए क्यों मनाया जाता है ये त्योहार, कैसे हुई इसकी शुरुआत
Chhath Puja Samagri List: छठ पूजा में क्या-क्या सामान लगता है, यहां चेक करें पूरी सामग्री लिस्ट
Chitragupta Puja Katha: चित्रगुप्त पूजा के दिन करें इस कथा का पाठ, व्यापार में मिलेगा भरपूर लाभ
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited