मां सरस्वती की पूजा विधि, मंत्र, कथा, आरती, श्लोक, कथा समेत संपूर्ण जानकारी मिलेगी यहां
बसंत पंचमी का त्योहार सनातन धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। इसलिए इस दिन को सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। यहां आप जानेंगे बसंत पंचमी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, श्लोक, कथा समेत संपूर्ण जानकारी।

Basant Panchami 2025 Puja Vidhi, Shubh Muhurat Live
पंचांग अनुसार बसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा का त्योहार हर साल माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा सूर्योदय के बाद और दिन के मध्य भाग से पहले किए जाने का विधान है। इसके अलावा कई जगह इस पर्व पर देवी रति और भगवान कामदेव की भी षोडशोपचार पूजा की जाती है। ये त्योहार मुख्य रूप से साहित्य, शिक्षा, कला, इत्यादि के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए खास होता है। यहां आप जानेंगे बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, कथा, आरती, श्लेक, फोटो समेत संपूर्ण जानकारी।
Basant Panchami Kyu Manate Hai
Basant Panchami 2025 Puja Muhurat (बसंत पंचमी 2025 पूजा मुहूर्त)
बसंत पंचमी सरस्वती पूजा मुहूर्त 3 फरवरी 2025 को सूर्योदय से लेकर सुबह 11 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। पंचमी तिथि 2 फरवरी 2025 की दोपहर 12:45 से 3 फरवरी 2025 की सुबह 11:48 बजे तक रहेगी।
बसंत पंचमी पूजा विधि (Basant Panchami Puja Vidhi)
बसंत पंचमी के दिन स्कूलों और कॉलेजों में मां सरस्वती की पूजा की जाती है। तो वहीं जगह-जगह इस दिन पंडाल सजाएं जाते हैं जिनमें माता सरस्वती की मूर्ति स्थापित की जाती है और उनकी विशेष पूजा अर्चना की जाती है। फिर अगले दिन माता की मूर्ति को नदी में विसर्जित कर दिया जाता है। इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनने, हल्दी से मां सरस्वती की पूजा करने, माता को गुलाब के फूल चढ़ाने, पीली चीजों का भोग लगाने और हल्दी का ही तिलक लगाने का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यताओं अनुसार ऐसा करने से मां सरस्वती शीघ्र प्रसन्न हो जाती हैं।
बसंत पंचमी पर पीले रंग का महत्व? (Yellow Color Significance On Basant Panchami)
बसंत पंचमी पर पीले रंग का विशेष महत्व माना जाता है। लेकिन अब सवाल ये उठता है कि आखिर पीले रंग का इस त्योहार से क्या संबंध है? तो आपको बता दें कि पीला रंग इस बात का प्रतीक होता है की फसलें पकने वाली हैं, साथ ही पीला रंग समृद्धि का भी सूचक माना जाता है। इस के पर्व के साथ ही वसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है। इस दौरान जगह-जगह रंग-बिरंगे फूल दिखने लगते हैं और खेतों में सरसों की पीली फसलें लहलहाने लगती हैं तो वहीं गेहूं की बालियां खिल उठती है। इसलिए बसंत पंचमी पर पीले रंग का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।
सरस्वती वन्दना (Saraswati Vandana)
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥१॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥२॥
बसंत पंचमी पर क्या करें (Basant Panchami Par Kya Kare)
- बसंत पंचमी के दिन पवित्र नदी में स्नान जरूर करना चाहिए।
- इस दिन माता सरस्वती की विधि विधान पूजा करनी चाहिए।
- माता के मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए।
- बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को हल्दी अवश्य अर्पित करें।
