Co-Dependent Relationship: क्या होता है कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप, कैसे रिश्तों को खोखला कर रहा ये चलन, क्या हैं इस खतरनाक रिलेशनशिप के लक्षण और निकलने के तरीके
What is Codependent Relationship: कोडिपेंडेंसी शब्द का मतलब होता है, किन्हीं दो लोगों का एक दूसरे पर निर्भर करना। आजकल रिश्तों में भी कोडिपेंडेंसी देखने को मिलती है। इस तरह के रिश्तों में एक व्यक्ति अपने पार्टनर के लिए हर समस्या का हल ढूंढने में जुटा रहता है। उन्हें अपने पार्टनर की सभी इच्छाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी महसूस होती है।

What is Codependent Relationship in Hindi
What is Codependent Relationship in Hindi: रिलेशनशिप ऐसी चीज है जो दो लोगों से ही चलती है। यूं समझें कि कोई भी रिश्ता स्कूटर के दो पहियों की तरह होता है जिसमें एक भी पहिया अगर खराब है तो रिश्तों की गाड़ी का चलना मुश्किल है। रिश्तों को बेहद प्यार, सम्मान और समझदारी से सींचना पड़ता है। थोड़ी सी भी लापरवाही हमेशा के लिए किसी भी खूबसूरत रिश्ते को तोड़ सकती हैं। लेकिन रिश्तों के साथ एक बात ये भी है कि वह ऐसे पौधे की तरह होता है जिसे हर स्टेज पर अलग तरह से देखभाल की जरूरत होती है। लोग रिश्तों के अलग अलग पड़ाव पर अलग तरह से बर्ताव करते हैं। ऐसा ही एक रिलेशनशिप है जिसे कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप कहा जाता है।
क्या होता है कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप
कोडिपेंडेंसी शब्द का मतलब होता है, किन्हीं दो लोगों का एक दूसरे पर निर्भर करना। आजकल रिश्तों में भी कोडिपेंडेंसी देखने को मिलती है। इस तरह के रिश्तों में एक व्यक्ति अपने पार्टनर के लिए हर समस्या का हल ढूंढने में जुटा रहता है। उन्हें अपने पार्टनर की सभी इच्छाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी महसूस होती है। वह पार्टनर की जरूरतों को अपनी जरूरतों से ऊपर स्थान देते हैं। वे अपने साथी की हर समस्या और दुख को सुलझाने का प्रयास करते हैं, भले ही वे खुद की ठीक से देखभाल नहीं कर पा रहे हों। पार्टनर भी पूरी तरह से उनपर ही डिपेंडेंट हो जाता है। ऐसे रिश्ते को कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप कहते हैं। रिलेशनशिप और हेल्थ एक्सपर्ट्स ऐसे रिश्ते को नुकसानदायक बताते हैं।
क्या हैं कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप के लक्षण (Symptoms of codependent relationship)
कई बार हम जाने अनजाने भी कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप में चले जाते हैं। हमें एहसास ही नहीं होता है कि हम कब अपने पार्टनर पर इतना निर्भर हो गए हैं कि हम खुद को भूलते जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप के लक्षणों को पहचानें। आइए जानते हैं कि किसी भी कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप के क्या लक्षण होते हैं:
1. इस तरह के रिलेशनशिप का सबसे पहला लक्षण ये है कि आप अपने साथी पर इतना निर्भर हो चुके रहते हैं कि आपको उसके बिना खुशी की कमी महसूस होती है। पार्टनर के साथ ही आपको अपनी खुशियों का अहसास होता है।
2. आप कोई भी फैसला करने से पहले अपने पार्टनर की राय का इंतजार करते हैं और उसकी राय के हिसाब से ही अपना फैसला लेते हैं तो यह भी इस बात का संकेत है कि आप पार्टनर पर कोडिपेंडेंट हो चुके हैं।
3. कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप का महत्वपूर्ण लक्षण ये भी है कि आप अपने बारे में सोचना भूल जाते हैं। आपका अपना सारा ध्यान और समय अपने साथी के लिए समर्पित हो जाता है। आपको उसके बिना अधूरा महसूस होता है।
4. आप अगर हर बात के लिए अपने पार्टनर का वेट करते हैं कि वो आएगा तभी कोई कदम उठाएंगे तो यह भी धीरे-धीरे आपको कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप की ओर ले जाता है।
5. अपने पार्टनर की सभी गलत हरकतों को बर्दाश्त करना और उनके बारे में सब जानते हुए भी रिलेशनशिप में बने रहना आपकी कोडिपेंडेंसी को दर्शाता है। आप ना चाहते हुए भी अपने पार्टनर की सभी सही और गलत इच्छाएं पूरी करने और उनके हिसाब से चलने लगते हैं।