- इस दिन मां सरस्वती को खीर का भोग अवश्य लगाएं।
- इस दिन मां सरस्वती को कलम अवश्य अर्पित करते हैं और उसी कलम से अपना जरूरी काम करें।
Basant Panchami Shlok: बसंत पंचमी श्लोक
ओउम या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता ,या वीणावरदण्डमण्डित करा या श्वेत पद्मासना ।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता ,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।
सरस्वती पूजा 2026 (Saraswati Puja 2026)
साल 2026 में सरस्वती पूजा का त्योहार 23 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07:13 से दोपहर 12:33 बजे तक रहेगा।जय शारदा पुस्तक वाली Jai Sharda Pustak Wali
Devi Saraswati Mantra: देवी सरस्वती नाम मंत्र
- ॐ सरस्वत्यै नमः।
- ॐ महाभद्रायै नमः।
- ॐ महमायायै नमः।
- ॐ वरप्रदायै नमः।
- ॐ श्रीप्रदायै नमः।
- ॐ पद्मनिलयायै नमः।
- ॐ पद्मा क्ष्रैय नमः।
- ॐ पद्मवक्त्रायै नमः।
- ॐ शिवानुजायै नमः।
- ॐ पुस्त कध्रते नमः।
Basant Panchami Ka Mahatva In Hindi: बसंत पंचमी का महत्व
बसंत पंचमी के दिन लोग मां सरस्वती की पूजा करते हैं और उन्हें पीली चीजों का भोग लगाते हैं। कहते हैं जो कोई इस दिन सच्चे मन से माता की अराधना करता है उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।सरस्वती विद्या मंत्र (Saraswati Dhyan Mantra)
सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि।विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा।।
why is saraswati puja celebrated: सरस्वती पूजा क्यों मनाई जाती है
पौराणिक मान्यताओं अनुसार सरस्वती पूजा के दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन लोग मां सरस्वती की पूजा करते हैं।Saraswati Puja Mantra: सरस्वती पूजा मंत्र

माँ सरस्वती अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली (Sarasvati Ashtottara Shatnam Namavali)
- ॐ सरस्वत्यै नमः ।
- ॐ महाभद्रायै नमः ।
- ॐ महामायायै नमः ।
- ॐ वरप्रदायै नमः ।
- ॐ श्रीप्रदायै नमः ।
- ॐ पद्मनिलयायै नमः ।
- ॐ पद्माक्ष्यै नमः ।
- ॐ पद्मवक्त्रायै नमः ।
- ॐ शिवानुजायै नमः ।
- ॐ पुस्तकभृते नमः॥ १० ॥
- ॐ ज्ञानमुद्रायै नमः ।
- ॐ रमायै नमः ।
- ॐ परायै नमः ।
- ॐ कामरूपायै नमः ।
- ॐ महाविद्यायै नमः ।
- ॐ महापातक नाशिन्यै नमः ।
- ॐ महाश्रयायै नमः ।
- ॐ मालिन्यै नमः ।
- ॐ महाभोगायै नमः ।
- ॐ महाभुजायै नमः॥ २० ॥
- ॐ महाभागायै नमः ।
- ॐ महोत्साहायै नमः ।
- ॐ दिव्याङ्गायै नमः ।
- ॐ सुरवन्दितायै नमः ।
- ॐ महाकाल्यै नमः ।
- ॐ महापाशायै नमः ।
- ॐ महाकारायै नमः ।
- ॐ महांकुशायै नमः ।
- ॐ पीतायै नमः ।
- ॐ विमलायै नमः॥ ३० ॥
- ॐ विश्वायै नमः ।
- ॐ विद्युन्मालायै नमः ।
- ॐ वैष्णव्यै नमः ।
- ॐ चन्द्रिकायै नमः ।
- ॐ चन्द्रवदनायै नमः ।
- ॐ चन्द्रलेखाविभूषितायै नमः ।
- ॐ सावित्र्यै नमः ।
- ॐ सुरसायै नमः ।
- ॐ देव्यै नमः ।
- ॐ दिव्यालंकारभूषितायै नमः॥ ४० ॥
- ॐ वाग्देव्यै नमः ।
- ॐ वसुधायै नमः ।
- ॐ तीव्रायै नमः ।
- ॐ महाभद्रायै नमः ।
- ॐ महाबलायै नमः ।
- ॐ भोगदायै नमः ।
- ॐ भारत्यै नमः ।
- ॐ भामायै नमः ।
- ॐ गोविन्दायै नमः ।
- ॐ गोमत्यै नमः॥ ५० ॥
- ॐ शिवायै नमः ।
- ॐ जटिलायै नमः ।
- ॐ विन्ध्यावासायै नमः ।
- ॐ विन्ध्याचलविराजितायै नमः ।
- ॐ चण्डिकायै नमः ।
- ॐ वैष्णव्यै नमः ।
- ॐ ब्राह्मयै नमः ।
- ॐ ब्रह्मज्ञानैकसाधनायै नमः ।
- ॐ सौदामिन्यै नमः ।
- ॐ सुधामूर्त्यै नमः॥ ६० ॥
- ॐ सुभद्रायै नमः ।
- ॐ सुरपूजितायै नमः ।
- ॐ सुवासिन्यै नमः ।
- ॐ सुनासायै नमः ।
- ॐ विनिद्रायै नमः ।
- ॐ पद्मलोचनायै नमः ।
- ॐ विद्यारूपायै नमः ।
- ॐ विशालाक्ष्यै नमः ।
- ॐ ब्रह्मजायायै नमः ।
- ॐ महाफलायै नमः॥ ७० ॥
- ॐ त्रयीमूर्त्यै नमः ।
- ॐ त्रिकालज्ञायै नमः ।
- ॐ त्रिगुणायै नमः ।
- ॐ शास्त्ररूपिण्यै नमः ।
- ॐ शुम्भासुरप्रमथिन्यै नमः ।
- ॐ शुभदायै नमः ।
- ॐ स्वरात्मिकायै नमः ।
- ॐ रक्तबीजनिहन्त्र्यै नमः ।
- ॐ चामुण्डायै नमः ।
- ॐ अम्बिकायै नमः॥ ८० ॥
- ॐ मुण्डकायप्रहरणायै नमः ।
- ॐ धूम्रलोचनमर्दनायै नमः ।
- ॐ सर्वदेवस्तुतायै नमः ।
- ॐ सौम्यायै नमः ।
- ॐ सुरासुर नमस्कृतायै नमः ।
- ॐ कालरात्र्यै नमः ।
- ॐ कलाधारायै नमः ।
- ॐ रूपसौभाग्यदायिन्यै नमः ।
- ॐ वाग्देव्यै नमः ।
- ॐ वरारोहायै नमः॥ ९० ॥
- ॐ वाराह्यै नमः ।
- ॐ वारिजासनायै नमः ।
- ॐ चित्राम्बरायै नमः ।
- ॐ चित्रगन्धायै नमः ।
- ॐ चित्रमाल्यविभूषितायै नमः ।
- ॐ कान्तायै नमः ।
- ॐ कामप्रदायै नमः ।
- ॐ वन्द्यायै नमः ।
- ॐ विद्याधरसुपूजितायै नमः ।
- ॐ श्वेताननायै नमः॥ १०० ॥
- ॐ नीलभुजायै नमः ।
- ॐ चतुर्वर्गफलप्रदायै नमः ।
- ॐ चतुरानन साम्राज्यायै नमः ।
- ॐ रक्तमध्यायै नमः ।
- ॐ निरंजनायै नमः ।
- ॐ हंसासनायै नमः ।
- ॐ नीलजङ्घायै नमः ।
- ॐ ब्रह्मविष्णुशिवान्मिकायै नमः॥ १०८ ॥
Shri Saraswati Stuti with lyrics | श्री सरस्वती स्तुति
Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी के दिन कौन से रंग के कपड़े पहनने चाहिए
बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पीले रंग और बसंत पंचमी का क्या संबंध है? इस बारे में कम ही लोग जानते हैं। तो आपको बता दें पीला रंग हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ माना गया है। इसके अलावा ये रंग माता सरस्वती का भी प्रिय होता है। इसलिए ही सरस्वती माता को पीली चीजों का भोग लगाना शुभ माना जाता है। इसके अलावा लोग बसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए भी बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र पहनते हैं। यह रंग बसंत ऋतु की सुंदरता और ताजगी का प्रतीक है। पीला रंग समृद्धि का भी सूचक माना गया है।बसंत पंचमी की पूजा विधि (Basanat Panchami Ki Puja Vidhi)
बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद उनकी विधि विधान पूजा करें। माता को खीर का भोग लगाएं। फिर माता के मंत्रों, चालीसा, श्लोकों और वंदना का पाठ करें। अंत में आरती करके पूजा संपन्न करें।बसंत पंचमी पर क्या करना चाहिए (Basant Panchami Par Kya Karna Chahiye)
- बसंत पंचमी पर पवित्र नदी में स्नान अवश्य करना चाहिए और मां सरस्वती की पूजा के बाद ही कुछ ग्रहण करना चाहिए।
- इस दिन मां सरस्वती को हल्दी अवश्य अर्पित करें और साथ ही उस हल्दी से अपनी पुस्तक पर ‘एं’ भी लिखें।
- ये दिन पुखराज और मोती धारण करने के लिए शुभ माना जाता है।
- इस दिन मां सरस्वती को खीर का भोग जरूर लगाया जाता है।
- बच्चों को इस दिन मां सरस्वती को कलम जरूर अर्पित करना चाहिए और उसी कलम से वर्षभर खुद काम करना चाहिए।
Saraswati Puja Aarti: सरस्वती पूजा आरती
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता ।सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी ।
सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला ।
शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया ।
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
विद्या ज्ञान प्रदायिनि, ज्ञान प्रकाश भरो ।
मोह अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