कोडिपेंडेट रिलेशनशिप के नुकसान (Negative Effects of Codependent Relationship)
1. कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप में आप हर वक्त अपने पार्टनर को खुश करने में लगे रहते हैं। इस कारण आप खुद के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। आप धीरे-धीरे खुद को भूलने लगते हैं।
2. पार्टनर जब पूरी तरह से अपने साथी पर निर्भर हो जाता है तो उसमें आत्मविश्वास की कमी आने लगती है। वह कोई भी फैसला खुद नहीं ले पाता है।
3. कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप अपने साथ ढेर सारा तनाव भी लेकर आता है। ऐसे रिश्तों में इंसान के ऊपर हर वक्त अपने पार्टनर की जरूरत पूरी करने और उसे खुश रहने का तनाव रहता है।
4. ऐसे रिलेशनशिप का बहुत बड़ा नुकसान ये भी है कि आप समाज से कटने लगते हैं। आपको सोशल सर्किल सिकुड़ने लगता है। आप अपने पार्टनर को ही अपनी पूरी दुनिया समझने लगते हैं।
5. कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप में इंसान अपनी स्वाधीनता और आजादी खो देता है। वह अपनी इच्छा से कुछ नहीं करता। उसका सबकुछ उसके पार्टनर पर डिपेंड रहता है। आप अपने पार्टनर के इशारों पर नाचने लगते हैं।
6. ऐसे रिश्ते में आपकी सारी खुशी पार्टनर से जुड़ जाती है। ऐसे में आप खुद को भूल जाते हैं। यह आपके आत्मसम्मान और आत्मविश्वास पर गहरी चोट करता है।
7. इस तरह के रिलेशनशिप में आप सही गलत का भेद भूलने लग जाते हैं। आपको लगता है कि जो आपका पार्टनर कह रहा है या कर रहा है वही सबसे सही है।
कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
एक्सपर्ट्स कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप को बेहद नकारात्मक मानते हैं। उनके मुताबिक ऐसे रिश्तों में कोई इंसान केवल एक व्यक्ति में अपनी सारी दुनिया देखने लगता है। हर वक्त उसे केवल उस एक ही व्यक्ति और उसकी जरूरत का ख्याल रहता है। ऐसे में वह अपनी वैल्यूज, सेल्फ रेस्पेक्ट और इच्छाओं को पूरी तरह भूलने लग जाता है। उसका जीना-मरना सब कुछ उसके पार्टनर के लिए हो जाता है। यह किसी भी रिश्ते या इंसान के लिए चिंता का कारण बन जाता है। इस तरह के रिलेशनशिप को हेल्थ एक्सपर्ट्स के एक खतरनाक मेंटल सिचुएशन की तरह देखते हैं जो किसी को भी अवसाद में ले जा सकता है।
कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप को बैलेंस करने के तरीके (How to get rid of codependent relationship)
1. इस तरह के रिश्ते से उबरने के लिए सबसे पहले तो आप ये समझ लें कि कोडिपेंडेंसी से ना तो आपका भला होगा और ना ही आपके पार्टनर का। आप जितना जल्दी हो अपनी आदतों को बदल लें।
2. कोडिपेंडेंट रिलेशनशिप से निकलने के लिए आपको अपने परिवार और दोस्तों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहिए। आपको एहसास होगा कि आपको दूसरों के साथ भी खुशी मिल सकती है।
3. आपको अपनी हॉबीज पर ध्यान देना चाहिए। आप खुद को उन कामों में ज्यादा से ज्यादा बिजी रखें जो आपको खुशी देते हों।
4. आपको अपने पार्टनर से खुलकर बात करनी चाहिए। उन्हें समझाएं कि हम जिस तरह से एक दूसरे पर हद से ज्यादा डिपेंडेंट हो चुके हैं वो खतरनाक है। आप दोनों कुछ समय के लिए थोड़ा दूर रहें। सोलो ट्रिप पर जाएं।
5. आप किसी प्रोफेशनल थेरेपिस्ट से कंसल्ट कर सकते हैं। वह आपको ग्रुप और इंडीविजुअल थेरेपी के जरिए ऐसी समस्या से निपटने में बहुत मदद कर सकते हैं।
बता दें कि रिश्ते हर किसी के लिए जरूरी होते हैं। लेकिन ऐसे रिश्ते किस काम के जो आपसे आपकी पहचान ही छीन ले। ऐसे रिश्ते किस काम के जो आपके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाए। तो जब भी आप किसी तरह के रिश्ते में खुद को जोड़ें तो अपना अच्छा बुरा अच्छी तरह से समझ लें। अगर आपको किसी भी तरह की असमंजस की स्थिति का सामना करना पड़ता है तो आप काउंसलिंग करवा सकते हैं। प्रोफेशनल एक्सपर्ट्स की हेल्प आपके लिए बेहद कारगर साबित होगी।
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मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें
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