धूप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो ।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥
॥ जय सरस्वती माता...॥
माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे ।
हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥
Basant Panchami Photo: बसंत पंचमी फोटो

बसंत पंचमी के दिन जरूर करें ये काम
बसंत पंचमी पर देवी सरस्वती को मीठे पीले चावल और लड्डू का प्रसाद के रूप में भोग लगाएं। इस अवसर पर पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है। वसंत पंचमी के दिन पितृ तर्पण अवश्य करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।Saraswati Vandana, Chalisa, Aarti By Anuradha Paudwal: सरस्वती चालीसा
What Is Significance On Vasant Panchami: वसंत पंचमी का महत्व क्या है
बसंत पंचमी पर्व को अबूझ मुहूर्त के तौर पर भी जाना जाता है। कहते हैं इस दिन किसी भी शुभ काम को करने के लिए शुभ मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं पड़ती। ये दिन गृह प्रवेश से लेकर विवाह संबंधी कार्यों तक के लिए भी शुभ माना जाता है। इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनने का खास महत्व माना गया है। कहते हैं बसंत पंचमी पर जो कोई भी मां सरस्वती की विधि विधान पूजा करता है उसके जीवन से अज्ञानता का अंधकार खत्म हो जाता है।Basant Panchami 2025: ज्योतिष में बसंत पंचमी का महत्व
ऐसा कहते हैं कि इस तिथि पर सरस्वती पूजन से गुरु, बुध, चंद्र और शुक्र के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है। इस दिन देवी सरस्वती का पूजन उन लोगों के लिए शुभ होता है जो इन चारों ग्रहों की महादशा या अंतर्दशा से गुजर रहे हैं।सरस्वती माता की आरती (Saraswati Mata Ki Aarti)
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता ।सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी ।
सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला ।
शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया ।
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
विद्या ज्ञान प्रदायिनि, ज्ञान प्रकाश भरो ।
मोह अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
धूप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो ।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥
॥ जय सरस्वती माता...॥
माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे ।
हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥
Why Basant Panchami Is Celebrated In Punjab: पंजाब में बसंत पंचमी का त्योहार क्यों मनाया जाता है
पंजाब में ग्रामीणों को बसंत पंचमी के दौरान सरसों के पीले खेतों में झूमते हुए और पीले रंग की पतंगों उड़ाते हुए देखा जाता है। पंजाब में ये पर्व बसंत ऋतु के आगमन की खुशी में मनाया जाता है।बसंत पंचमी 2025 विवाह मुहूर्त (Basant Panchami 2025 Vivah Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी की तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन सरस्वती पूजा और विवाह का शुभ संयोग बनता है। शास्त्रों के अनुसार इस तिथि पर वर्ष 2025 का पहला अबूझ मुहूर्त बन रहा है। ऐसे में इस दिन उत्तर भाद्रपद, रेवती नक्षत्र रहेगा जो की 2 फरवरी, रविवार के दिन 09:14 ए एम से लेकर 07:08 ए एम तक है, जो कि विवाह के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।Saraswati Mantra And Shlok: सरस्वती मंत्र और श्लोक

प्रार्थना/हे शारदे माँ (Hey Sharde Maa Lyrics)
शारदे माँ, हे शारदे माँहे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ, हे शारदे माँ॥
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तार दे माँ हे शारदे माँ॥
तू स्वर की देवी, ये संगीत तुझसे
हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसे
हम है अकेले, हम है अधूरे
तेरी शरण हम, हमें प्यार दे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तार दे माँ॥
मुनियों ने समझी, गुणियों ने जानी
वेदों की भाषा, पुराणों की बानी
हम भी तो समझे, हम भी तो जाने
विद्या का हमको अधिकार दे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तार दे माँ॥
तू श्वेतवर्णी, कमल पर विराजे
हाथों में वीणा, मुकुट सर पे साजे
मन से हमारे मिटाके अँधेरे
हमको उजालों का संसार दे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तार दे माँ॥
शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तार दे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ॥
Saraswati Shlok: सरस्वती पूजा संस्कृत श्लोक
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥
क्या है पीले रंग का वैज्ञानिक महत्व? (What is The Scientific Significance of Yellow Color)
बसंत पंचमी पर पीले रंग का विशेष महत्व माना जाता है। वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो पीला रंग मन को मजबूत बनाता है। ये रंग हमारे मूड और फीलिंग को अच्छा करता है। इस रंग के कपड़े पहनने से पॉजिटिविटी फील होती है। विज्ञान अनुसार पीला रंग का उपयोग करने से हमारे रक्त में लाल और श्वेत कणिकाओं का विकास होता है यानी रक्त में हिमोग्लोबिन बड़ने लगता है। ये रंग रक्त संचार बढ़ाता है। साथ ही मनुष्य की थकान दूर करता है।Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी पर कैसे बनाएं मीठे चावल
बसंत पंचमी के त्योहार के दिन मीठे चावल या केसरी भात भी बनाया जाता है। इसे बनाने के लिए चावल, घी और गुड़ का उपयोग किया जाता है। काजू, किशिमश, बादाम और केसर इस डिश के टेस्ट को और बढ़ा देते हैं।Sarawati Mata Photo: सरस्वती माता फोटो

Saraswati Vandana In Hindi (सरस्वती वंदना का हिंदी अर्थ)
इस वंदना के माध्यम से भक्त देवी सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए कह रहा है कि 'जो विद्या की देवी मां सरस्वती कुंद के फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की हैं और जो सफेद रंग के वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथों में वीणा-दण्ड है, जिनका आसन श्वेत कमलों पर है और जिन्हें त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शिव द्वारा सदा पूजा जाता है, वो संपूर्ण जड़ता को दूर करने वाली माता सरस्वती हमारी रक्षा करें। शुक्लवर्ण वाली, चराचर विश्व में व्याप्त, आदि-शक्ति, परबह्म के विषय में किये गये विचार और चिंतन के सार रुप परम उत्कर्ष को धारण करने वालीं, सारे भय को दूर करने वाली, अज्ञान रुपी अंधेरे को हटाने वाली, अपने हाथों में वीणा, पुस्तक और स्फटिक की माला को धारण करने वालीं, पद्मासन पर विराजित बुद्धिदात्री, सर्वोच्च ऐश्वर्य से अलंकृत, माता सरस्वती की मैं वंदना करता या करती हूं।'Saraswati Vandana In Sanskrit (सरस्वती वंदना इन संस्कृत)
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं,
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्,
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥
Basant Panchami Puja: बसंत पंचमी पर माता को कौन सा फूल चढ़ाएं
इस दिन माता की पूजा में कमल का फूल जरूर शामिल करें। इससे माता सरस्वती शीघ्र ही प्रसन्न हो जाती हैं।Basant Panchami Rang: बसंत पंचमी का पीले रंग से क्या है संबंध
वसंत पंचमी के दिन बहुत से लोग पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं। इस संदर्भ में बताया जाता है कि, पीला रंग समृद्धि का सूचक होता है। बसंत पंचमी के पर्व के साथ वसंत ऋतु की शुरुआत होती है। इस दौरान हर जगह सरसों की पीली फलसें दिखाई देने लगती हैं और गेहूं की बालियां खिल उठती है। हर जगह पीला ही पीला रंग दिखाई देता है। सात ही माता सरस्वती का भी ये प्रिय रंग माना जाता है। इसलिए ही इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहने जाते हैं।Basant Panchami Story: बसंत पंचमी की कहानी
देवी भागवत में बसंत पंचमी का उल्लेख करते हुए लिखा गया है कि, माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी को ही संगीत, काव्य, कला, शिल्प, रस, छंद, शब्द, शक्ति, विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इसलिए ही इस तिथि पर हर साल बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है।
Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी का त्योहार भारत के अलावा और कहां-कहां मनाया जाता है
बसंत पंचमी का त्योहार भारत के अलावा बांग्लादेश और नेपाल में भी बेहद ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह मां शारदा की उपासना और उनकी असीम अनुकंपा अपने जीवन में हासिल करने के लिए भी बेहद ही महत्वपूर्ण दिन बताया गया है।
Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी पर लक्ष्मी पूजा का भी है विशेष महत्व
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती के साथ-साथ मां लक्ष्मी जी और भगवान विष्णु की पूजा का भी विधान बताया गया है। मुख्य रूप से कारोबारी या व्यवसाई वर्ग के लोग इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। ताकि सरस्वती माता के साथ-साथ देवी लक्ष्मी का वरदान उनके जीवन में बना रहे। इस दिन की पूजा में लक्ष्मी जी की पूजा के साथ-साथ श्री सूक्त का पाठ का नाम बेहद ही शुभ फलदाई साबित हो सकता है।
Saraswati Vandana In Sanskrit: सरस्वती वंदना लिरिक्स

बसंत पंचमी पर माता सरस्वती को प्रसन्न कैसे करें
माता सरस्वती को पीले चंदन का टीका लगाएं और उसी चंदन को अपने मस्तक पर लगाकर मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। इसके बाद मां सरस्वती को पीले रंग की मिठाई और पीले रंग के फलों का भोग लगाना चाहिए। साथ ही पान या सुपारी चढ़ानी चाहिए। अंत में मां सरस्वती की सच्ची श्रद्धा से आराधना करें और उनके मंत्रों का जाप करें।
Maa Saraswati Puja: मां सरस्वती का प्रिय फल
मां सरस्वती का प्रिय फल बेर माना जाता है। इसलि इनकी पूजा में ये फल जरूर शमिल करना चाहिए।Basant Panchami Puja Mantra In Sanskrit

Basant Panchami Rang: बसंत पंचमी का पीले रंग से क्या है संबंध
वसंत पंचमी के दिन बहुत से लोग पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं। इस संदर्भ में बताया जाता है कि, पीला रंग समृद्धि का सूचक होता है। बसंत पंचमी के पर्व के साथ वसंत ऋतु की शुरुआत होती है। इस दौरान हर जगह सरसों की पीली फलसें दिखाई देने लगती हैं और गेहूं की बालियां खिल उठती है। हर जगह पीला ही पीला रंग दिखाई देता है। सात ही माता सरस्वती का भी ये प्रिय रंग माना जाता है। इसलिए ही इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहने जाते हैं।

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